मांसपेशियों की अकड़न से हैं परेशान? एक्सपर्ट से जानें बचने के तरीके

मांसपेशियों में अकडऩ तब होती है, जब मांसपेशियां कड़ी हो जाती हैं और उन्हें मूव करना कठिन होता है। ऐसे में एक्सपर्ट से जानें कैसे करें इस परेशानी से बचाव
  • SHARE
  • FOLLOW
मांसपेशियों की अकड़न से हैं परेशान? एक्सपर्ट से जानें बचने के तरीके


मांसपेशियां हमारे शरीर की एक महत्वपूर्ण संरचना होती हैं। उनके बिना न तो हम खड़े हैं न सीधे बैठ सकते हैं, इसलिए बहुत जरूरी है कि उनकी उचित देखभाल की जाए। लेकिन भागदौड़ भरी इस जिंदगी में हम अपने शरीर का पूरा ख्याल नहीं रखते, इससे हमारी मांसपेशियों पर बुरा प्रभाव पड़ता है। फास्ट फूड का सेवन, देर रात तक जागना, पूरी नींद ना लेना, एक्सरसाइज न करना या अतिसक्रिय जीवन जीना मांसपेशियों का लचीलापन कम करने में अहम भूमिका निभाते हैं। मांसपेशियों की अकडन के कारण हमारे जीवन की गुणवत्ता प्रभावित होती है। इसके बारे में पढ़ते हैं आगे...

 muscle disorders

मांसपेशियों की अकड़न के संभावित कारण

मांसपेशियों में अकडऩ तब होती है, जब मांसपेशियां कड़ी हो जाती हैं और उन्हें मूव करना कठिन होता है, विशेषरूप से आराम करने के बाद।  इसके कारण दर्द, ऐंठन और बैचेनी हो सकती है। मांसपेशियों की अकडऩ के कई कारण हैं। गंभीर बीमारियों से लेकर खानपान की गलत आदतें और खराब जीवनशैली इसमें महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।

मैग्नेशियम और कैल्शियम का असंतुलन

मांसपेशियों को रिलैक्स होने के लिए मैग्नेशियम की आवश्यकता पड़ती है और संकुचन के लिए कैल्शियम की, जब दोनों असंतुलित हो जाते हैं, तो इसके कारण मांसपेशियां कड़ी हो जाती हैं और उनमें खिंचाव आ जाता है।

डिहाइड्रेशन

पानी हमारी मांसपेशियों की संरचना का एक महत्वपूर्ण भाग है, इससे मांसपेशियों में लचीलापन बना रहता है। पानी में इलेक्ट्रोलाइट्स होते हैं ये आदेशों को हमारे तंत्रिका तंत्र से मांसपेशियों को भेजते हैं और फिर मांसपेशियों से तंत्रिका तंत्र को। बिना पर्याप्त पानी के मांसपेशियों की मस्तिष्क से कम्युनिकेट करने की क्षमता प्रभावित होती है।

इसे भी पढ़ेें- बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए कितना कारगर है एयर प्यूरीफायर? जानें क्या करते हैं एक्सपर्ट

निष्क्रियता

शारीरिक रूप से सक्रिय न रहना लंबे समय तक बैठे, खड़े या लेटे रहने से भी मांसपेशियां कड़ी हो जाती हैं।

तनाव

तनावपूर्ण स्थिति से निपटने के लिए हमारा शरीर कड़ा हो जाता है। लंबे समय तक तनावग्रस्त रहने से मांसपेशियां कड़ी हो जाती हैं।

इसे भी पढ़ें- अगर पाचन तंत्र दुरुस्त ना हो तो हो सकती हैं ये तीन बीमारियां, यहां जानें बचाव का तरीका

वार्म-अप और कूल-डाउन न करना

जब आप शरीर को सीधे रेस्टिंग फेज से एक्टिव फेज में ले आते हैं तो मांसपेशियों में टूट-फूट हो जाती है, जिससे उनमें दर्द होता है और वो कड़ी हो जाती हैं, इसलिए वर्क आउट करने से पहले वार्म-अप और वर्क-आउट के बाद कूल डाउन जरूर करें।

अन्य कारण

अत्यधिक वर्कआउट, कड़ा शारीरिक श्रम, चोट लग जाना, अर्थराइटिस, एंग्जाइटी डिसआर्डर, संक्रमण और ऑटो-इम्यून रोग के कारण सूजन आ जाना, दवाईयों के साइड इफेक्ट्स, जैसा कोलेस्ट्रॉल कम करने वाली दवाईयां, पोषक भोजन की कमी, वजन अधिक होना, नींद पूरी न होना, ठंडे और आद्र वातावरण में रहना।

मांसपेशियों की अकडऩ से होने वाली समस्याएं

मांसपेशिया हमारे शरीर की सबसे महत्वपूर्ण संरचनाओं में से एक हैं। शरीर की लगभग हर मूवमेंट के लिए इनकी आवश्यकता पड़ती है। इन गतिविधियों को करने के लिए मांसपेशियों का लचीला होना बहुत जरूरी है, जब मांसपेशियां कड़ी हो जाती हैं तो कईं प्रकार की समस्याएं आती हैं:-शरीर की मूवमेंट प्रभावित होती है, अंगों को हिलाने-डुलाने में समस्या आना, मांसपेशियों में दर्द होना, अत्यधिक थकान महसूस होना, पूरे शरीर या किसी विशेष भाग में दर्द होना, मसल्स नॉट (मांसपेशियों में गठानें बन जाना). मांसपेशियों में खिंचाव महसूस होना, अपने सामान्य कार्य करने में परेशानी आना।

( ये लेख पीडी हिंदुजा अस्पताल, मुबंई के आर्थोपेडिक सर्जन डा.संजय अग्रवाल से बातचीत पर आधारित है।)

Read More Articles on Other Diseases in Hindi

Read Next

बार-बार चक्कर आने की समस्या को ना करें नजरअंदाज, हो सकती हैं ये 7 गंभीर समस्याएं

Disclaimer