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प्रेग्नेंसी के दौरान जोड़ों में दर्द क्यों होता है? डॉक्टर से जानें कारण

प्रेग्नेंसी में महिलाओं को हार्मोनल बदलाव के चलते कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता है। आगे जानते हैं कि प्रेग्नेंसी में महिलाओं को जोड़ों में दर्द क्यों होता है और इससे कैसे बचा जा सकता है।
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प्रेग्नेंसी के दौरान जोड़ों में दर्द क्यों होता है? डॉक्टर से जानें कारण


प्रेग्नेंसी में महिलाओं को अपनी सेहत पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता होती है। लेकिन, इस दौरान महिलाओं को शारीरिक व हार्मोनल बदलावों के चलते कई तरह की समस्याओं का सामाना करना पड़ता है। इस समय अधिक महिलाओं को मूड स्विंग्स, जी मिचलाना, उल्टी आना, थकान महसूस होना व शुगर आदि की समस्या का सामना करना पड़ता है। यह समस्या हर महिला में अलग-अलग तरह की हो सकती हैं। सामान्य तौर पर यह समस्याएं डिलीवरी के बाद अपने आप ही दूर हो जाती हैं। इस लेख में जानते हैं कि प्रेग्नेंसी के दौरान महिलाओं को जोड़ों में दर्द (Joint Pain During Pregnancy) की समस्या क्यों होती है। साथ ही, इससे महिलाओं की लाइफस्टाइल कितनी प्रभावित होती है। आगे साईं पॉलीक्लीनिक की सीनियर गाइनाक्लॉजिस्ट डॉ. विभा बंसल से जानते हैं कि प्रेग्नेंसी में जोड़ों में दर्द के क्या कारण हो सकते हैं और इस समस्या से कैसे बचा जा सकता है। 

प्रेग्नेंसी में जोड़ों में दर्द के कारण - Causes Of Joint Pain During Pregnancy In Hindi 

हॉर्मोनल बदलाव

प्रेग्नेंसी के दौरान शरीर में कई हॉर्मोनल बदलाव होते हैं। इसमें रिलैक्सिन नामक हॉर्मोन भी तेजी से बढ़ता है। यह हॉर्मोन जोड़ों और मांसपेशियों को ढीला करने का काम करता है, ताकि डिलीवरी के समय पेल्विक क्षेत्र में लचीलापन बन सके। हालांकि, यह हॉर्मोन शरीर के अन्य जोड़ों को भी ढीला कर सकता है, जिससे जोड़ों में दर्द हो सकता है।

वजन बढ़ना

प्रेग्नेंसी के दौरान वजन का बढ़ना सामान्य होता है। जैसे-जैसे भ्रूण का विकास होता है, महिला के शरीर पर वजन बढ़ता है। इस बढ़ते वजन का सीधा असर जोड़ों, खासकर घुटनों और पीठ के जोड़ों पर पड़ता है। इस दौरान जो महिलाएं ज्यादा घी या मक्खन खाती है, उनका वजन बढ़ जाता है, ऐसे में जोड़ों में दर्द हो सकता है। 

joint pain during pregnancy

शरीर की मुद्रा में बदलाव 

प्रेग्नेंसी के दौरान शारीरिक संतुलन (change in posture) में भी बदलाव आता है, जिससे महिला की चलने-फिरने की पोश्चर बदल जाता है। जैसे-जैसे पेट का आकार बढ़ता है, शरीर का केंद्र बदलता है और रीढ़ की हड्डी पर अधिक दबाव पड़ता है। इससे कूल्हों और पीठ के जोड़ों में दर्द महसूस हो सकता है। शरीर की बदलती मुद्रा जोड़ों पर असमान दबाव डालती है, जिससे दर्द की समस्या बढ़ सकती है।

जोड़ों पर अधिक दबाव

गर्भावस्था के दौरान शिशु के बढ़ते वजन के कारण महिला के शरीर के जोड़ों, खासकर पीठ, कूल्हों और घुटनों पर अधिक दबाव पड़ता है। इस दबाव के कारण जोड़ों में सूजन (inflammation in joint) और दर्द हो सकता है। खासकर तीसरी तिमाही में महिलाओं को जोड़ों का दर्द अधिक महसूस हो सकता है।

पेल्विक ग्रिडल पेन (PGP)

पेल्विक ग्रिडल पेन या सिम्फाइसिस प्यूबिस डिस्फंक्शन (SPD) प्रेग्नेसी के दौरान एक सामान्य समस्या मानी जाती है, यह पेल्विक क्षेत्र में दर्द का कारण बनती है। यह दर्द कूल्हों, कमर और जोड़ों में फैल सकता है। PGP के कारण चलते समय, सीढ़ियां चढ़ते समय, या पोजीशन बदलते समय अधिक दर्द हो सकता है। 

प्रेग्नेंसी में जोड़ों के दर्द से बचाव के उपाय - Prevention Tips Of Joint Pain During Pregnancy In Hindi 

  • गर्भावस्था में हल्के और सुरक्षित व्यायाम करने से जोड़ों की ताकत और लचीलापन बढ़ता है।
  • खड़े या बैठते समय पोश्चर सही बनाए रखने से पीठ और जोड़ों पर कम दबाव पड़ता है।
  • दर्द वाले जोड़ों पर गर्म पानी की सिकाई करने से सूजन और दर्द कम हो सकता है।
  • पर्याप्त आराम और नींद लेने से शरीर की थकान कम होती है और जोड़ों का दर्द कम हो सकता है।

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Causes And Prevention Tips Of Joint Pain During Pregnancy: प्रेग्नेंसी के दौरान जोड़ों का दर्द आम समस्या है, लेकिन इसके पीछे कई कारण होते हैं। वजन बढ़ना, हॉर्मोनल बदलाव, और शारीरिक मुद्रा में बदलाव इसके मुख्य कारणों में शामिल हैं। हालांकि, नियमित व्यायाम और सही देखभाल से इस दर्द को कम किया जा सकता है। यदि दर्द बहुत अधिक हो, तो डॉक्टर से संपर्क करें। 

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