कोरोना वायरस का कहर अभी खत्म भी नहीं हुआ जिसकी वजह से लोगों को कफी परेशानी उठानी पड़ रही है। जिसकी वजह से लोग अपने घर पर रहकर ही अपना काम काज कर रहे हैं, लेकिन इस कोरोना वायरस के साथ-साथ अब प्रदूषण की समस्या भी आने लग गई है। इन दोनों ही बीमारियों से लोगों को सांस लेने में परेशानी होती है, गले में दर्द, खांसी, जुखाम जैसे समस्या को झेलना पड़ता है। इसके साथ-साथ इस परेशानी की वजह से लोगों के बाकी शरीर के अंग भी प्रबावित हो रहे हैं। जिसकी वजह से लोग तनाव में रहने लगे हैं।
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प्रदूषण की वजह से लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ सकता है क्योंकि अब आने वाले समय में त्योहारों का सीजन भी शुरू हो रहा है। जैसे दीवाली जिसमे प्रदूषण का स्तर और बढ़ जाता है। ऐसे समय में प्रदूषण के बढ़ जाने की वजह से लोगों को आंखों में जलन, बार-बार खांसी आना इसके साथ-साथ कई अन्य गंभीर बीमारियों का सामना करना पड़ता है। इन बीमारियों से बचने के लिए लोगो जिसना हो सके घर के अंदर ही रहें, जिसकी वजह से वह अपने आपको प्रदूषित हवा से बता सकते हैं। इसके साथ ही अभी कोरोना वायरस का खतरा भी कम नहीं हुआ है।
लोगों में दिल की समस्या बढ़ जाना
बढ़ते प्रदूषण की वजह से लोगों में बीमारियों का खतरा बढ़ रहा है। इस बढ़ते वायु प्रदूषण की वजह से शरीर में खून का प्रभाव खराब हो जाता है। हार्ट ब्लॉकेज की परेशानी देखने को मिलती है। जो लोगों के लिए बड़ी समस्या पैदा कर सकता है। कभी-कभी ये परेशानी इतनी बड़ी हो जाती है कि व्यक्ति को अस्पताल जाना पड़ता है।
लोगों के प्रदूषण की वजह से निमोनिया हो जाता है
वायु प्रदूषण में कई हानिकारक बैक्टीरिया होते हैं जो लोगों के सांस लेते समय शरीर में चले जाते हैं। जो इससे व्यक्ति लो निमोनिया जैसी परेशानी हो जाती है। जिसमें व्यक्ति को खांसी, बुखार, सासं लेने में परेशानी होना, गले में दर्द होना, सीने में दर्द होना जैसे समस्या हो जाती है। खराब हवा की वजह से लोगों को इन सब परेशानियों को झेलना पड़ता है, जिसकी वजह से व्यक्ति के फेफड़ों में सूजन आ जाती है। और साथ ही फेफड़ों में पानी भरने की समस्या देखने को मिलती है जो जानलेवा भी हो सकती है।
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आंत, गले और फेफड़ों में कैंसर हो जाना
वायू प्रदूषण एक जहर की तरह ही होता है। जो धीरे-धीरे शरीर में अपना असर करता है। ये हवा व्यक्ति के शरीर में कैंसर का कारण बन जाती है। क्योंकि जब व्यक्ति सासं लेता है तो उसके शरीर में ये खराब कण जाकर मिल जाते हैं और जो धीरे-धीरे से जमना शुरू हो जाते हैं। इसकी वजह से लोगों को गले, आंत और फेफड़ों के कैंसर का खतरा और बढ़ जाता है। और शरीर में ऑक्सीजन की कमी होना शुरू हो जाता है।
प्रदूषण की वजह से अस्थमा का खतरा बढ़ता है
जब लोग इस खराब हवा में सांस लेते हैं तो उसमें सबसे ज्यादा खतरा अस्थमा की बीमारी होने का होता है। और जिन लोगों को पहले से ये बीमारी होती है उनके लिए ये बहुत परेशानियां लेकर आती है। वायू प्रदूषण में सांस लेने से सांस की नली में सूजन आ जाती है। जिसकी वजह से अस्थमा के मरीजों के सांस लेनें में और परेशानी होने लगती है।
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इस बढ़ते प्रदूषण से अपने आपको बचाना जरूरी है क्योंकि ये शरीर मे एक के बाद एक परेशानी की वजह बन सकता है।
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