कोरोना वायरस के नए वैरिएंट्स के लक्षण, केस और ताजा अपडेट्स
- JN.1 Variant क्या है?
- क्या है NB.1.8.1 और LF.7?
- कितनी तेजी से फैल सकता है NB.1.8.1 और LF.7?
- अमेरिका, चीन और हांगकांग में दिखे ज्यादा मामले
- कैसे करें खुद का बचाव?
- Articles
भारत में कोरोना वायरस के दो नए वैरिएंट NB.1.8.1 और LF.7, अब अपना पैर पसार रहे हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों की मानें तो अब तक इसके हजार से ज्यादा मामले सामने आ चुके हैं। फिलहाल, कुल 1010 मामले हैं जिसमें कि सबसे ज्यादा मामले केरला में 335 हैं। इसके अलावा महाराष्ट्र में 154 और दिल्ली में 99 मामले आए हैं। INSACOG के आंकड़ों के अनुसार, अप्रैल में तमिलनाडु में NB.1.8.1 का एक मामला सामने आया था, और मई में गुजरात में LF.7 के चार मामले सामने आए थे। इसके बाद पश्चिम बंगाल और देश के कई राज्यों में भी NB.1.8.1 और LF.7 के मामले देखे गए। हालांकि, स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार स्थिति फिलहाल नियंत्रण में है लेकिन आम लोगों में कोरोना के इन दो नए वैरिएंट को लेकर जानकारी होनी चाहिए।
दरअसल, कोरोना के 2 नए वैरिएंट NB.1.8.1 और LF.7 खूब चर्चा में हैं। NB.1.8.1 में इस तरह के म्यूटेशन से बना है जिसकी वजह से यह तेजी से फैल रहा है और एक्सपर्ट्स में इसलिए भी यह चिंता की वजह बना हुआ है। हालांकि, NB.1.8.1 और LF.7 दोनों ही, JN.1 वैरिएंट की उप-वंशावली हैं, जो भारत में सबसे प्रभावी स्ट्रेन बना हुआ है। इसलिए पहले जानते हैं JN.1 वैरिएंट क्या है और फिर जानेंगे NB.1.8.1 और LF.7 के बारे में विस्तार से।
JN.1 Variant क्या है?
JN.1 Variant, ओमिक्रॉन वैरिएंट का एक नया रूप है। इसे Pirola Variant भी कहा जाता है। ओमिक्रॉन की तरह, यह आसानी से फैलता है। JN.1 वैरिएंट के स्पाइक प्रोटीन में एक अतिरिक्त उत्परिवर्तन है जो इसे बेहद संक्रामक बनाता है। दरअसल, स्पाइक प्रोटीन वायरस का वह हिस्सा है जो इसे मानव कोशिकाओं से जुड़ने और प्रवेश करने में मदद करता है। अब तक, JN.1 वैरिएंट के कारण होने वाले ज्यादातर संक्रमण में हल्के लक्षण देखे जा रहे हैं। लक्षण काफी हद तक पिछले ओमिक्रॉन सब-वैरिएंट में देखे गए लक्षणों के समान हैं, जैसे कि:
- थोड़े समय तक रहने वाला बुखार
- सूखी या हल्के कफ के साथ खांसी
- गले में खराश जो लंबे समय तक परेशान कर सकता है
- नाक बहना या बंद होना
- थकावट या कमजोरी का अहसास
- सिरदर्द
- शरीर या मांसपेशियों में दर्द
क्या है NB.1.8.1 और LF.7?
NB.1.8.1 और LF.7 दोनों में ऐसे उत्परिवर्तन हैं जो उन्हें तेजी से फैलने में मदद कर सकते हैं। NB.1.8.1 और LF.7 एक सब वैरिएंट हैं जो XDV.1.5.1 नामक एक रिकंबाइंड स्ट्रेन से आते हैं। NB.1.8.1 में, JN.1 की तुलना में आठ बार स्पाइक प्रोटीन में म्यूटेशन हुआ है। इसका पहला मामला अप्रैल 2025 में तमिलनाडु में आया था। इस वैरिएंट से संक्रमित लोगों को आमतौर पर सर्दी-जुकाम वाले लक्षण नजर आते हैं।
NB.1.8.1 और LF.7 के लक्षण
इन दोनों वैरिएंट्स के कारण होने वाले लक्षण आम तौर पर अन्य ओमिक्रॉन वेरिएंट के समान होते हैं:
- बुखार
- ठंड लगना
- खांसी
- गले में खराश
- थकान
- शरीर या सिर में दर्द महसूस होना
कितनी तेजी से फैल सकता है NB.1.8.1 और LF.7?
इन दोनों वैरिएंट्स में ऐसे म्यूटेशन हैं जो इन्हें तेजी से फैलने और वैक्सीन द्वारा उत्पन्न इम्युनिटी से बच निकलने में मदद करते हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने LF.7 और NB.1.8 को "Variants Under Monitoring" की श्रेणी में रखा है और लगातार इन पर नजर बनाए हुए है।
दुनियाभर में तेजी फैल रहा है NB.1.8.1
भारत ही नहीं दुनियाभर में इस वैरिएंट के मामलों में बढ़ोतरी हो रही है। NB.1.8.1 अब तक लगभग 22 देशों में फैल चुका है। CDC के अनुसार, अमेरिका और एशिया में बड़े पैमाने पर कोरोना मामलों में उछाल देखा गया है, जिसमें सबसे ज्यादा NB.1.8.1 वैरिएंट पाए गए हैं।
अमेरिका, चीन और हांगकांग में दिखे ज्यादा मामले
संयुक्त राज्य अमेरिका, चीन और हांगकांग में NB.1.8.1 के मामले सबसे ज्यादा देखे जा रहे हैं और यहां इससे लोगों की मौत भी हुई है। स्थिति को देखते हुए अमेरिका के कई एयरपोर्ट्स पर इस वैरिएंट के लिए यात्रियों की जांच की जा रही है।
कैसे करें खुद का बचाव?
NB.1.8.1 और LF.7 से बचाव के लिए ये सावधानियाँ अपनाएं:
- लक्षण दिखते ही कोविड टेस्ट करवाएं।
- संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने पर जांच कराएं।
- अगर आपने वैक्सीन नहीं ली है, तो तुरंत लगवाएं।
- बूस्टर डोज एक्सपर्ट की सलाह से लें। बूस्टर डोज जानकारी
- आइसोलेशन का पालन करें ताकि संक्रमण ना फैले।
- हाथ धोना, हाइजीन बनाए रखना और मास्क पहनना न भूलें।