दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण का स्तर दिन पर दिन खराब हो जाता रहा है। सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड (Central Pollution Control Board) के डेटा की मानें, तो आनंद विहार में एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI)377 है, जो कि बहुत ही खराब स्तर माना जाता है। इसके अलावा दिल्ली पॉल्यूशन कंट्रोल कमेटी का डेटा बताता है कि रोहिणी में एयर क्वालिटी इंडेक्स 346, आरके पुरम में 329, मुंडका में 363 है, जो कि इन सभी इलाकों में वायु गुणवत्ता को लेकर 'बेहद खराब' स्थिति की ओर संकेत करता है। इस स्थित को देखते हुए लोग अपने घरों में एयर प्यूरीफायर (Air Purifiers)का इस्तेमाल कर रहे हैं। पर सवाल ये उठता है कि क्या एयर प्यूरीफायर इतने प्रभावी ढंग से काम करते हैं कि ये आपको इस वायु प्रदूषण से बचा लेगें? क्या इनका इस्तेमाल वायु प्रदूषण से बचने का परमानेंट उपाय है? इसी सवाल का जवाब जानने के लिए 'ऑनली माय हेल्थ' ने डॉ. संदीप नायर से बात की, जो कि बी.एल.के सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल में सेंटर फॉर चेस्ट एंड रेस्पिरेटरी डिसीज के वरिष्ठ डॉक्टर एवं निदेशक हैं।
डॉ. संदीप नायर की मानें, तो लंबे समय से लोग वायु प्रदूषण की इस स्थिति को लेकर इतने गंभीर नहीं थे, लेकिन हाल के दिनों में ये लोगों के लिए एक बड़ी चिंता का कारण बन गई है। जिस तरह से वायु गुणवत्ता दिन पर दिन खराब हो रही है, उससे लोगों को स्वास्थ्य से जुड़ी कई परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। वायु प्रदूषण का सबसे ज्यादा नुकसान हमारे फेफड़ों को हो रहा है, जिसके कारण खांसी, आंखों में जलन और सांस लेने में समस्या हो रही है, तो वहीं बच्चों और बुजुर्गों की इम्यूनिटी बेहद खराब हो गई है। इसे देखते हुए लोग अब एयर प्यूरीफायर का इस्तेमाल करने का मजबूर हैं। पर ये एयर प्यूरीफायर भी कुछ हद तक ही हवा को प्यूरीफाई करके साफ कर सकते हैं। इसके साथ ही कई और कारक भी हैं, जिस पर एयर प्यूरीफिकेशन का स्तर निर्भर करता है।
Delhi: Air Quality Index is at 313 in Anand Vihar, 305 in RK Puram, 325 in Mundka and 309 in Patparganj; all four in 'very poor' category as per Delhi Pollution Control Committee data. pic.twitter.com/KcfLQbmcOX
टॉप स्टोरीज़
कितना कारगर है एयर प्यूरीफायर (Do Air Purifiers Work)?
डॉ. नायर कहते हैं, कि एयर प्यूरीफायर काम करते हैं, लेकिन ये आपके कमरे के अनुसार होना चाहिए। यानी कि एक छोटे एयर प्यूरीफायर की मदद से आप एक बड़े कमरे का एयर प्यूरीफाई नहीं कर सकते हैं। इसलिए बेहतर यही होगा कि आप व्यक्तिगत कमरों के हिसाब से एयर प्यूरिफायर लगवाएं। वहीं डॉ, नायर ये भी बताते हैं कि, प्यूरीफायर का उपयोग करना हमेशा उचित या उतना प्रभावी नहीं होता है। पर कुछ हद तक, एयर प्यूरिफायर उन लोगों के लिए काम कर सकते हैं, जो कि घर पर रहते हैं और कहीं भी बाहर आते-जाते नहीं। उदाहरण के लिए, बुजुर्ग या बच्चे। पर घर से बाहर आपको इससे परेशानी होगी, जिससे बचने के लिए आपको N-95 और N-99 मास्क का इस्तेमाल करना चाहिए।
इसे भी पढ़ें : क्यों कहा जा रहा है कि सर्दियों में बढ़ जाएगा कोरोना वायरस का खतरा? ठंडे मौसम में कोविड-19 से बचाव के उपाय
एयर प्यूरीफायर परमानेंट उपाय नहीं है
डॉ. नायर के अनुसार एयर प्यूरीफायर और मास्क एक टेम्परोरी उपाय हैं और ये दोनों ही लंबे समय तक गंभीर स्थितियों में प्रभावी ढंग से काम नहीं कर पाएंगे। इसके लिए हम सभी को इसका कुछ परमानेंट उपाय निकालना होगा। इसके लिए आपको वायु प्रदूषणों के मूल कारणों पर ध्यान देना होगा और उसे कम करने की कोशिश करनी होगी। जैसे कि
- - कोयला और लकड़ी जलाकर खाना पकाने से बचें।
- -सूखे पत्तों को जलाना बंद करें।
- -गाड़ियों के इस्तेमाल को सीमित करें।

इसे भी पढ़ें : 'इनडोर पॉल्यूशन' से बढ़ता है कई गंभीर रोगों का खतरा, एक्सपर्ट से जानें क्या है बचाव का तरीका
इनडोर पॉल्यूशन को कम करें
डॉ. संदीप नायर की मानें, तो घर के बाहर का प्रदूषण जितना खतरनाक है, उतना ही इनडोर पॉल्यूशन भी नुकसानदेह है। दरअसल जैसे-जैसे तापमान में गिरावट आने लगती है, वैसे-वैसे लोग अपने घरों को गर्म रखने के लिए लकड़ियां जलाने लगते हैं, जो कि इनडोर पॉल्यूशन को बढ़ा देता है। वहीं कई और गतिविधियां भी हैं, जो अनजाने में इनडोर पॉल्यूशन को बढ़ाते हैं। इसलिए हमे इनडोर एयर पॉल्यूशन को कम करने के लिए इन चीजों का खास ध्यान रखना चाहिए। जैसे कि
- -घर में अगरबत्ती या धुएं वाला धूप न जलाएं।
- - मॉसकिटो कॉइल जलाने से बचें क्योंकि इसका धुआं इनडोर वायु प्रदूषण को तेजी से बढ़ाता है।
- -घर में सिगरेट पीने से बचें।
इस तरह हम सभी मिल कर अपनी छोटी-छोटी कोशिशों से ही इस परेशानी से पार पा सकते हैं। नहीं तो ये प्रदूषित हवा का नुकसान सिर्फ हमारे फेफड़ों को ही नहीं होगा, बल्कि ये हमारी त्वचा, आंख, पाचन तंत्र और हृदय के स्वास्थ्य को भी खराब कर देगी। इसलिए डॉ. संदीप नायर की बात मानें और एयर प्यूरीफायर जैसे आज के टेम्परोरी उपायों में निवेश करने के साथ भविष्य के बारे में सोचें और घर ही नहीं बल्कि बाहर की हवा को भी स्वच्छ बनाएं।
Read more articles on Other-Diseases in Hindi