Corona JN.1 Variant: हांगकांग, सिंगापुर, थाईलैंड और चीन के बाद भारत में भी कोरोना के मामले देखे जा रहे हैं। भारत में फिलहाल कोरोना के मामले उतने चिंताजनक नहीं हैं, लेकिन फिर भी कुछ राज्यों में कोरोना के मामले बढ़ते नजर आ रहे हैं। देश में करीब 257 एक्टिव मामले हैं। देश की राजधानी दिल्ली में भी कोविड के 5 एक्टिव केस मिले हैं। कोरोना के JN.1 वैरिएंट के बढ़ते मामलों के बीच, सबसे ज्यादा चिंता बच्चों को लेकर है। बच्चों को मास्क पहनने, सैनिटाइजर इस्तेमाल करने और भीड़भाड़ से बचने की आदत अभी तक पूरी तरह नहीं पड़ी है। ऐसे में पैरेंट्स की जिम्मेदारी और भी बढ़ जाती है कि वो बच्चों की सेहत और सुरक्षा का खास ध्यान रखें। डॉक्टर्स के अनुसार, बच्चों में कोविड के लक्षण बड़ों की तुलना में अलग और हल्के हो सकते हैं, जिससे माता-पिता अक्सर सतर्क नहीं हो पाते। लेकिन यह लापरवाही ही आगे जाकर गंभीर रूप ले सकती है। कोरोना का सब-वैरिएंट JN.1 तेजी से फैल रहा है और बच्चों की रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होती है, इसलिए इस वक्त उन्हें अतिरिक्त सुरक्षा की जरूरत है। यह लेख लखनऊ के केयर इंस्टिट्यूट ऑफ लाइफ साइंसेज की एमडी फिजिशियन डॉ सीमा यादव की सलाह पर आधारित है, जिसमें बताया गया है कि पेरेंट्स किन 7 जरूरी स्टेप्स को अपनाकर बच्चों को कोविड से सुरक्षित रख सकते हैं।
क्या बच्चों के लिए बड़ा खतरा है कोविड JN.1 वैरिएंट?
डॉ सीमा ने बताया कि कोविड JN.1 वैरिएंट बच्चों के लिए अभी तक बड़ा खतरा नहीं माना जा रहा है, लेकिन इसे हल्के में लेना भी सही नहीं होगा। जेएन.1 वैरिएंट का इंफेक्शन अब तक बच्चों में माइल्ड लक्षण के साथ देखा गया है- जैसे हल्का बुखार, गले में खराश और थकान। फिलहाल बच्चों में गंभीर लक्षण या अस्पताल में भर्ती होने के मामले कम हैं। ज्यादातर बच्चे कुछ ही दिनों में ठीक हो जाते हैं।
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फिर भी सावधानी क्यों जरूरी है?
कोरोना का यह वैरिएंट तेजी से फैलता है, इसलिए स्कूल या पब्लिक प्ले एरिया में इंफेक्शन फैलने की आशंका ज्यादा होती है। जिन बच्चों की इम्यूनिटी कमजोर है या पहले से अस्थमा या सांस की समस्या है, उनके लिए बड़ा जोखिम हो सकता है। अगर लक्षण नजर आएं, तो टेस्ट कराना और आइसोलेट रखना जरूरी है। डॉक्टर की सलाह के अनुसार, बच्चों को मास्क पहनाना, हैंड हाइजीन, पौष्टिक आहार और भीड़ से बचाव जैसे उपाय अपनाकर उन्हें सुरक्षित रख सकते हैं।
1. हाथों की सफाई की आदत डालें- Hand Hygiene Habits
बच्चों को दिन में कई बार साबुन से हाथ धोने और बाहर से लौटने पर सैनिटाइजर का इस्तेमाल करने की आदत डालें। खासकर खेलने, खाना खाने या टॉयलेट जाने के बाद ये आदत जरूरी है।
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2. भीड़भाड़ और बंद जगहों से बच्चों को दूर रखें- Avoid Crowded and Enclosed Spaces for Kids
कोविड फैलने की सबसे बड़ी वजह बंद जगहों में बिना वेंटिलेशन के रहना है। कोशिश करें कि बच्चों को ऐसी जगहों पर न लेकर जाएं जहां ज्यादा लोग मौजूद हों।
3. बच्चों को मास्क पहनने की आदत डालें- Teach Kids to Wear Masks Properly
बच्चों के लिए मास्क पहनना एक जरूरी आदत के रूप में उन्हें सिखाएं। डॉ सीमा के अनुसार, 5 साल से बड़े बच्चों को घर से बाहर जाते समय मास्क पहनना चाहिए। मास्क सही तरीके से नाक और मुंह को ढकता हो और बार-बार छूने की आदत न हो, इस पर भी ध्यान दें।
4. बच्चों का इम्यून सिस्टम मजबूत बनाएं- Boost Your Child’s Immunity
डॉक्टर की सलाह से बच्चों के आहार में विटामिन-सी, जिंक और प्रोबायोटिक फूड्स जैसे दही, फल और हरी सब्जियां शामिल करें। अच्छे इम्यून सिस्टम वाले बच्चों में कोविड का खतरा कम होता है।
5. समय-समय पर हेल्थ चेकअप कराएं- Schedule Regular Health Checkups
अगर बच्चा थका-थका या सुस्त महसूस करता है, खांसी-जुकाम या हल्का बुखार भी हो, तो डॉक्टर से तुरंत संपर्क करें। डॉ सीमा बताती हैं कि किसी भी तरह के इंफेक्शन को इन दिनों हल्के में लेना सही नहीं है।
6. बच्चों को कोविड वैक्सीन लगवाएं- COVID Vaccination For Children
अगर किसी कारणवश अब तक बच्चे को कोविड वैक्सीन नहीं दी गई है, तो जल्दी अपने नजदीकी टीका केंद्र पर जाकर बच्चे को कोविड का टीका लगवाएं। सीडीसी के मुताबिक, 6 महीने या उससे ज्यादा उम्र के बच्चों को कोविड-19 का टीका जरूर लगना चाहिए।
7. बच्चों के मानसिक स्वास्थ्य का भी रखें ध्यान- Mental Health of Children
लगातार घर में बंद रहना, स्कूल न जाना या दोस्तों से दूरी होने से बच्चों का मानसिक स्वास्थ्य प्रभावित होता है। डॉ सीमा बताती हैं कि पेरेंट्स को बच्चों से खुलकर बात करनी चाहिए और उनका मनोबल बनाए रखना चाहिए। साथ ही बच्चों के लिए इंडोर गेम वर्कआउट प्लान करें ताकि उनका शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य बना रहे।
कोविड का खतरा अभी पूरी तरह टला नहीं है, खासकर बच्चों के लिए। पेरेंट्स को सतर्क रहकर इन 7 स्टेप्स को बच्चों की दिनचर्या का हिस्सा बनाना चाहिए। बच्चों की सेहत की जिम्मेदारी अब सिर्फ डॉक्टरों की नहीं, बल्कि हर पेरेंट की है।
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FAQ
COVID-19 JN.1 कितने समय तक रहता है?
JN.1 इंफेक्शन, आमतौर पर 5 से 7 दिनों तक रहता है। हल्के लक्षण 10 दिन तक बने रह सकते हैं। इम्यूनिटी कमजोर हो, तो इसे ठीक होने में थोड़ा ज्यादा समय लग सकता है।क्या JN.1 COVID गंभीर है?
JN.1 कोविड गंभीर है या नहीं इस पर कोई सटीक जानकारी नहीं है, लेकिन सीडीसी की सलाह है कि इसे हल्के में नहीं लेना चाहिए। इसके लक्षण सामान्य रहते हैं, लेकिन बुजुर्गों और कमजोर इम्यूनिटी वाले लोगों में यह गंभीर रूप भी ले सकता है।JN.1 COVID के लक्षण क्या हैं?
इसके लक्षणों में हल्का बुखार, गले में खराश, खांसी, थकान और सिरदर्द शामिल हैं। कुछ मामलों में, नाक बहना और मांसपेशियों में दर्द भी देखा गया है।