Myths And Facts About Cornea Transplants In Hindi: कॉर्नियल ट्रांसप्लांट को हम केराटोप्लास्टी के नाम से भी जानते हैं। यह एक तरह की मेडिकल प्रक्रिया है। यह प्रक्रिया तब की जाती है, जब किसी की कॉर्निया डैमेज हो जाती है। प्रक्रिया के दौरान क्षतिग्रस्त कॉर्निया को रिमूव करके वहां हेल्दी टिश्यूज लगाए जाते हैं। नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन की मानें, तो हाल के सालों में कोविड के बाद से लोगों में कॉर्नियल ट्रांसप्लांट के मामले हिंदुस्तान में बढ़े हैं। इसका मतलब है कि हमें कॉर्नियल ट्रांसप्लांट की ओर विशेष ध्यान देना चाहिए। ऐसा नहीं है कि लोग इसके ओर जागरूक नहीं हो रहे हैं। लेकिन, लोग इसको लेकर गलत बातों पर भी भरोसा कर बैठते हैं। इस बारे में हमने हैदराबाद के सोमाजीगुडा में स्थित मैक्सीविजन सुपर स्पेशियलिटी आई हॉस्पिटल के Cataract and Refractive Surgeon डॉ. अखिल बेवरा से बात की।
कॉर्नियल ट्रांसप्लांट से जुड़े मिथक और उनकी सच्चाई- Myths And Facts Related To Cornea Transplants In Hindi
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मिथकः कॉर्नियल ट्रांसप्लांट बहुत ज्यादा रिस्की होता है
सच्चाईः यह सच है कि हर तरह के ट्रांसप्लांट या सर्जरी में रिस्क होता है। इसी तरह से कॉर्नियल ट्रांसप्लांट में भी होता है। लेकिन, यह हर बार असफल होगा, इस पर विश्वास करना सही नहीं होगा। कॉर्नियल ट्रांसप्लांट सर्जरी ज्यादातर सफल रहती है। विशेषज्ञों की मानें, तो इसके सफलता दर 90 फीसदी से ज्यादा होती है।
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मिथकः आंख पूरी तरह रिमूव हो जाती है
सच्चाईः कई लोग यह मानते हैं कि कॉर्नियल ट्रांसप्लांट प्रक्रिया के दौरान आंख पूरी तरह चेंज हो जाती है। जबकि, ऐसा नहीं है। विशेषज्ञों की मानें, तो कॉर्नियल ट्रांसप्लांट में आंख के सामने की ओर स्पष्ट, गुंबद के आकार की परत को ट्रांसप्लांट किया जाता है। आंख के बाकी हिस्से जैसे रेटिना, आईरिस, लेंस आदि को छुआ भी नहीं जाता है।
मिथकः कॉर्नियल ट्रांसप्लांट के तुरंत बाद आंखें सही हो जाती हैं
सच्चाईः ध्यान रखें कि कॉर्नियल ट्रांसप्लांट किसी तरह की जादू की छड़ी नहीं है। यह एक सर्जरी है, जिसे रिकवरी में समय लगता है। इसके अलावा, आंखों की नजर में भी धीरे-धीरे ही ही सुधार होता है। कुछ मामलों में रिकवरी में करीब हफ्ता भर लग जाता है, तो वहीं कुछ मरीजों को पूरी तरह ठीक होने में एक महीना भी लग सकता है। यह व्यक्ति की इम्यूनिटी पर निर्भर करता है कि कॉर्नियल ट्रांसप्लांट सर्जरी उस पर कितनी कारगर साबित होती है।
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मिथकः कॉर्नियल ट्रांसप्लांट सर्जरी में काफी दर्द होता है
सच्चाईः कॉर्नियल ट्रांसप्लांट एक सर्जरीकल प्रक्रिया है। लेकिन, इस ट्रांसप्लांटेशन के दौरान मरीज को दर्द हो, इसकी संभवना कम है। ऐसा इसलिए, क्योंकि डॉक्टर यह सुनिश्चित करते हैं कि कॉर्नियल ट्रांसप्लांट सर्जरी के दौरान मरीज को दिक्कत न हों। हां, सर्जरी के बाद मरीज को असहजता या तकलीफ हो सकती है।
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