
दुनिया में दुख के कारणों की कमी नहीं है लेकिन कुछ लोग हर दिन अपने दुख को हराकर मुस्कुराहट के साथ जिंदगी जीते हैं। ऐसी ही कहानी इस बच्ची की है जिसके चेहरे पर सूजन है और शरीर मोटा है लेकिन इंस्टा पर इसके चाहने वाले करोड़ों में हैं। दरअसल, ये यंग कंटेंट क्रिएटर्स में फेमस हैं और इनके 43 M फॉलोअर्स हैं जो रोज इनके वीडियो को देखते हैं। इस प्यारी सी बच्ची का नाम है जसमीत सिंह बांगा (Jasmeet Singh Banga)और प्यार लोग इन्हें गुनीत बुलाते हैं। जसमीत जब 6 साल की थीं तो उन्हें मालूम पड़ा कि उन्हें नेफ्रोटिक सिंड्रोम (Nephrotic syndrom) है जिसकी वजह से उनका चेहरे और पैरों में सूजन आ जाती है। परेशान करने वाली बात ये है कि इस बीमारी का कोई इलाज नहीं है बस हेवी स्टेरॉयड से कुछ फायदे देखने को मिलते हैं। खुद जसमीत ने अपनी ये स्टोरी सोशल मीडिया पर भी शेयर की है।
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क्या है Jasmeet Singh Banga की कहानी?
एक इंस्टा पोस्ट और मीडिया को दिए कई इंटरव्यू में जसमीत ने बताया है कि 2020 में, जब मैं 6 साल की थी तो टिकटॉक पर मेकअप के साथ कुछ क्रिएटिविटी दिखाकर अपने वीडियो पोस्ट करती थीं लेकिन फिर टिकटॉक बंद हुआ। तब जसमीट की मौसी ने इंस्टाग्राम पर रील्स बनाना सिखाया। वहां जसमीत तुरंत वायरल हो गई! अपने इंस्टा पोस्ट में जसमीत बताती हैं कि '' मेरे वीडियो को बहुत पसंद किया गया और व्यू मिले। मुझे मजा आ रहा था लेकिन इस बीमारी के बाद मेरी जिंदगी बदल गई। एक दिन मेरी नानी ने देखा कि मेरी आंखें बहुत सूज गई थीं और धीरे-धीरे मेरे शरीर में भी सूजन आने लगी। ऐसा 1-2 हफ्ते तक चलता रहा। मुझे कमजोर महसूस हुआ, तभी मेरी नानी ने मेरे माता-पिता से मुझे डॉक्टर के पास ले जाने के लिए कहा। लेकिन कोई भी डॉक्टर मुझे ठीक नहीं कर पाया। आखिकार, हमें किडनी स्पेशलिस्ट के पास जाने के लिए कहा गया। वहीं उन्होंने हमें बताया कि मैं नेफ्रोटिक सिंड्रोम से पीड़ित हूं। उन्होंने कहा कि मेरे पेशाब में प्रोटीन की कमी हो रही है, जिससे मेरा चेहरा और पैर सूज जाते हैं। डॉक्टर ने कहा, 'इसका कोई इलाज नहीं है; बस भारी स्टेरॉयड से मदद मिल सकती है।'
बीमारी का पता चलने के बाद भी, मैं कंटेंट बनाती रही लेकिन लोग बुरा-भला कहते और मुझे 'मोटी' कहते या 'जिम जाने' को कहते। पहले तो मम्मी सभी बुरे कमेंट डिलीट कर देती थीं। उन्हें पढ़कर मुझे दुख हुआ लेकिन मेरे परिवार ने हमेशा मुझसे कहा कि मेरे पास कोई कमी नहीं है और मुझे खुद को समझाने की जरूरत नहीं है। अब मैं अपनी फेवरेट हूं।''
तो ये थी 11 साल की जसमीत की कहानी अब आगे Dr. Kishan A, Consultant – Nephrology, Aster CMI Hospital, Bangalore से जानते हैं क्या है ये बीमारी, इसका कारण और इससे निपटने का क्या उपाय है?
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नेफ्रोटिक सिंड्रोम क्या है-What is Nephrotic syndrome?
Dr. Kishan A बताते हैं कि नेफ्रोटिक सिंड्रोम, किडनी की एक ऐसी स्थिति है जिसमें गुर्दे के फिल्टर कमजोर हो जाते हैं और मूत्र में अत्यधिक प्रोटीन निकलने लगता है। प्रोटीन की इस कमी से चेहरे, पैरों या पेट में सूजन, थकान और बार-बार संक्रमण हो सकते हैं। यह किडनी में मौजूद छोटी रक्त वाहिकाओं, जिन्हें ग्लोमेरुली (glomeruli) कहते हैं के क्षतिग्रस्त होने के कारण होता है।

नेफ्रोटिक सिंड्रोम का कारण-Nephrotic syndrome causes in hindi
Dr. Kishan बताते हैं कि इसके कई कारण हो सकते हैं, जैसे डायबिटीज, लंबे समय तक हाई बीपी, कुछ संक्रमण, प्रतिरक्षा प्रणाली की समस्याएं, आनुवंशिक स्थितियां या कुछ दवाओं के प्रति प्रतिक्रिया। कभी-कभी इसका सटीक कारण ज्ञात नहीं होता है। यह स्थिति चिंताजनक है क्योंकि प्रोटीन का स्तर कम होने से शरीर में तरल पदार्थों का संतुलन बिगड़ जाता है, जिससे सूजन, हाई कोलेस्ट्रॉल, झागदार मूत्र और रक्त के थक्के बनने का खतरा बढ़ जाता है।
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नेफ्रोटिक सिंड्रोम से कैसे निपटें-How to deal with Nephrotic syndrome
डॉक्टर बताते हैं कि नेफ्रोटिक सिंड्रोम से निपटने के लिए व्यक्ति को नियमित चिकित्सा देखभाल की जरूरत होती है और उपचार में आमतौर पर सूजन कम करने, रक्तचाप को नियंत्रित करने, कोलेस्ट्रॉल कम करने और अंतर्निहित कारण का इलाज करने के लिए दवाएं शामिल होती हैं। कई मामलों में सूजन को शांत करने के लिए स्टेरॉयड या प्रतिरक्षा-नियंत्रण दवाओं का उपयोग किया जाता है।
इसके अलावा कम नमक वाला आहार सूजन को कम करने में मदद करता है, पर्याप्त पानी पीने से गुर्दे की कार्यप्रणाली में सहायता मिलती है और धूम्रपान और शराब से परहेज करने से शरीर को आगे होने वाले नुकसान से बचाया जा सकता है। वजन, मूत्र उत्पादन और सूजन की निगरानी करना और लक्षणों में सुधार होने पर भी डॉक्टर की सलाह का पालन करना महत्वपूर्ण है।
ध्यान दें कि अगर समय पर इलाज न किया जाए तो इससे दैनिक जीवन में कठिनाई आ सकती है। डॉक्टर ब्लड और यूरिन टेस्ट और कभी-कभी किडनी की बायोप्सी द्वारा इसकी पुष्टि करते हैं ताकि सटीक कारण का पता लगाया जा सके और सही उपचार निर्धारित किया जा सके। शीघ्र निदान, उचित उपचार और स्वस्थ आदतों से कई लोग नेफ्रोटिक सिंड्रोम को नियंत्रित कर सकते हैं और किडनी को गंभीर क्षति से बचा सकते हैं।
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Dec 12, 2025 14:26 IST
Published By : Pallavi Kumari