
सर्दियां आने के साथ लोगों की सेहत से जुड़ी समस्याएं बढ़ जाती हैं। सबसे ज्यादा लोग जोड़ों में दर्द की शिकायत करते हैं और पुराने जोड़ों के दर्द वाले सबसे ज्यादा प्रभावित रहते हैं। दरअसल, सर्दियों में हवा सर्द होने की वजह से ब्लड सर्कुलेशन धीमा पड़ जाता है। इसके अलावा हड्डियों में गर्माहट की कमी होती है जिससे अकड़न की समस्या होती है। खराब ब्लड सर्कुलेशन की वजह से जोड़ों में तवान बढ़ता है जिससे हड्डियों का दर्द बढ़ता जाता है। ऐसी स्थिति में दवाओं के साथ अगर आप कुछ घरेलू उपचारों की मदद लें तो दिक्कत कम की जा सकती है। ऐसे में कुछ लोग जोड़ों के पुराने दर्द के लिए हीटिंग पैड और गर्म सिकाई का इस्तेमाल करते आए हैं। आइए, जानते हैं ये कितना सुरक्षित है और कौन सा बेहतर है। सही जानकारी के लिए हमने Dr. Jatin Choudhary, celebrity physiotherapist से बात की।
हीटिंग पैड और गर्म सिकाई का इस्तेमाल पुराने जोड़ों के दर्द के लिए सुरक्षित हैं?
Dr. Jatin Choudhary बताते हैं कि गर्म सेंक (warm compress) आमतौर पर गर्म तौलिये की मदद से गीली सिकाई की जाती है जबकि हीटिंग पैड (Heating pad) आमतौर पर इलेक्ट्रिक पैड की मदद से की जाने वाली ड्राई सिकाई है। हालांकि, ये दोनों ही सुरक्षित हैं लेकिन तौलिए और गर्म पानी से की जाने वाली गर्म गीली सिकाई से निकलने वाली नम ऊष्मा गहराई तक पहुंच सकती है और फोड़े-फुंसियों जैसे कुछ मामलों में लाभदायक हो सकती है, जबकि हीटिंग पैड से निकलने वाली सूखी गर्मी मांसपेशियों की अकड़न और पुराने दर्द से राहत दिलाने के लिए लंबे समय तक चलने वाली, निरंतर गर्मी प्रदान करने के लिए सुविधाजनक होती है। इस लिहाज से देखें तो पुराने जोड़ों के दर्द के लिए हीटिंग पैड का इस्तेमाल ज्यादा कारगर है।

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पुराने जोड़ों के दर्द में क्यों कारगर है हीटिंग पैड का इस्तेमाल?
फिजियोथेरेपिस्ट डॉ. चौधरी बताते हैं कि जब मांसपेशियां काम करती हैं, तो कैमिकल बायप्रोडक्ट बनते हैं जिन्हें बाहर निकालना जरूरी होता है। जब एक्सरसाइज बहुत तीव्र होता है, तो सभी रसायनों को बाहर निकालने के लिए पर्याप्त ब्लड सर्कुलेट नहीं हो पाता है। ऐसे में जब आप हीटिंग पैड का इस्तेमाल करते हैं तो
- -इलेक्ट्रिक हीटिंग पैड, नम सिकाऊ की तुलना में कम गहराई तक प्रवेश कर सकता है लेकिन ये पुरानी मांसपेशियों और जोड़ों की अकड़न और दीर्घकालिक दर्द से राहत में मददगार है। जबकि नम गर्म पानी और तौलिए की सिकाई की बात करें तो इसकी गहराई त्वचा में गहराई तक प्रवेश कर सकता है लेकिन फोड़े-फुंसियों, आंख की चोट आदि के लिए ज्यादा सही उपाय है।
- -पुरानी मांसपेशियों की अकड़न, पीठ दर्द, या अन्य दीर्घकालिक दर्द के लिए हीटिंग पैड चुनें, जिसके लिए लगातार स्थिर गर्मी की आवश्यकता होती है और इस स्थिति में ये कारगर है।
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हीटिंग पैड का इस्तेमाल करते समय इन बातों का रखें ध्यान
फिजियोथेरेपिस्ट डॉ. चौधरी बताते हैं कि हीटिंग पैड और गर्म सेंक पुराने जोड़ों के दर्द से राहत पाने के लिए वरदान साबित हो सकते हैं, लेकिन सुरक्षा कुछ कारकों पर निर्भर करती है। हीट थेरेपी मांसपेशियों को आराम दे सकती है, रक्त प्रवाह बढ़ा सकती है और अकड़न कम कर सकती है। इससे जोड़ों में दर्द से राहत मिल सकती है लेकिन इस्तेमाल के वक्त कुछ सुरक्षा संबंधी सावधानियां जरूर आजमाएं। जैसे
- - सुनिश्चित करें कि गर्मी बहुत तेज न हो जलने से बचें। अगर आपको डायबिटीज या अन्य स्वास्थ्य समस्याओं के कारण तंत्रिका क्षति हुई है, तो यह और भी जरूरी है।
- - बस 15-20 मिनट तक ही हीटिंग पैड की सिकाई करें
- - त्वचा की संवेदनशीलता का ख्याल रखें और अगर आपकी स्किन सेंसिटिव है तो जलन से बचने के लिए नियमित रूप से त्वचा की जांच करें।
ध्यान रखें कि व्यक्तिगत सलाह के लिए किसी स्वास्थ्य सेवा पेशेवर से परामर्श करना सबसे अच्छा है। अगर आपको डायबिटीज या खराब रक्त संचार जैसी कोई समस्या है, तो डॉक्टर से परामर्श लें।
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FAQ
जोड़ों में दर्द किसकी कमी से होता है?
जोड़ों में दर्द खराब ब्लड सर्कुलेशन की कमी की वजह से हो सकता है। इसके अलावा कैल्शियम और विटामिन डी की कमी भी इस समस्या की वजह बन सकती है।जोड़ों के दर्द में क्या नहीं खाना चाहिए?
जोड़ों के दर्द होने पर आपको ज्यादा तेल मसाले वाले ऑयली फूड्स के सेवन से बचना चाहिए जो कि जोड़ों के दर्द को बढ़ा सकते हैं। इसके अलावा इनका सेवन जोड़ों में अकड़न की समस्या का भी कारण बन सकते हैं।क्या दूध पीने से आपके जोड़ों में दर्द हो सकता है?
Arthritis Foundation की मानें तो दूध भले ही प्रोटीन और कैल्शियम का सोर्स है लेकिन ज्यादा मात्रा में इसका सेवन खाकर कि फैट से भरपूर दूध का सेवन जोड़ों में दर्द की समस्या को बढ़ा सकता है। इसकी वजह से जोड़ों में सूजन बढ़ सकती है।
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Nov 10, 2025 11:59 IST
Published By : Pallavi Kumari