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हाई बीपी को कंट्रोल करते हैं पॉलीअनसैचुरेटेड फैट्स, एक्‍सपर्ट से जानें स्रोत और फायदे

पॉलीअनसैचुरेटेड फैट्स (ओमेगा-3, ओमेगा-6) धमनियों को लचीला बनाकर, कोलेस्ट्रॉल कम कर और सूजन घटाकर हाई बीपी को कंट्रोल करने में मदद करते हैं।
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हाई बीपी को कंट्रोल करते हैं पॉलीअनसैचुरेटेड फैट्स, एक्‍सपर्ट से जानें स्रोत और फायदे

हाई ब्लड प्रेशर (High Blood Pressure), जिसे हाइपरटेंशन भी कहते हैं, आजकल एक आम समस्या बन गई है। यह स्थिति तब होती है जब ब्‍लड, धमनियों की दीवारों पर बहुत ज्‍यादा दबाव डालता है। लंबे समय तक हाई बीपी बने रहने से हृदय रोग, स्ट्रोक और किडनी की समस्याओं का खतरा बढ़ सकता है। इसे कंट्रोल करने के लिए लाइफस्टाइल और आहार में बदलाव बेहद जरूरी होते हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि पॉलीअनसैचुरेटेड फैट्स (Polyunsaturated Fats) का नियमित सेवन हाई बीपी को कम करने में फायदेमंद हो सकता है। ये फैट्स धमनियों को लचीला बनाते हैं, कोलेस्ट्रॉल लेवल को कंट्रोल करते हैं और सूजन को कम करने में मदद करते हैं। इसके अलावा, ये फैट्स ब्लड सर्कुलेशन सुधारते हैं, जिससे दिल पर पड़ने वाला दबाव कम होता है।पॉलीअनसैचुरेटेड फैट्स को शरीर के लिए अच्छे फैट्स माना जाता है। ये ओमेगा-3 और ओमेगा-6 फैटी एसिड्स के रूप में पाए जाते हैं, जो हृदय स्वास्थ्य को बनाए रखने और ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करने में अहम भूमिका निभाते हैं। इस लेख में हम जानेंगे हाई बीपी की समस्‍या को दूर करने के ल‍िए पॉलीअनसैचुरेटेड फैट्स के फायदे और स्रोत। इस व‍िषय पर बेहतर जानकारी के ल‍िए हमने लखनऊ के केयर इंस्‍टिट्यूट ऑफ लाइफ साइंसेज की एमडी फ‍िजिश‍ियन डॉ सीमा यादव से बात की।

पॉलीअनसैचुरेटेड फैट्स क्या होते हैं?- What are Polyunsaturated Fats

पॉलीअनसैचुरेटेड फैट्स, अच्छे फैट्स की श्रेणी में आते हैं। ये फैट्स मुख्य रूप से दो प्रकार के होते हैं-

ये दोनों फैटी एसिड्स शरीर के लिए जरूरी होते हैं, क्योंकि हमारा शरीर इन्हें खुद से नहीं बना सकता। इनका सेवन हार्मोनल संतुलन बनाए रखने और कोशिकाओं को स्वस्थ रखने में मदद करता है।

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हाई बीपी के लिए पॉलीअनसैचुरेटेड फैट्स के फायदे- Polyunsaturated Fats Benefits to Control High BP

  • पॉलीअनसैचुरेटेड फैट्स धमनियों की कठोरता को कम करते हैं, जिससे ब्लड फ्लो सुचारू होता है और ब्लड प्रेशर कंट्रोल होता है।
  • यह फैट्स एलडीएल (खराब कोलेस्ट्रॉल) को घटाते हैं और एचडीएल (अच्छे कोलेस्ट्रॉल) को बढ़ाते हैं, जिससे दिल पर पड़ने वाला दबाव कम होता है।
  • ओमेगा-3 फैटी एसिड्स शरीर में सूजन (Inflammation) को कम करते हैं, जो हाई बीपी का एक बड़ा कारण हो सकता है।
  • पॉलीअनसैचुरेटेड फैट्स धमनियों को लचीला बनाए रखते हैं, जिससे ब्लड फ्लो सही रहता है और ब्लड प्रेशर कम होता है।
  • इन फैट्स का नियमित सेवन दिल की बीमारियों का खतरा कम करता है।
  • यह फैट्स बार-बार भूख लगने की समस्‍या को कंट्रोल करते हैं और अनावश्यक वजन बढ़ने से रोकते हैं, जिससे बीपी कंट्रोल रहता है।
  • यह इंसुलिन सेंस‍िट‍िव‍िटी को बढ़ाते हैं, जिससे हाई बीपी और डायबिटीज का जोखिम घटता है।

पॉलीअनसैचुरेटेड फैट्स के मुख्य स्रोत- Polyunsaturated Fats Food Sources

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ओमेगा-3 फैटी एसिड्स के स्रोत- Omega-3 Fatty Acid Sources

  • मछली: सैल्मन, मैकेरल, ट्यूना
  • नट्स: अखरोट
  • बीज: फ्लैक्स सीड (अलसी के बीज), चिया सीड्स
  • सोयाबीन और इसका तेल

ओमेगा-6 फैटी एसिड्स के स्रोत- Omega-6 Fatty Acid Sources

  • सूरजमुखी का तेल
  • कद्दू के बीज
  • मकई का तेल
  • अखरोट

सावधानियां

  • ज्‍यादा मात्रा में ओमेगा-6 फैटी एसिड्स का सेवन सूजन बढ़ा सकता है। इसलिए ओमेगा-3 और ओमेगा-6 के संतुलन का ध्यान रखें।
  • प्रोसेस्ड फूड में मौजूद फैट्स से बचें।

पॉलीअनसैचुरेटेड फैट्स एक नेचुरल और हेल्दी तरीका है हाई बीपी को कंट्रोल में रखने का। इन्हें अपने डाइट में शामिल करने से न केवल ब्लड प्रेशर सही रहता है, बल्कि हृदय और पूरे स्वास्थ्य को भी बेहतर बनाया जा सकता है।

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