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हाई कोलेस्ट्रॉल को कम करने में मदद कर सकता है ओमेगा 3 फैटी एसिड, जानें इसके फायदे

खानपान की गलत आदतों की वजह से लोगों में तेजी से बढ़ते कोलेस्ट्रॉल के मामले देखने को मिल रहे हैं। इस लेख में जानते हैं कि हाई कोलेस्ट्रॉल होने पर ओमेगा 3 फैटी एसिड युक्त आहार लेने से आपको क्या फायदे हो सकते हैं?
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हाई कोलेस्ट्रॉल को कम करने में मदद कर सकता है ओमेगा 3 फैटी एसिड, जानें इसके फायदे


काम के बढ़ते प्रेशर की वजह से ज्यादातर लोगों अपने खानपान पर ध्यान नहीं देते हैं। जो लोग दूर दराज इलाकों से काम की तलाश में शहर की ओर आते हैं, खासकर वो लोग खाने की आदतों पर ध्यान नहीं देते हैं। पेट भरने के लिए ऐसे लोग ज्यादातर जंक फूड या बाजार में मिलने वाले तेल भूने खाने से ही अपनी भूख को शांत करते हैं। लेकिन, क्या आपको मालूम है कि डाइट में पौष्टिक आहार को ना लेना और तले भूना खाना लंबे समय तक खाने से आपको लिवर और कोलेस्ट्रॉल से जुड़ी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। यही, वजह है कि शहरी लोगों में हाई कोलेस्ट्रॉल के मामलों में बढ़ोतरी देखने को मिली है। आपको बता दें कि हाई कोलेस्ट्रॉल होने की वजह से व्यक्ति को हृदय रोग होने का जोखिम बढ़ जाता है। ऐसे में लोगों को हार्ट अटैक या हार्ट स्ट्रोक होने की संभावना अधिक होती है। लेकिन, समय रहते डाइट में थोड़े बहुत बदलाव किये जाए तो आप हाई कोलेस्ट्रॉल से होने वाले जोखिम से बच सकते हैं। एक्सपर्ट्स बताते हैं कि डाइट में ओमेगा 3 फैटी एसिड को शामिल करने से हाई कोलेस्ट्रॉल के जोखिम को कम किया ज सकता है। इस लेख में एसेंट्रिक्स डाइट की डाइटिशियन शिवाली गुप्ता से जानते हैं कि हाई कोलेस्ट्रॉल में ओमेगा 3 फैटी एसिड लेने के क्या फायदे हो सकते हैं? 

हाई कोलेस्ट्रॉल में ओमेगा 3 फैटी एसिड के फायदे - Benefits Of Omega 3 Fatty Acids In High Cholesterol In Hindi 

ओमेगा-3 फैटी एसिड शरीर के कार्यों के लिए आवश्यक (Essential Fatty Acid) होता है। इसे शरीर खुद नहीं बना सकता, इसलिए इसे भोजन या सप्लीमेंट के माध्यम से प्राप्त करना किया जाता है। आगे जानते हैं कि हाई कोलेस्ट्रॉल में इसे लेने से क्या फायदे हो सकते हैं। 

ट्राइग्लिसराइड स्तर में कमी

ओमेगा-3 फैटी एसिड, खासकर EPA और DHA, ब्लड में मौजूद ट्राइग्लिसराइड के स्तर को कम करने में मदद करते हैं। ट्राइग्लिसराइड का हाई लेवल हृदय रोगों का प्रमुख कारण होता है।

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एचडीएल (अच्छे कोलेस्ट्रॉल) में बढ़ाने में मदद करें

ओमेगा-3 फैटी एसिड HDL कोलेस्ट्रॉल को बढ़ाता है, जो शरीर से अतिरिक्त कोलेस्ट्रॉल को हटाने में मदद करता है। इससे धमनियों की सफाई होती है और हृदय स्वास्थ्य बेहतर रहता है।

एलडीएल (खराब कोलेस्ट्रॉल) को प्रभावित करना

ओमेगा-3 फैटी एसिड LDL कोलेस्ट्रॉल को सीधे कम नहीं करता, लेकिन इसके कणों को बड़े आकार का बना देता है, जिससे ये कम हानिकारक हो जाते हैं।

सूजन में कमी

हाई कोलेस्ट्रॉल अक्सर शरीर में सूजन (inflammation) को बढ़ाता है, जो दिल की बीमारियों का कारण बनता है। ओमेगा-3 फैटी एसिड सूजन को कम करता है और शरीर के इम्यून रिस्पॉन्स को संतुलित करता है।

हार्ट की रिदम को नियमित करने में सहायक

समुद्री आहार से प्राप्त ओमेगा 3 फैटी एसिड जैसे EPA और DHA दिल की धड़कन को स्थिर रखते हैं, जिससे अनियमित धड़कनों (arrhythmia) का खतरा कम होता है और हार्ट स्ट्रोक की संभावना घटती है।

ओमेगा-3 फैटी एसिड के प्रमुख सोर्स क्या होते हैं? - Food Source Of Omega 3 Fatty Acid In Hindi

  • अलसी के बीजों (Flaxseeds) में पौधे से प्राप्त ओमेगा 3 फैटी एसिड (ALA) की भरपूर मात्रा होती है। इन्हें पीसकर सलाद, स्मूदी या रोटी के आटे में मिलाया जा सकता है।
  • सोया दूध, टोफू और एडामे में भी ओमेगा 3 फैटी एसिड पाया जाता है, जो शाकाहारी लोगों के लिए अच्छा विकल्प है।
  • चिया सीड्स न केवल ओमेगा-3 से भरपूर होते हैं, बल्कि फाइबर और प्रोटीन का भी अच्छा स्रोत हैं।
  • अखरोट में भी ओमेगा 3 फैटी एसिड पाया जाता है और यह एक हेल्दी स्नैक के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है।
  • भांग के बीज (hemp seeds) न केवल ओमेगा-3 का अच्छा सोर्स है, बल्कि इनमें ओमेगा-6 का संतुलित अनुपात भी होता है।
  • फिश जैसे कि साल्मन (Salmon), मैकेरल (Mackerel), टूना (Tuna) आदि में ओमेगा 3 फैटी एसिड पाया जाता है। 

इसे भी पढ़ें: हाई कोलेस्ट्रॉल को कम करने के लिए करें इन आदतों में बदलाव

ओमेगा-3 फैटी एसिड हार्ट हेल्थ को बनाए रखने में एक प्रभावशाली पोषक तत्व है, विशेषकर उन लोगों के लिए जिनके कोलेस्ट्रॉल का लेवल अधिक है। यह न केवल ट्राइग्लिसराइड्स को घटाता है, बल्कि सूजन कम करता है। यह शरीर के लिए आवश्यक हेल्दी कोलेस्ट्रॉल यानी एचडीएल को बढ़ाने में मदद करता है। जबकि खराब कोलेस्ट्रॉल यानी एलडीएल के स्तर को कम करने में मदद करता है। यदि आपको हाई कोलेस्ट्रॉल की समस्या है तो ऐसे में आप डॉक्टर की सलाह पर डाइट में आवश्यक बदलाव कर सकते हैं।

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