दिल्ली-एनसीआर में एक बार फिर वायु प्रदूषण को लेकर बहस तेज हो गई है। अक्टूबर का महीना अभी खत्म भी नहीं हुआ है और दिल्ली व दिल्ली के आसपास के इलाकों में सुबह की हवा प्रदूषित नजर आ रही है। प्रदूषण का असर अब वयस्कों के साथ-साथ बच्चों पर भी देखा जा रहा है। वायु प्रदूषण और धूल के कारण कम उम्र में ही बच्चों के फेफड़े कमजोर हो रहे हैं। इसके कारण बच्चों को अस्थमा जैसी बीमारी भी हो सकती है। पिछले कुछ सालों में बच्चों में अस्थमा के मामले वायु प्रदूषण के साथ-साथ डस्ट माइट्स एलर्जी के कारण भी बढ़ रहे हैं।
डस्ट माइट्स एलर्जी घरेलू धूल कणों में पाए जाने वाले सूक्ष्म जीव होते हैं। अगर बच्चा डस्ट माइट्स के संपर्क में आता है, तो उसे कई तरह की स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। आज इस लेख के माध्यम से हम आपको बताने जा रहे हैं डस्ट माइट्स एलर्जी क्या है, इसके लक्षण क्या हैं इस बारे में। इस विषय पर ज्यादा जानकारी के लिए हमने दिल्ली के राजौरी गार्डन स्थित चाइल्ड केयर क्लीनिक के जनरल फिजिशियन डॉ. सुरिंदर कुमार से बात की।
इसे भी पढ़ेंः शिशु के दिमागी विकास को नुकसान पहुंचाती हैं ये 5 चीजें, डॉक्टर से जानें इसके बारे में
इसे भी पढ़ेंः जन्म के कितने समय बाद करना चाहिए बच्चे का मुंडन? जानें डॉक्टर से
डस्ट माइट्स एलर्जी का कारण-Dust Mites Cause Allergies
डॉ. सुरिंदर कुमार का कहना है, डस्ट माइट्स एलर्जी तब होती है जब बच्चे की प्रतिरक्षा प्रणाली पराग, पालतू जानवरों की रूसी या धूल के कण से प्रतिक्रिया करती है। दरअसल, इंसान की प्रतिरक्षा प्रणाली एंटीबॉडी नामक प्रोटीन का उत्पादन करती है, जो आपको अवांछित आक्रमणकारियों से बचाती है जो आपको बीमार कर सकते हैं या संक्रमण का कारण बन सकते हैं। जब डस्ट माइट्स एलर्जी होती है, तो प्रतिरक्षा प्रणाली एंटीबॉडी बनाती है जो बच्चों में विशेष एलर्जेन को कुछ हानिकारक के रूप में पहचानती है। जब बच्चे एलर्जेन के संपर्क में आते हैं, तो यह एलर्जी का कारण बनते है। डॉ. सुरिंदर कुमार का कहना है कि डस्ट माइट्स एलर्जी के हल्के लक्षणों में ज्यादा परेशानी की बात नहीं है, लेकिन यह लंबे समय तक बनी रहती है, तो इसकी वजह से अस्थमा और फेफड़ों से संबंधित अन्य परेशानियां हो सकती हैं।
बच्चों में डस्ट माइट्स एलर्जी के लक्षण- Symptoms of Dust Mite Allergy in Children
डॉक्टर का कहना है कि बच्चों को डस्ट माइट्स एलर्जी होने का मुख्य कारण है नाक मार्ग में सूजन होना। डस्ट माइट्स एलर्जी होने पर बच्चों में नीचे बताए गए लक्षण नजर आ सकते हैंः
इसे भी पढ़ेंः नहीं बढ़ रहा बच्चों का वजन तो उन्हें पिलाएं ये 3 जूस, तेजी से होगा वेट गेन
- बार-बार छींकना
- नाक बहना
- आंखों में खुजली, लाल या पानी आना
- नाक बंद होना
- नाक, मुंह या गले में खुजली
- नाक से पानी बहना
- आंखों के नीचे सूजन
- बच्चे का नाक को बार-बार ऊपर की ओर रगड़ना
अगर आपको बच्चों में ऊपर बताए गए लक्षण बार-बार नजर आते हैं, तो इस विषय पर अपने बाल एवं शिशु रोग विशेषज्ञ से बात करें।
इसे भी पढ़ेंः बदलते मौसम में बच्चों को ज्यादा होती है सर्दी-जुकाम की समस्या, राहत के लिए अपनाएं ये 5 टिप्स
बच्चों को डस्ट माइट्स एलर्जी होने पर डॉक्टर से कब मिलें?
डॉ. सुरिंदर कुमार का कहना है, धूल के कण से होने वाली डस्ट माइट्स एलर्जी के कुछ लक्षण जैसे कि नाक बहना, छींक आना कई बार आम सर्दी-जुकाम जैसे लग सकते हैं। इसलिए कभी-कभी यह जानना मुश्किल होता है कि बच्चे को सर्दी है या डस्ट माइट्स एलर्जी हुई है। इस स्थिति में अगर बच्चे को नाक बहना और छींक आने की समस्या एक सप्ताह से ज्यादा समय तक बनी रहती है, तब आपको बाल एवं शिशु रोग विशेषज्ञ से बात करनी चाहिए।
इसे भी पढ़ेंः क्या आप भी शिशु को करवाते हैं वीडियो कॉल पर बात? तो डॉक्टर से जानिए इसके नुकसान
Image Credit: Freepik.com