कोरोना के मामले अभी तक पूरी तरह से थमे नहीं है कि ऐसे में देश में नई-नई बीमारियां उभरके सामने आ रही हैं। पिछले साल नवंबर माह में चीन में रहस्यमयी निमोनिया के कई मामले देखे गए थे। एक बार फिर इस दुर्लभ बीमारी ने लोगों को चिंता बढ़ा दी है। पिछले कुछ समय में चीन में इस बीमारी के मामले बच्चों में तेजी से बढ़े थे। हाल ही में भारत के कोलकाता से भी एक 10 साल की बच्ची इस निमोनिया से संक्रमित पाई गई है।
कोलकाता में रहस्यमयी निमोनिया से संक्रमित मिली बच्ची
कोलकाता के इंस्टीट्यूट ऑफ चाइल्ड हेल्थ में एक 10 साल की बच्ची के इस निमोनिया से संक्रमित होने की बात सामने आ रही है। कोलकाता के बांसद्रोणी में रहने वाली बच्ची को इस निमोनिया से संक्रमित होने पर तेज बुखार और खांसी होने की समस्या हुई, जिसके बाद उसमें सांस फूलने और खांसी जैसे भी लक्षण देखे गए। अस्पताल में भर्ती कराने के बाद चिकित्सकों ने बच्ची में माइकोप्लाज्मा निमोनिया होने की पुष्टि की। दरअसल, यह निमोनिया का ही एक दुर्लभ प्रकार है, जिसे माइकोप्लाज्मा निमोनिया भी कहा जाता है।
दिल्ली में भी मिले 7 मरीज
नवंबर में इस बीमारी को लेकर दुनियाभर में काफी हाहाकार मचा था। यह बीमारी आमतौर पर बच्चों में ज्यादा देखी जाती है। चीन में इस बीमारी के चलते मरीजों को सांस लेने में कठिनाई महसूस हो रही थी। दिल्ली के ऑल इंडिया मेडिकल इंस्टीट्यूट (AIIMS) ने भी पिछले सप्ताह निमोनिया से संक्रमित करीब 7 मरीजों की पुष्टि की थी। इसमें बच्चों की संख्या ज्यादा थी।
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बच्चों को निमोनिया से कैसे बचाएं?
- बच्चों को निमोनिया से बचाने के लिए उसे भीड़-भाड़ वाली जगह ले जाने से बचें। इससे संक्रमण फैलने की आशंका ज्यादा होती है।
- बच्चों को धुएं या फिर प्रदूषण वाली जगह पर ले जाने से बचें। इससे धुआं फेफड़ों तक पहुंच सकता है।
- ऐसे में बच्चे को टॉयलेट करते समय ट्रेनिंगदें और उसे शरीर साफ करने की जानकारी के बारे में बताएं।
- निमोनिया से बचने के लिए बच्चे के हेल्दी खान-पान का ध्यान रखना भी जरूरी है। ऐसे में उसे पोषक तत्वों से भरपूर डाइट दें।