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कोरोना के JN.1 वैरिएंट ने फिर दी भारत में दस्तक, जानें क्या हैं इसके लक्षण और कैसे फैल रहा है ये

JN.1 Variant ke Lakshan in Hindi : भारत और सिंगापुर में कोरोना के नए वैरिएंट JN.1 के मामलों में वृद्धि देखी जा रह है। आइए जानते हैं कोरोना वायरस का JN.1 वैरिएंट क्या हैं और इससे बचाव के लिए क्या करना चाहिए।
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कोरोना के JN.1 वैरिएंट ने फिर दी भारत में दस्तक, जानें क्या हैं इसके लक्षण और कैसे फैल रहा है ये

JN.1 Variant ke Lakshan in Hindi : भारत समेत दुनिया के विभिन्न हिस्सों में एक बार फिर कोरोना वायरस (Coronavirus) का प्रकोप देखने को मिल रहा है। भारत की आर्थिक राजधानी मुंबई, तमिलनाडु और केरल में कोरोना वायरस का JN.1 वैरिएंट के मामले तेजी से बढ़ने लगे हैं। पिछले दिनों में JN.1 वैरिएंट के कारण मुंबई के केईएम अस्पताल में दो कोरोना पॉजिटिव मरीजों की मौत के बाद स्वास्थ्य विभाग सतर्क हो गया है। मुंबई में हुई मौतों के बाद सवाल उठने लगे हैं कि आखिरकार कोरोना का JN.1 वैरिएंट क्या है, ये वैरिएंट कितना खतरनाक है और इससे बचाव के लिए हमें क्या करना चाहिए।

कोरोना का JN.1 वैरिएंट क्या है- What is JN.1 variant of Corona

 

मुंबई के वाशी स्थित फोर्टिस हीरानंदानी अस्पताल के एचओडी और कंसल्टेंट क्रिटिकल केयर डॉ. स्वप्निल एम. खड़के
(Dr. Swapnil M. Khadake, HOD & Consultant Critical Care, Fortis Hiranandani Hospital Vashi) का कहना है कि कोरोना का JN.1 वैरिएंट, ओमिक्रॉन (Omicron) परिवार का ही एक नया सब-वैरिएंट है। विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा कोरोना के JN.1 वैरिएंट को Variant of Interest (VOI) के रूप में देखा जा रहा है। आसान भाषा में कहें, तो WHO JN.1 वैरिएंट के फैलने की दर, लक्षण और गंभीरता पर विशेष नजर रखने की जरूरत बता रहा है।

जैसे-जैसे समय बीतेगा JN.1 वैरिएंट कितना गंभीर है और कितनी तेजी से फैल रहा है, इसका पता चल पाएगा। डॉ. स्वप्निल एम. खड़के के अनुसार, कोरोना के JN.1 वैरिएंट में कई नए म्यूटेशन पाए गए हैं, जो इंसान के शरीर के इम्यून सिस्टम को तोड़ने और तेजी से फैलने में सक्षम बना सकते हैं।

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कोरोना के JN.1 वैरिएंट के लक्षण- Symptoms of JN.1 variant of Corona

JN.1 वैरिएंट के लक्षण कोरोना के अन्य वैरिएंट से लगभग मिलते-जुलते हैं। लेकिन इसके कुछ लक्षण अलग भी हैं, जिनसे इसकी पहचान की जा सकती है। आइए आगे जानते हैं इसके बारे में...

  • गले में सूखी खांसी होना (बिना बलगम वाली खांसी)
  • हल्का और तेज बुखार 1 या 2 दिन से ज्यादा रहना
  • शारीरिक थकान और कमजोरी महसूस करना
  • सिरदर्द
  • गंध और स्वाद का चले जाना
  • नाक बंद होना
  • मांसपेशियों में दर्द
  • दस्त के साथ उल्टी होना
  • आंखों में जलन या पानी आना
  • गले में अक्सर कुछ चुभन सी महसूस होना
  • नींद की समस्या और बैचेनी

डॉक्टर का कहना है कि भारत में अब तक कोरोना के JN.1 वैरिएंट के मामले सामने आए हैं कि उनमें कई ऐसे भी हैं, जिनमें कोई लक्षण ही नजर नहीं आया है।

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कोरोना का JN.1 वैरिएंट कैसे फैलता है?

JN.1 वैरिएंट भी बाकी कोविड वैरिएंट्स की तरह ड्रॉपलेट्स और एरोसोल के जरिए एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैलता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, JN.1 वैरिएंट का रिप्रोडक्शन रेट (R0) ज्यादा होने की संभावना है। यानी कि कोरोना का JN.1 वैरिएंट एक व्यक्ति को अगर होता है, तो ये उससे कई लोगों को संक्रमित कर सकता है।

कितना खतरनाक है कोरोना का JN.1 वैरिएंट- How dangerous is the JN.1 variant of Corona

हेल्थ एक्सपर्ट और अधिकारियों का कहना है कि कोरोना का JN.1 वैरिएंट कितना खतरनाक है, इसका अंदाजा अभी लगाना मुश्किल है। अब तक कोरोना के जो नए मामले सामने आए हैं, उन्हें देखकर ये नहीं कहा जा सकता है कि ये पहले वाले वैरिएंट से ज्यादा खतरनाक है और तेजी से फैल रहा है। लेकिन जिन लोगों की इम्यूनिटी कमजोर है और उन्हें संक्रमित बीमारियां तेजी से होती हैं, उन्हें कोरोना के JN.1 वैरिएंट से थोड़ा संभलकर रहने की जरूरत है। कोरोना के अन्य वैरिएंट की तरह ही JN.1 भी कमजोर इम्यूनिटी वालों को पहले अपनी चपेट में लेता है।

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किन लोगों को है JN.1 वैरिएंट से खतरा- Who is at risk from the JN.1 variant?

डॉ. स्वप्निल एम. खड़के के अनुसार, कोरोना के JN.1 वैरिएंट से सर्वप्रथम कमजोर इम्यूनिटी वालों को ज्यादा खतरा है। इसके अलावा नीचे बताए गए लोगों को भी JN.1 वैरिएंट के प्रति सावधानी बरतने की जरूरत है।

  • 60 साल से ऊपर के बुजुर्गों को
  • डायबिटीज, थायराइड और हार्ट के मरीजों को
  • प्रेग्नेंट महिलाओं को
  • जिन लोगों ने वैक्सीन नहीं लगवाई हो

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क्या कोरोना वैक्सीन JN.1 वैरिएंट से सुरक्षा देती है?

ओनलीमॉय हेल्थ के साथ खास बातचीत के दौरान डॉक्टर बताते हैं कि कोरोना वायरस के अब तक कई म्यूटेशन हुए हैं। वर्तमान में इससे सुरक्षा के लिए जो mRNA आधारित वैक्सीन (Pfizer, Moderna) और Covaxin / Covovax इस नए वैरिएंट से काफी हद तक सुरक्षा प्रदान कर सकते हैं। कोरोना से सुरक्षा के खिलाफ वैक्सीन लेने के बावजूद अगर किसी व्यक्ति की इम्यूनिटी कमजोर है, तो उसे डॉक्टर की सलाह पर बूस्टर डोज लेने की सलाह दी जाती है।

कोरोना के JN.1 वैरिएंट से बचाव के तरीके- Ways to protect against JN.1 variant of Corona

- कोरोना के JN.1 वैरिएंट से बचाव के लिए घर से बाहर निकलते समय मुंह, नाक और आंख को ढक कर रखें।

- भीड़ वाली जगह जैसे बाजार, मैट्रो, बस और ऑफिस में मास्क लगाकर रहें।

- बाहर से घर के अंदर आने के बाद साबुन और पानी से कम से कम 20 सेकंड तक हाथ धोएं।

- घर से बाहर किसी चीज को हाथ लगाने के बाद सैनिटाइजर का प्रयोग करें।

- परिवार के कई सदस्यों के हाथों से गुजरकर जाने वाली चीजें जैसे डोर हैंडल, रिमोट को अच्छी तरह साफ करें।

- अगर आपको खुद में कोरोना का कोई लक्षण महसूस होता है, तो इस विषय पर डॉक्टर से बात करें।

निष्कर्ष

कोरोना का JN.1 वैरिएंट से फिलहाल ज्यादा घबराने की जरूरत नहीं हैं, लेकिन ये संक्रमण तेजी से न फैले, इसके लिए हम सभी को एक बार फिर से सावधानी बरतने की जरूरत है। बाहर जाते समय मास्क का इस्तेमाल करके, खाने में इम्यूनिटी को बढ़ाने वाले खाद्य पदार्थों को शामिल करके, इससे बचाव किया जा सकता है। कोरोना के विभिन्न वेरिएंट से बचाव के लिए क्या करना चाहिए और किन चीजों से बचना चाहिए, इस विषय पर ICMR और MoHFW की वेबसाइट पर समय-समय पर दिशा-निर्देश जारी किए जाते हैं, उन्हें देखकर फॉलो जरूर करें। ध्यान रहे कि जागरूकता से ही कोरोना और कोरोना के नए वैरिएंट से बचाव किया जा सकता है।

 

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FAQ

  • क्या JN.1 वैरिएंट पुराने वेरिएंट से अलग है?

    हां, कोरोना का नया वैरिएंट JN.1 वैरिएंट अन्य से थोड़ा अलग है। ये वैरिएंट ओमिक्रॉन परिवार का ही हिस्सा है। लेकिन इसके लक्षण कोरोना के अन्य वैरिएंट से थोड़े अलग हैं।
  • क्या JN.1 वैरिएंट बच्चों को भी प्रभावित करता है?

    अब तक सामने आए कोरोना के अन्य वैरिएंट की तरह ही JN.1 वैरिएंट कमजोर इम्यूनिटी वालों को अपनी चपेट में लेता है। बच्चों की इम्यूनिटी पहले ही विकसित अवस्था में होती है और उन्हें संक्रामक बीमारी का खतरा भी ज्यादा होता है। ऐसे में ऐसा कहना सही है कि कोरोना का JN.1 वैरिएंट बच्चों को प्रभावित कर सकता है।
  • क्या JN.1 वैरिएंट के लिए RT-PCR टेस्ट से पहचान संभव है?

    हां कोरोना के इस वैरिएंट का पता भी RT-PCR से लगाया जा सकता है। RT-PCR यानी की Reverse Transcription Polymerase Chain Reaction टेस्ट इस बात की जानकारी देता है कि किसी व्यक्ति के शरीर में SARS-CoV-2 वायरस मौजूद है या नहीं। 

 

 

 

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