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घर को इन 5 तरीकों से बनाएं अस्थमा-फ्रेंडली, मरीज को नहीं होगी कोई परेशानी

Tips to Make Your Home Asthma-Friendly : अस्थमा के मरीज घर में छोटे-छोटे बदलाव करें, तो ये ट्रिगर को मैनेज करने में मदद करता है।
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घर को इन 5 तरीकों से बनाएं अस्थमा-फ्रेंडली, मरीज को नहीं होगी कोई परेशानी

Tips to Make Your Home Asthma-Friendly : अस्थमा एक क्रॉनिक श्वसन संबंधी बीमारी है। धूल, मिट्टी, परागण और जेनेटिक कारणों से हर साल लाखों लोगों को अस्थमा प्रभावित करता है। अस्थमा में मरीज के फेफड़ों की वायु मार्ग में सूजन और संकुचित हो जाता है। इससे मरीज को सांस लेने में परेशानी होती है। क्रॉनिक बीमारी होने के कारण अस्थमा का पूरी तरह से इलाज संभव नहीं है, लेकिन रोजमर्रा की आदतों में छोटे-छोटे बदलाव करके इसे मैनेज जरूर किया जा सकता है।

अस्थमा (Asthma) के मरीज बाहर में उड़ने वाली धूल, मिट्टी और अन्य चीजों से तो नहीं बच सकते हैं, लेकिन अपने घर के वातावरण को जरूर अपनी सेहत के अनुसार ढाल सकते है। इस लेख में हम आपको विस्तार से बताएंगे कि घर के प्रत्येक भाग में क्या बदलाव किए जाएं (How to Make Home Asthma-Friendly), जिससे आपको अस्थमा से राहत मिल सके।

1. हवा की गुणवत्ता पर दें ध्यान- Pay attention to air quality in asthma

डॉ. सपना यादव, वरिष्ठ सलाहकार - पल्मोनोलॉजी, सर्वोदय अस्पताल, ग्रेटर नोएडा वेस्ट (Dr. Sapna Yadav, Senior Consultant - Pulmonology, Sarvodaya Hospital , Greater Noida West) का कहना है कि अस्थमा के मरीजों को अपने घर में सर्वप्रथम हवा की गुणवत्ता पर ध्यान देना चाहिए। घर में पर्याप्त मात्रा में सही और साफ हवा आना जरूरी है।अगर आपके घर के आसपास प्रदूषण का स्तर और धूल-मिट्टी ज्यादा रहती है, तो खिड़कियां बंद रखें और एयर प्यूरीफायर का इस्तेमाल करें। अस्थमा के मरीज HEPA फिल्टर वाला एयर प्यूरीफायर का इस्तेमाल करें। ये धूल, परागकण, पालतू जानवरों के रोएं को हवा से साफ करता है।

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2. भारी फर्नीचर को कहें अलविदा- Asthma patients should Avoid heavy furniture

घर के फर्श पर बिछाए जाने वाले भारी कालीन, पर्द और गद्देदार फर्नीचर में धूल-मिट्टी आसानी से जमा होते हैं। अस्थमा के मरीजों को अपने घरों में इस तरह से फर्नीचर को रखने से बचना चाहिए। अगर आप अस्थमा के मरीज हैं और आपके घर में भारी गद्दे वाले फर्नीचर हैं, तो रोजाना इसकी सही से सफाई करें। पर्दे, गद्दे से धूल निकालने के लिए वैक्यूम क्लीनर का इस्तेमाल करें।

3. गीले पोंछे से करें सफाई- Clean with wet wipes in case of asthma

अस्थमा के मरीजों की परेशानी धूल और मिट्टी से ज्यादा ट्रिगर होती है। ऐसे में घर की सफाई करते समय अगर झाड़ू का इस्तेमाल किया जाए, तो ये एलर्जी को बढ़ा सकते हैं। डॉ. सपना यादव के अनुसार, जिन घरों में अस्थमा के मरीज रहते हैं, वहां पर गीले पोंछे से सफाई करनी चाहिए। गीले पोंछे पर धूल-मिट्टी के कण आसानी से चिपक जाते हैं और अस्थमा के मरीजों को किसी प्रकार की परेशानी नहीं होती है।

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4. जानवरों से दूरी बनाएं- Stay away from animals if you have asthma

अस्थमा के मरीजों को पालतू जानवर जैसे कुत्ता और बिल्ली से भी एलर्जी हो सकती है। पालतू जानवरों के बाल और डेड स्किन अस्थमा ट्रिगर बन सकते हैं। अस्थमा के मरीज के घर में कोई पालतू जानवर है, तो उसे अपने बेडरूम और सोफे से दूर रखना चाहिए। पालतू जानवरों को नियमित रूप से नहलाएं, उनके बालों को सही तरीके से ब्रश करें, ताकि धूल-मिट्टी को जमा होने से रोका जा सके।

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5. नमी को रखें कंट्रोल- Keep humidity under control in asthma

ज्यादा नमी फफूंदी को बढ़ावा देती है, जो अस्थमा के मरीजों के लिए हानिकारक है। इसलिए नहाने के बाद अपने बाथरूम को सही तरीके से सुखाएं। किचन, बाथरूम या घर में किसी भी जगह पर पानी की लीकेज या सीलन है, तो उसकी तुरंत मरम्मत करवाएं। फफूंदी वाले स्थान को सफेद सिरके या एंटी-फंगल क्लीनर से साफ करें। इन तरीकों को अपनाने से नमी कंट्रोल में रहती है और अस्थमा के मरीजों को होने वाले ट्रिगर से भी राहत मिलती है।

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6. अस्थमा फ्रेंडली पौधे लगाएं

आजकल बाजार में कई ऐसे इनडोर पौधे मौजूद हैं, जो प्राकृतिक तरीके से हवा को शुद्ध करते हैं। अस्थमा के मरीजों को अपने घर में एलोवेरा, रबर प्लांट, बैंबू पाम, स्नेक प्लांट और एरेका पाम जरूर लगाने चाहिए। इस तरह के पौधे प्राकृतिक ह्यूमिडिफायर की तरह काम करते हैं, जिससे रूखापन कम होता है। इन पौधों को लगाने के बाद सफाई का भी ध्यान रखें।

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निष्कर्ष

घर एक ऐसी जगह है जहां व्यक्ति सबसे ज्यादा बिताता है। इसलिए अस्थमा के मरीजों को अपने घर को अस्थमा फ्रेंडली बनाना जरूरी है। घर की नियमित तौर पर सफाई, एयर प्यूरीफायर का इस्तेमाल और इनडोर प्लांट लगाने से अस्थमा के मरीजों की परेशानी को थोड़ा कम किया जा सकता है।

FAQ

  • क्या अस्थमा 100% ठीक हो सकता है?

    अस्थमा क्रॉनिक (लंबे समय तर रहने वाली) बीमारी है। अस्थमा में मरीज के फेफड़ों के वायुमार्ग (airways) में सूजन और संवेदनशीलता बनी रहती है। यह स्थिति मौसम में बदलाव और कई कारणों से ट्रिगर हो सकती है। घर की सही साफ-सफाई, धूल-मिट्टी से बचाव और मास्क का इस्तेमाल करके अस्थमा से बचाव किया जा सकता है, लेकिन इसे 100 प्रतिशत ठीक करना मुश्किल काम है।
  • अस्थमा किसकी कमी से होता है?

    किसी भी व्यक्ति को अस्थमा किसी की कमी से नहीं होता है। यह कई कारणों और स्थितियों का परिणाम होता है। धूल, धुआं, मिट्टी और परागकण के प्रति अधिक संवेदनशील होने और इम्यूनिटी की कमजोरी के कारण अस्थमा की समस्या होती है। कुछ मामलों में अस्थमा जेनेटिक कारणों से भी होता है।
  • बिना इनहेलर के अस्थमा अटैक आने पर क्या करें?

    अगर आपको अस्थमा का अटैक आता है और आपके पास इनहेलर नहीं है, तो इस स्थिति में घबराने की बजाय शांत रहने की कोशिश करें। धीमी, गहरी सांस लेने की कोशिश करें। आपके आसपास कोई है, तो उससे मदद मांगे, ताकि अटैक को मैनेज किया जा सके।

 

 

 

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