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Heat vs Cold Therapy For Joint Pain In Winter: सर्दियों के दिनों में आपने महसूस किया होगा कि जॉइंट पेन बढ़ जाता है। खासकर, जिनकी उम्र अधिक है या जिन्हें अर्थराइटिस की समस्या है। उन्हें इस तरह की परेशानी ज्यादा होती है। वैसे भी फिजिकल एक्टिविटी न करना भी जोड़ों में दर्द का एक मुख्य कारण है। कई लोग जोड़ों में दर्द से राहत के लिए हॉट या कोल्ड थेरेपी की मदद लेते हैं। ऐसे में यह सवाल जरूर उठता है कि आखिर जॉइंट पेन के लिए बेहतर क्या है? इनमें से किस थेरेपी का उपयोग करने से ज्यादा आराम मिलता है और सर्दियों के दिनों के लिए कौन-सा विकल्प बेहतर है। इस संबंध में पर्याप्त जानकारी के लिए हमने इंद्रप्रस्थ अपोलो अस्पताल और हिलिंग टच क्लीनिक के ऑर्थोपेडिक सर्जन और स्पोर्ट्स इंजरी स्पेशलिस्ट डॉ. अभिषेक वैश से बात की।
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जॉइंट पेन के लिए हीट थेरेपी के फायदे- Benefits Of Heat Therapy For Joint Pain

सर्दियों में जोड़ों में दर्द के लिए हीट थेरेपी को बहुत अच्छा माना जाता है। एनसीबीआई की एक रिपोर्ट से इस बात का खुलासा होता है कि सर्दियों में जॉइंट पेन से राहत के लिए हॉट थेरेपी काफी फायदेमंद होती है। ऐसा इसलिए, क्योंकि हीट थेरेपी की मदद से मसल्स स्टिफनेस दूर होती है और क्रॉनिक पेन भी कम होता है। यहां तक कि मोबिलिटी यानी मूवमेंट भी बेहतर हो जाती है। विशेषकर, सर्दियों में जोड़ों में दर्द की वजह से मूवमेंट बहुत मुश्किल लगती है। वहीं, हीट थेरेपी मूवमेंट में सुधार करती है, जो रोजमर्रा के काम मुश्किल नहीं रह जाते हैं। हीट थेरेपी के लिए आप गर्म पानी में शॉवर ले सकते हैं या गर्म पानी में तौलिए को भिगोकर प्रभावित हिस्से की सिंकाई कर सकते हैं।
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जाइंट पेन के लिए कोल्ड थेरेपी- Benefits Of Cold Therapy For Joint Pain
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हीट थेरेपी की ही तरह सर्दियों में जोड़ों के दर्द से राहत के लिए कोल्ड थेरपी भी मददगार होती है। विशेषज्ञों के अनुसार कोल्ड थेरेपी मुख्य रूप से इंफ्लेमेशन और स्वेलिंग को कम करती है। असल में, जब आप जोड़ों में हो रहे दर्द पर ठंडी सिंकाई करते हैं यानी बर्फ लगाते हैं, तो इससे प्रभावित हिस्सा सुन्न हो जाता है। धीरे-धीरे सूजन में कमी आती है और दर्द भी कम होने लगता है। आमतौर पर चोट लगने पर तुरंत कोल्ड थेरेपी देना फायदेमंद होता है, जिससे बढ़ने से पहले ही रुक जाती है।
कोल्ड बनाम हीट थेरेपीः क्या है बेहतर?- Heat vs Cold Therapy: Which Is Better
एक्सपर्ट्स की मानें, तो जोड़ों में क्रॉनिक पेन है, तो कोल्ड की तुलना में हीट थेरेपी ज्यादा फायदेमंद होती है। क्योंकि हीट थेरेपी की मदद से ब्लड सर्कुलेशन में सुधार होता है, मसल्स रिलैक्स होती हैं और मसल्स तथा जोड़ों की स्टिफनेस भी कम होती है। आमतौर पर लोगों की हीट थेरेपी का ही यूज करना चाहिए। खासकर, सर्दियों में अर्थराइटिस के मरीजों के लिए यह काफी कारगर तरीके से काम करता है।
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निष्कर्ष
कुल मिलाकर, कहने की बात ये है कि जोड़ों में दर्द के आप किसी भी थेरेपी का यूज कर सकते हैं, लेकिन हीट थेरेपी ज्यादा असरकारक होती है। हालांकि, इस बात को इग्नोर नहीं करना चाहिए कि अगर जोड़ों का दर्द तीव्र है और लंबे समय तक यह दर्द बना हुआ है, तो इस संबंध में डॉक्टर से अपना ट्रीटमेंट करवाएं। सिर्फ थेरेपी की मदद से दर्द से राहत मिल जाए, हर बार यह संभव नहीं होता है। कई बार जोड़ों में दर्द किसी गंभीर बीमारी का संकेत हो सकता है। इसलिए, शरीर में नजर आ रहे अन्य संकेतों पर भी गौर करना चाहिए।
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FAQ
मैं सर्दियों में जोड़ों के दर्द को कैसे रोक सकता हूं?
सबसे पहले आप यह जानने की कोशिश करें कि आखिर आपको जोड़ों में दर्द क्यों हो रहा है? वैसे आप जोड़ों में दर्द से राहत के लिए हीटिंग पैड का उपयोग कर सकते हैं। इससे मांसपेशियों को आराम मिलता है, मूवमेंट में सुधार होता है और अकड़न भी दूर होती है।जोड़ों के दर्द को कौन सा डॉक्टर देखता है?
जोड़ों के दर्द के लिए आप हड्डियों के डॉक्टर के पास जा सकते हैं। इन्हें आप orthopedic doctor or orthopedist कह सकते हैं। ये विशेषज्ञ गठिया, हड्डियों, मांसपेशियों और जोड़ों से जुड़ी सभी बीमारियों का इलाज करते हैं।ठंड में जोड़ों में दर्द क्यों होता है?
अगर आपकी उम्र काफी ज्यादा है या अर्थराइटिस जैसी परेशानियां हैं, तो ठंड में जोड़ों के दर्द बढ़ सकता है। इसका कारण है कि ठंड के कारण ब्लड वेसल्स सिकुड़ जाती हैं। ऐसे में ब्लड फ्लो बाधित हो जाता है, जिससे जोड़ स्टिफ हो जाते हैं। ऐसे में दर्द और असहजता बढ़ जाती है।
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Dec 13, 2025 11:25 IST
Published By : Meera Tagore