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क्या ओमेगा-3 फैटी एसिड से नींद की क्वालिटी बेहतर होती है? जानें क्या कहते हैं डॉक्टर

आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में तनाव, मोबाइल का ज्यादा उपयोग, अनियमित दिनचर्या और खानपान की गड़बड़ियां नींद की क्वालिटी को प्रभावित कर रही हैं। यहां जानिए, क्या ओमेगा-3 फैटी एसिड से नींद की क्वालिटी बेहतर होती है?
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क्या ओमेगा-3 फैटी एसिड से नींद की क्वालिटी बेहतर होती है? जानें क्या कहते हैं डॉक्टर


क्या आप भी रात भर करवटें बदलते रहते हैं? मोबाइल स्क्रॉल करते-करते आधी रात बीत जाती है और सुबह उठने पर थकान महसूस होती है? अगर हां, तो आप अकेले नहीं हैं। आज के तेज-तर्रार जीवन में अनिद्रा (Insomnia) और नींद की कमी (Lack of Sleep) एक आम समस्या बन चुकी है। तनाव, स्क्रीन टाइम, अनियमित दिनचर्या और खराब खानपान की वजह से लोग गहरी नींद (Deep Sleep) से दूर होते जा रहे हैं। अगर आप अक्सर थकान महसूस करते हैं, नींद टूट जाती है या सुबह उठने पर फ्रेश महसूस नहीं करते, तो यह आपके शरीर में ओमेगा-3 की कमी का संकेत हो सकता है। इस लेख में पारस हेल्थ, गुरुग्राम के इंटरनल मेडिसिन विभाग के एचओडी, डॉ आरआर दत्ता (Dr. RR Dutta, HOD, Internal Medicine, Paras Health, Gurugram) से जानिए, क्या ओमेगा-3 फैटी एसिड से नींद की क्वालिटी बेहतर होती है?

क्या ओमेगा-3 फैटी एसिड से नींद की क्वालिटी बेहतर होती है? - Can Omega 3 Fatty Acids Improve Sleep Quality

डॉ आरआर दत्ता बताते हैं कि जिन लोगों के शरीर में ओमेगा-3 की मात्रा पर्याप्त होती है, वे बेहतर और गहरी नींद लेते हैं। खासकर DHA मस्तिष्क में मेलाटोनिन के लेवल को बढ़ाने में मदद करता है यह वही हार्मोन है जो नींद-जागरण चक्र (sleep-wake cycle) को कंट्रोल करता है।

ओमेगा-3 फैटी एसिड शरीर के लिए जरूरी पॉलीअनसैचुरेटेड फैट्स (Polyunsaturated Fats) हैं जिन्हें शरीर खुद नहीं बना सकता। इन्हें हमें डाइट से प्राप्त करना पड़ता है। ओमेगा-3 मुख्य रूप से तीन प्रकार के होते हैं ALA (Alpha-linolenic acid), EPA (Eicosapentaenoic acid, DHA (Docosahexaenoic acid)।

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  • DHA मस्तिष्क में मेलाटोनिन प्रोडक्शन को कंट्रोल करता है, जो नींद आने में मदद करता है।
  • ओमेगा-3 में मौजूद EPA शरीर में कॉर्टिसोल (Cortisol) लेवल को कम करने में मदद करता है, जिससे तनाव घटता है और मन शांत होता है।
  • कई बार अनिद्रा (Insomnia) का कारण डिप्रेशन या मूड स्विंग होता है। ओमेगा-3 मूड बैलेंस बनाए रखकर बेहतर नींद में मदद करता है।
  • शरीर में सूजन (inflammation) बढ़ने से नींद के पैटर्न प्रभावित होते हैं। ओमेगा-3 की एंटी-इंफ्लेमेटरी क्षमता नींद को बेहतर बनाती है।

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omega 3 fatty acid for sleep quality

स्टडी क्या कहती है?

NIH की एक स्टडी के अनुसार, DHA और EPA जो कि विभिन्न कार्यों वाले ओमेगा-3 फैटी एसिड हैं, बच्चों और युवा वयस्कों में नींद को प्रभावित करते हैं। हालांकि, मध्य और अधिक उम्र के वयस्कों की नींद पर इनके प्रभावों के बारे में केवल सीमित अध्ययन ही सामने आए हैं।

स्टडी में 66 स्वस्थ जापानी पुरुषों और महिलाओं को यादृच्छिक (random) रूप से चुना गया। प्रत्येक व्यक्ति को 12 सप्ताह तक प्रतिदिन छह 480 mg कैप्सूल दिए गए, जिनमें 576 mg DHA और 284 mg EPA प्रति दिन शामिल था। नींद की स्थिति परीक्षणों से पता चला कि DHA/EPA समूह में नींद की दक्षता (sleep efficiency) में सुधार हुआ। यह अध्ययन पहला है जो यह बताता है कि DHA/EPA मध्य और अधिक उम्र के व्यक्तियों में नींद की क्वालिटी में सुधार करता है।

निष्कर्ष

ओमेगा-3 फैटी एसिड नींद की क्वालिटी को सुधारने में एक प्राकृतिक और सुरक्षित उपाय साबित हो सकते हैं। ये मेलाटोनिन हार्मोन को कंट्रोल कर, तनाव घटाकर और मस्तिष्क को शांत रखकर गहरी और सुकूनभरी नींद में मदद करते हैं। हालांकि, बैलेंस डाइट, नियमित एक्सरसाइज और सोने से पहले मोबाइल या लैपटॉप से दूरी बनाना भी उतना ही जरूरी है। अगर आप नींद की समस्या से जूझ रहे हैं, तो अपनी डाइट में ओमेगा-3 से भरपूर फूड्स जरूर शामिल करें।

All Images Credit- Freepik

FAQ

  • ओमेगा-3 सबसे ज्यादा किसमें पाया जाता है?

    सैल्मन, ट्यूना, सार्डिन जैसी फैटी फिश, अलसी के बीज (Flax seeds) और अखरोट में ओमेगा-3 अच्छी मात्रा में पाया जाता है।
  • ओमेगा-3 की कमी से क्या समस्याएं हो सकती हैं?

    इसकी कमी से थकान, स्किन की ड्राईनेस, मूड स्विंग्स, ध्यान की कमी, जोड़ों में दर्द और नींद में बाधा जैसी समस्याएं हो सकती हैं।
  • ओमेगा-3 सप्लीमेंट कब और कैसे लेना चाहिए?

    आमतौर पर इसे खाने के बाद लिया जाता है ताकि शरीर इसे अच्छे से अवशोषित कर सके, लेकिन इसे शुरू करने से पहले डॉक्टर या न्यूट्रिशनिस्ट से सलाह लेना जरूरी है।

 

 

 

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  • Current Version

  • Oct 27, 2025 18:46 IST

    Published By : Akanksha Tiwari

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