Difference Between Omega 3, 6 and 9 Fatty Acids: ओमेगा 3, 6, और 9 फैटी एसिड्स तीन प्रकार के अनसैचुरेटेड फैटी एसिड हैं, जो हमारे स्वास्थ्य के लिए जरूरी हैं। हालांकि इन तीनों का नाम समान है, लेकिन इनकी बनावट, स्रोत और हमारे शरीर पर होने वाले प्रभाव अलग-अलग होते हैं। ओमेगा फैटी एसिड, का मुख्य काम कोशिकाओं के निर्माण में मदद करता है, शरीर को एनर्जी देता है। ह्रदय, दिमाग और त्वचा के स्वास्थ्य के लिए ओमेगा फैटी एसिड्स जरूरी होते हैं। इस लेख में जानेंगे ओमेगा 3, 6 और न में अंतर, तीनों के फायदे, स्रोत और नुकसान। इस विषय पर बेहतर जानकारी के लिए हमने दिल्ली के होली फैमिली हॉस्पिटल की डाइटिशियन सना गिल से बात की।
1. ओमेगा 3 फैटी एसिड- Omega 3 Fatty Acid
ओमेगा 3 फैटी एसिड पॉलीअनसैचुरेटेड फैटी एसिड्स होते हैं। इनमें तीन प्रकार के केमिकल्स शामिल होते हैं। एएलए (अल्फा-लिनोलेनिक एसिड), ईपीए (इकोसापेंटेनोइक एसिड), और डीएचए (डोकोसाहेक्सैनोइक एसिड)। इनमें से एएलए पौधों में पाया जाता है, जबकि ईपीए और डीएचए मुख्य रूप से समुद्री स्रोतों जैसे मछलियों में मिलते हैं।
ओमेगा 3 के स्रोत:
- अलसी, चिया बीज, अखरोट (ALA)
- सैलमन फिश (EPA और DHA)
फायदे:
ओमेगा 3 हार्ट और दिमाग के स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद हैं। यह बीपी को कंट्रोल करने, बैड कोलेस्ट्रॉल को कम करने और अच्छे कोलेस्ट्रॉल को बढ़ाने में मदद करता है।
नुकसान:
अधिक मात्रा में ओमेगा 3 लेने से खून पतला हो सकता है।
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2. ओमेगा 6 फैटी एसिड- Omega 6 Fatty Acid
ओमेगा 6 फैटी एसिड भी पॉलीअनसैचुरेटेड फैटी एसिड्स होते हैं। सबसे सामान्य प्रकार का ओमेगा 6 फैटी एसिड लिनोलेनिक एसिड है।
ओमेगा 6 के स्रोत:
सनफ्लावर ऑयल, सोयाबीन ऑयल, कॉर्न ऑयल
फायदे:
ओमेगा 6 शरीर को एनर्जी देने का काम करता है और विकास व इम्यूनिटी के लिए जरूरी होता है।
नुकसान:
अगर ओमेगा 6 की मात्रा ओमेगा 3 की तुलना में ज्यादा हो जाती है, तो इससे सूजन बढ़ सकती है। इस वजह से हृदय रोग, अर्थराइटिस के लक्षण और अन्य सूजन संबंधी समस्याओं का खतरा बढ़ जाता है।
3. ओमेगा 9 फैटी एसिड- Omega 9 Fatty Acid
ओमेगा 9 मोनोअनसैचुरेटेड फैटी एसिड्स होते हैं, जिनमें ओलिक एसिड सबसे सामान्य प्रकार है। इस फैटी एसिड का निर्माण हमारा शरीर भी करता है।
स्रोत:
जैतून का तेल, एवोकाडो तेल, मूंगफली का तेल, बादाम
फायदे:
ओमेगा 9 का सबसे बड़ा लाभ यह है कि यह दिल के स्वास्थ्य में सुधार करता है। यह अच्छे कोलेस्ट्रॉल के स्तर को बढ़ाने और खराब कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करने में मदद करता है। यह इंसुलिन सेंसिटिविटी को बढ़ाने और ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल करने में मदद करता है।
नुकसान:
ओमेगा 9 फैटी एसिड शरीर में खुद ही बन सकता है, इसलिए इसके अतिरिक्त सेवन की जरूरत नहीं होती। हालांकि, इसके स्वस्थ स्रोत का सेवन संतुलित मात्रा में करना फायदेमंद होता है।
ओमेगा 3, 6, और 9 के बीच क्या अंतर है?- Omega 3, 6 and 9 Fatty Acids Difference
इन तीनों फैटी एसिड्स का सही संतुलन बनाए रखना जरूरी होता है। हमारे भोजन में ओमेगा-3 और ओमेगा-6 के बीच संतुलन बिगड़ सकता है, क्योंकि ओमेगा 6 का सेवन अक्सर ओमेगा 3 की तुलना में ज्यादा होता है। आदर्श रूप से, ओमेगा 6 और ओमेगा 3 का अनुपात 4:1 या उससे कम होना चाहिए। ओमेगा 6 की ज्यादा मात्रा के कारण सूजन बढ़ सकती है, इसलिए ओमेगा 3 की पर्याप्त मात्रा लेना जरूरी है। ओमेगा 3, 6, और 9 तीनों प्रकार के फैटी एसिड्स हमारे शरीर के लिए अलग-अलग काम करते हैं और हमारे स्वास्थ्य के लिए जरूरी हैं। ओमेगा 3 और 6 जरूरी फैटी एसिड्स हैं जिन्हें हमें भोजन से प्राप्त करना पड़ता है, जबकि ओमेगा 9 फैटी एसिड हमारा शरीर भी बनाता है। सही संतुलन के साथ इनका सेवन हृदय, दिमाग और त्वचा के स्वास्थ्य के लिए लाभकारी होता है, जबकि असंतुलन से सूजन और अन्य स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं।
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