Does High Cholesterol Cause Heart Disease : कोलेस्ट्रॉल के कारण व्यक्ति को कई गंभीर समस्याएं हो सकती हैं। इसके बाद भी आजकल बिजी शेड्यूल के कारण लोग लाइफस्टाइल और डाइट को सुधार नहीं पाते हैं। ऐसे में खराब फूड चॉइस और फिजिकल एक्टिविटी पर ध्यान नहीं देने की वजह से व्यक्ति को हाई कोलेस्ट्रॉल जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। कोलेस्ट्रॉल के कारण शरीर में कई गंभीर समस्याएं हो सकती हैं, लेकिन इस स्थिति को आमतौर पर लोग हार्ट से जोड़कर देखते हैं। ऐसे में कई लोगों के मन में यह सवाल उठता है कि क्या सच में कोलेस्ट्रॉल लेवल हाई होने की वजह से दिल से जुड़ी समस्याएं हो सकती हैं? आइए इस सवाल का जवाब डॉ. एस.एस. सिबिया, हृदय रोग विशेषज्ञ और निदेशक, सिबिया मेडिकल सेंटर, लुधियाना (Dr S.S. Sibia, Cardiologist & Director, Sibia Medical Centre, Ludhiana) से जान लेते हैं।
कोलेस्ट्रॉल और हार्ट डिजीज के बीच क्या है संबंध?- What is the Connection Between Cholesterol and Heart Disease
कोलेस्ट्रॉल और हार्ट डिजीज के बीच एक गहरा संबंध है। कोलेस्ट्रॉल एक तरह का फैट है, जो हमारे शरीर में पाया जाता है। यह हमारी हार्ट हेल्थ के लिए बहुत जरूरी होता है। बता दें कि शरीर में दो तरह का कोलेस्ट्रॉल होता है। पहला गुड कोलेस्ट्रॉल है, जो शरीर के लिए फायदेमंद है। वहीं, दूसरा बैड कोलेस्ट्रॉल है, जो शरीर को नुकसान पहुंचाता है। आइए अब कोलेस्ट्रॉल और हार्ट डिजीज के बीच का संबंध जानते हैं:
1. एलडीएल कोलेस्ट्रॉल का हाई लेवल: एलडीएल कोलेस्ट्रॉल यानी बैड कोलेस्ट्रॉल का हाई लेवल हार्ट डिजीज के खतरे को बढ़ा सकता है, क्योंकि यह आर्टरीज में जमा हो सकता है और उन्हें संकुचित कर सकता है।
2. कोलेस्ट्रॉल का संतुलन: कोलेस्ट्रॉल का संतुलन हमारी हार्ट हेल्थ के लिए बहुत फायदेमंद होता है। बता दें कि एलडीएल कोलेस्ट्रॉल और एचडीएल कोलेस्ट्रॉल के बीच एक संतुलन होना चाहिए। इससे आर्टरीज में एलडीएल कोलेस्ट्रॉल जमा नहीं होता है।
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हाई कोलेस्ट्रॉल से हार्ट डिजीज हो सकती हैं?- Can High Cholesterol Cause Heart Disease
जी हां, हाई कोलेस्ट्रॉल दिल से जुड़ी बीमारियों का कारण बन सकता है। कोलेस्ट्रॉल एक वसायुक्त पदार्थ है, जो ब्लड में घूमता रहता है। बता दें कि शरीर को ठीक से काम करने के लिए कुछ कोलेस्ट्रॉल की आवश्यकता होती है, "खराब" कोलेस्ट्रॉल (एलडीएल) की बहुत ज्यादा मात्रा हानिकारक हो सकती है। इससे एलडीएल का लेवल ऊंचा होता है और आर्टरीज में प्लाक बनने लगता है। इस स्थिति को एथेरोस्क्लेरोसिस के रूप में जाना जाता है, जो आर्टरीज को संकीर्ण और कठोर बनाने में मदद करता है। इससे दिल और अन्य अंगों में ब्लड फ्लो कम या रुक जाता है।
बता दें कि समय के साथ, यह प्लाक बिल्डअप सीने में दर्द (एनजाइना), दिल के दौरे और यहां तक कि स्ट्रोक का कारण बन सकता है। हाई कोलेस्ट्रॉल अक्सर बिना किसी लक्षण के विकसित होता है। ऐसे में नियमित कोलेस्ट्रॉल जांच महत्वपूर्ण है, खासकर अगर व्यक्ति को हृदय रोग या धूम्रपान, हाई ब्लड प्रेशर, मोटापा या इनएक्टिव लाइफस्टाइल जैसे अन्य जोखिम कारकों का पारिवारिक इतिहास है।
कैसे बचाव करें?- How to Prevent
अगर आप इस स्थिति से बचना चाहते हैं, तो स्वस्थ आहार, फिजिकल एक्टिविटी और अगर जरूरी हो, तो दवा के माध्यम से कोलेस्ट्रॉल का मैनेजमेंट, हार्ट डिजीज के जोखिम को काफी कम कर सकते हैं। इसके अलावा, सैचुरेटेड फैट में कम खाद्य पदार्थ, ज्यादा फाइबर का सेवन और ट्रांस फैट से परहेज स्वस्थ कोलेस्ट्रॉल के स्तर को बनाए रखने में मदद कर सकते हैं।
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कुल मिलाकर, कोलेस्ट्रॉल को कंट्रोल रखना हार्ट हेल्थ की रक्षा के लिए बहुत जरूरी होता है। इसके साथ ही, शरीर को कई अन्य फायदे होते हैं। अगर आप कोलेस्ट्रॉल को कंट्रोल करते हैं, तो हेल्दी लाइफ जी सकते हैं। इससे हार्ट समेत शरीर के अन्य हिस्सों को भी फायदे हो सकते हैं।