Cornea Transplantation In Hindi: कॉर्निया ट्रांसप्लांटेशन, जिसे हम केराटोप्लास्टी भी कहते हैं। यह मेडिकल प्रक्रिया तब की जाती है, जब कॉर्निया क्षतिग्रस्त हो जाता है। कॉर्निया ट्रांसप्लांटेशन के लिए एक कॉर्निया डोनर चाहिए होता है ताकि हेल्दी कॉर्निया को क्षतिग्रस्त कॉर्निया के साथ ट्रांसप्लांट किया जा सके। लेकिन, किसी भी मेडिकल प्रोसीजर के फायदे हैं, तो कुछ साइड इफेक्ट्स भी होते हैं। साथ ही, डॉक्टर की मानें, तो हर सर्जरी या ट्रांसप्लांटेशन के बाद मरीज को कुछ सावधानियां बरतनी चाहिए और अपना सही तरह से ख्याल रखना चाहिए, ताकि उनकी रिकवरी तेजी से हो सके। यहां हम आपको बता रहे हैं कि कॉर्निया ट्रांसप्लांटेशन से पहले, दौरान और इसके बाद किस तरह की जरूरी बातों पर गौर करना चाहिए। इस बारे में हमने हैदराबाद के सोमाजीगुडा में स्थित मैक्सीविजन सुपर स्पेशियलिटी आई हॉस्पिटल के Cataract and Refractive Surgeon डॉ. अखिल बेवरा से बात की।
कॉर्निया ट्रांसप्लांटेशन से पहले- What To Expect Before A Cornea Transplant In Hindi
जांच करनाः कॉर्निया ट्रांसप्लांटेशन से पहले कई तरह की बातों को ध्यान में रखा जाता है। विशेषकर कॉर्निया सर्जन इस संबंध में काफी बारीक नजर रखते हैं। वे सबसे पहले यह जानने की कोशिश करते हैं कि कॉर्निया को किती क्षति हुई है। इसके लिए कुछ टेस्ट किए जाते हैं, जैसे कॉर्नियल इमेजिंग आदि। अच्छी तरह जांच करने के बाद ही कॉर्निया ट्रांसप्लांटेशन का फैसला लिया जाता है।
मेडिकल हिस्ट्रीः किसी भी तरह की सर्जरी से पहले मरीज की मेडिकल हिस्ट्री का पता होना जरूरी होता है। ऐसा इसलिए आवश्यक है, क्योंकि मेडिकल हिस्ट्री से पता चलता है कि मरीज को किस तरह की दवा नहीं देनी है, ताकि प्रक्रिया के दौरान या बाद ट्रांसप्लांटेशन और रिकवरी में किसी तरह की दिक्कत न हो।
तैयारीः कॉर्निया ट्रांसप्लांटेशन से पहले मरीज को खाना खाने की मनाही होती है। आमतौर पर मरीज को खाने देना है या नहीं, यह इस बात पर निर्भर करता है कि किस तरह का ट्रांसप्लांटेशन होने वाला है। यह डॉक्टर तय करते हैं।
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कॉर्निया ट्रांसप्लांटेशन के दौरान- What To Expect During A Cornea Transplant In Hindi
प्रोसीजरः विशेषज्ञों की मानें, तो यह सर्जरी करीब 1-2 घंटे तक चल सकती है। प्रक्रिया में क्षतिग्रस्त कॉनियल टिश्यूज को रिमूव कर डोनर की हेल्दी कॉर्निया के साथ उसे बदला जाता है।
एनेस्थीसियाः इस प्रक्रिया के दौरान मरीजों को एनेस्थीसिया भी दिया जा सकता है। हालांकि, यह डॉक्टर मरीज की स्थिति देखते हुए तय करता है।
आंखों की सुरक्षाः सर्जरी के तुरंत बाद, आंख की सुरक्षा बहुत जरूरी होती है। कॉर्निया ट्रांसप्लांटेशन के बाद आंखों को अच्छी तरह कवर किया जाता है और मरीज के डिस्चार्ज होने से पहले कुछ समय के लिए उसे मॉनिटर किया जाता है। अगर मरीज की स्थिति सामान्य होती है, तो उन्हें सहजता से डिस्चार्ज कर दिया जाता है।
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कॉर्निया ट्रांसप्लांटेशन के बाद- What To Expect After A Cornea Transplant In Hindi
रिकवरीः कॉर्निया ट्रांसप्लांटेशन एक जटिल प्रक्रिया है। यह एक या दो दिन में ठीक नहीं होता है। कॉर्निया ट्रांसप्लांटेशन के बाद रिकवरी में कई महीने लग जाते हैं। वहीं, कुछ लोगों को एक साल का समय भी लग सकता है। कॉर्निया ट्रांसप्लांटेशन के बाद मरीज को धुंधला ही नजर आता है। नई कॉर्निया के साथ मरीज धीरे-धीरे सेट हो पाता है।
दवाएंः कॉर्निया ट्रांसप्लांटेशन के बाद मरीज को कुछ दवा दी जाती है और उन्हें सभी दवाएं समय पर लेनी होती है। ये दवाएं सूजन को कम करने और संक्रमण को फैलने से रोकती हैं।
नियमित चेकअपः कॉर्निया ट्रांसप्लांटेशन के बाद मरीज की रिकवरी सही हो रही है या नहीं, यह जानने के लिए मरीज को नियमित रूप से अपना चेकअप करवाना चाहिए।
जरूरी सावधानियां
कॉर्निया ट्रांसप्लांटेशन के बाद मरीज को न सिर्फ रिकवरी पर ध्यान देना चाहिए, बल्कि उन्हें कुछ सावधानियां भी बरतनी चाहिए। इससे किसी तरह की अनहोनी को होने से पहले ही रोका जा सकता है। जैसे मरीज को को सलाह दी जाती है कि वे किसी तरह के हैवी वर्कआउट न करें और कॉर्निया ट्रांसप्लांटेशन के बाद कुछ समय के आंखों को पानी के संपर्क में लाने से बचें।
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