Nephrotic Syndrome: नेफ्रोटिक सिंड्रोम किसी भी उम्र के इंसान को हो सकता है। यह समस्या ज्यादातर बच्चों में देखी जाती है जिनकी उम्र 1 से 6 साल के बीच है। नेफ्रोटिक सिंड्रोम के कारण किडनी से भारी मात्रा में प्रोटीन, यूरिन में चला जाता है। इस वजह से शरीर में मौजूद बॉडी टिशूज में सूजन आने लगती है। नेफ्रोटिक सिंड्रोम से पीड़ित बच्चों को इंफेक्शन जल्दी हो जाता है। नेफ्रोटिक सिंड्रोम से पीड़ित बच्चे ज्यादा यूरिन पास नहीं कर पाते। ब्लड क्लॉट को रोकने वाले प्रोटीन जब, इस कंडीशन के चलते शरीर से बाहर चले जाते हैं, तो शरीर में ब्लड क्लॉट्स हो सकते हैं। नेफ्रोटिक सिंड्रोम के लक्षणों को कंट्रोल न किया जाए, तो किडनी फेल हो सकती है और किडनी ट्रांसप्लांट की नौबत भी आ सकती है। इस लेख में जानेंगे 5 डाइट टिप्स, जो नेफ्रोटिक सिंड्रोम के लक्षणों को कंट्रोल करने में मदद करेंगे। इस विषय पर बेहतर जानकारी के लिए हमने Holi Family Hospital, Delhi की डाइटिशियन सना गिल (Sanah Gill) से बात की।
1. प्रोटीन इंटेक पर गौर करें- Check Protein Intake
नेफ्रोटिक सिंड्रोम की स्थिति में बच्चों की डाइट में संतुलित मात्रा में प्रोटीन को शामिल करें। जरूरत से ज्यादा और कम प्रोटीन दोनों ही बच्चे की सेहत को खराब कर सकते हैं। बच्चों को छोले, टोफू, चने, पनीर आदि को मिक्स करके चाट बना सकते हैं। चाट में ताजी सब्जियों को शामिल करें और बच्चे को दे सकते हैं।
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2. सोडियम इंटेक कम कर दें- Add Sodium Intake in Diet
अगर बच्चे को नेफ्रोटिक सिंड्रोम है, तो उसकी डाइट का खास ख्याल रखना होगा। बच्चे की डाइट से सोडियम की मात्रा कम कर दें। बच्चे बर्गर, पिज्जा आदि खाना चाहते हैं, लेकिन इसमें सोडियम की मात्रा ज्यादा होती है। बच्चे को ताजे फल और सब्जियां खिला सकते हैं।
3. डाइट में होल ग्रेन्स को शामिल करें- Add Whole Grains in Diet
बच्चे की डाइट में ब्राउन राइस, होल ग्रेन ब्रेड, क्विनोआ और ओट्स जैसे हेल्दी अनाज को शामिल करें। बच्चे को रिफाइंड ग्रेन्स देने से बचें। इसके अलावा बच्चे की डाइट में हेल्दी फैट्स को भी शामिल करें। नट्स, सीड्स और ऑलिव ऑयल को मिलाकर खाना पकाएं।
4. पोटैशियम और फास्फोरस की मात्रा चेक करें- Check Potassium and Phosphorus in Diet
नेफ्रोटिक सिंड्रोम होने पर बच्चे के शरीर में पोटैशियम और फास्फोरस की मात्रा को कंट्रोल करने की जरूरत होती है। केला, संतरा, टमाटर और डेयरी प्रोडक्ट्स की मात्रा सीमित ही रखें। डॉक्टर की सलाह के मुताबिक, विटामिन-डी और कैल्शियम इंटेक शुरू करें।
5. बच्चे को ताजे फल और सब्जियां दें- Add Fresh Vegetables in Diet
- बच्चे को नेफ्रोटिक सिंड्रोम की समस्या है, तो उसे ताजे फल और सब्जियां खिलाएं।
- बच्चे को घर का बना ताजा खाना खिलाएं।
- नमक का इस्तेमाल न करें।
- बच्चे की डाइट में फास्ट फूड्स को शामिल न करें।
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