
प्रेग्नेंसी में महिलाओं को कई तरह की समस्याएं होती हैं। इस समय उनके शरीर में तेजी से हार्मोनल बदलाव होता है, ऐसे में महिलाओं को मतली-उल्टी, सूजन आदि कई लक्षणों का सामना करना पड़ता है। वहीं, महिलाओं को डाइट और लाइफस्टाइल से जुड़ी कई सावधानियों को बरतने की सलाह दी जाती है। पहली बार मां बनने वाली महिलाओं को इस दौरान ज्यादा समस्या का सामना करना पड़ता है। कुछ महिलाओं को खाने के बाद पाचन संबंधी समस्याएं तो कुछ को जोड़ों में दर्द की परेशानी हो सकती है। वहीं, कुछ महिलाओं को खाने के तुरंत बाद मल त्याग की इच्छा होने लगती है। अपोलो अस्पताल की हाई रिस्क प्रेग्नेंसी एक्सपर्ट, लैपरोस्कोपी सर्जन, गाइनोक्लॉजिस्ट डॉक्टर भूमिका बंसल ने अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर प्रेग्नेंसी में खाना खाने के बाद होने वाले लक्षणों के बारे में कहा कि यह एक सामान्य लक्षण हैं। आगे जानते हैं कि प्रेग्नेंसी में महिलाओं को खाने के बाद सांस लेने में परेशानी, जोड़ों में दर्द और मल त्याग की इच्छा क्यों होती है।
प्रेग्नेंसी में खाना खाने के बाद जोड़ों में दर्द और सांसों में रुकावट जैसी समस्याएं क्यों होती हैं?
गर्भावस्था में वजन बढ़ना (Weight Gain)
प्रेग्नेंसी में हार्मोनल बदलाव के चलते अधिकतर महिलाओं का वजन बढ़ जाता है। ऐसे में महिलाओं को कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता है। प्रेग्नेंसी में वजन और प्रोजेस्टरोन बढ़ाने से हाथों के जोड़ों में दर्द की समस्या हो सकती है। लेकिन इस स्थिति में आपको घबराने की आवश्यकता नहीं है। यह एक सामान्य लक्षण माना जाता है।

प्रेग्नेंसी में सूजन (Swelling During Pregnancy)
प्रेग्नेंसी में सूजन की वजह से नसों पर दबाव पड़ता है। सूजन की वजह से महिलाओं के हाथों और अन्य जोड़ों में दर्द, सुई चुभने की तरह दर्द, हाथों का सुन्न होना और दर्द की समस्या हो सकती है। ऐसे में महिलाओं को भारी चीजें उठाने से बचना चाहिए।
गैस्ट्रोकोलिक रिफ्लैक्स (Gastrocolic Reflux)
प्रेग्नेंसी में रात को ज्यादा खाने के कारण महिलाओं को गैस्ट्रोकोलिक रिफ्लैक्स की समस्या हो सकती है। ऐसे में महिलाओं को बार-बार मल त्याग की इच्छा होती है। यदि, महिलाओं को दस्त होने लगे तो उनको तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।
प्रोजेस्टरोन में बढ़ोतरी (Increase progesterone)
प्रेग्नेंसी में प्रोजेस्टरोन के लेवल में बढ़ोतरी की वजह से महिलाओं को सांस से जुड़ी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। इस हार्मोन में होने वाले उतार चढ़ाव से सांस ज्यादा तेज हो सकती है। ऐसे में सीने में दर्द और आलस होने लगे तो आपको रोजाना के काम करने में परेशानी हो सकती है।
एनीमिया (Anemia)
प्रेग्नेंसी में खून की कमी के कारण महिलाओं को एनीमिया हो सकता है। यह स्थिति महिला और बच्चे के लिए नुकसानदायक हो सकती है। हीमोग्लोबिन की कमी से ऑक्सीजन के लेवल पर प्रभाव पड़ता है, ऐसे में महिलाओं को सांस लेने में परेशानी हो सकती है।
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प्रेग्नेंसी में किसी भी तरह के लक्षण अगर महिला के रोजाना कार्यों में बाधा बनते हैं, तो ऐसे में महिला को तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। प्रेग्नेंसी में महिलाओं को भ्रूण के विकास के लिए कई तरह की सावधानियां बरतने की आवश्यकता होती है।
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