Kidney Biopsy In Hindi: किडनी बायोप्सी एक सर्जिकल प्रक्रिया है जिसमें किडनी की बीमारी का पता लगाने के लिए किडनी का एक छोटा सा टुकड़ा निकाला जाता है और माइक्रोस्कोप के नीचे देखा जाता है। यह बीमारी का सटीक इलाज बताने में मदद करता है और फिर इलाज के तौर-तरीकों को निर्धारित करने में मदद करता है। जब दवाएं और मौजूदा ट्रीटमेंट मरीज पर काम नहीं करता, तब किडनी बायोप्सी की जाती है। किडनी बायोप्सी की मदद से यह पता चलता है कि बीमारी कितनी तेजी से बढ़ रही है। किडनी बायोप्सी की मदद से किसी बीमारी के दुष्प्रभावों को बढ़ने से रोका जा सकता है। सही समय पर टेस्ट करवा लेने से मरीज की किडनी को नुकसान से बचाया जा सकता है। आगे लेख में जानेंगे किडनी बायोप्सी क्यों की जाती है और इसकी प्रक्रिया कैसी होती है। इस विषय पर बेहतर जानकारी के लिए हमने लखनऊ के केयर इंस्टिट्यूट ऑफ लाइफ साइंसेज की एमडी फिजिशियन डॉ सीमा यादव से बात की।
किडनी बायोप्सी क्यों की जाती है?- Why Kidney Biopsy is Done
- जिन लोगों को किडनी की बीमारी होती है उन्हें किडनी बायोप्सी की जरूरत पड़ती है।
- यूरिन और ब्लड सैंपल के आधार पर किडनी की बायोप्सी करवाने की सलाह दी जाती है।
- किडनी बायोप्सी की मदद से यूरिन में खून आने की समस्या (जिसे हेमाट्यूरिया कहा जाता है) का पता लगाया जाता है।
- किडनी बायोप्सी करके यूरिन के साथ प्रोटीन आने की समस्या (जिसे प्रोटीन्यूरिया कहा जाता है) का पता लगाया जाता है।
- अगर किडनी फंक्शन के साथ किसी तरह की समस्या है जैसे- किडनी फंक्शन का धीमा होना, तो उसका भी पता लगाया जाता है।
- किडनी की बीमारी का पता लगाने में किडनी बायोप्सी की अहम भूमिका होती है।
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बायोप्सी प्रक्रिया के चरण- Stages of Kidney Biopsy
- बायोप्सी की प्रक्रिया की बात करें, तो सबसे पहले नेफ्रोलॉजिस्ट यूरिन या ब्लड सैंपल देखकर बायोप्सी करवाने की सलाह देते हैं।
- इसके बाद एलर्जी और वर्तमान इलाज व दवाओं के आधार पर बायोप्सी होनी है या नहीं, यह तय किया जाता है।
- इमेजिंग परीक्षणों जैसे अल्ट्रासाउंड या सीटी स्कैन की मदद से किडनी के स्थान और संरचना का पता लगाया जाता है।
- प्रक्रिया से पहले मरीज को एक अवधि के लिए उपवास करने का निर्देश दिया जा सकता है।
- बायोप्सी होने के बाद रिपोर्ट आने पर यह पता चलता है कि मरीज की किडनी स्वस्थ है या नहीं।
किडनी बायोप्सी कैसे की जाती है?- Procedure for Kidney Biopsy
- किडनी बायोपसी के दौरान मरीज को पेट के बल लेटने के लिए कहा जाता है।
- एक अल्ट्रासाउंड मशीन की मदद से किडनी का साइज देखा जाता है।
- इसके बाद, किडनी में नीडल को इंसर्ट कर दिया जाता है और नीडल से सैंपल लिया जाता है।
- फिर स्किन को एंटीसेप्टिक से साफ कर दिया जाता है।
- किडनी बायोप्सी में मरीज को लोकल एनेस्थीसिया दे दिया जाता है।
- जब पूरी प्रक्रिया खत्म हो जाती है, तो नीडली वाले स्थान पर बैंडेज लगा दिया जाता है।
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