
अक्सर हम प्रदूषण से बचने के लिए घरों में रहने की कोशिश करते हैं और ये सोचते हैं कि बाहर बढ़ते प्रदूषण से हम कई स्वास्थ्य समस्याओं से पीड़ित हो सकते हैं। लेकिन क्या आपको पता है आप बाहर ही नहीं बल्कि घर में होने वाले प्रदूषण से भी गंभीर स्थिति की चपेट में आ सकते हैं। जी हां, बाहर होने वाले प्रदूषण से ही नहीं बल्कि आप इनडोर पॉल्यूशन यानी घर के अंदर होने वाले प्रदूषण के कारण भी खुद को अस्वस्थ बना सकते हैं।
इन प्रदूषक कणों आपके सांस द्वारा आपके शरीर में प्रवेश करता है जो आपके रक्तप्रवाह में अवशोषित हो जाता है और सभी अंगों को प्रभावित करता है। इसके कारण आपको सांस लेने में परेशानी, खांसी, कफ और छींक जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। इस विषय पर पारस हॉस्पिटल के चीफ ऑफ़ चेस्ट इंस्टीट्यूट एंड रेस्पिरेटरी मेडिसिन, डॉक्टर अरुणेश कुमार से हमने बात की और जाना की कैसे इनडोर पॉल्यूशन यानी घर के अंदर प्रदूषण कैसे हमारे लिए खतरनाक है, इसके कारण हमे क्या खतरा हो सकता है और कैसे इससे हमे अपना बचाव करना चाहिए।
घर के अंदर इनडोर प्रदूषक क्या होते हैं?
इनडोर प्रदूषक यानी घर के अंदर प्रदूषक कण वो होते हैं जो घर के अंदर धूल जमने लगती हैं और वो कठोर सतहों पर काफी समय तक रहती है जो घर में प्रदूषण का एक बड़ा कारण है। जरूरी नहीं कि सिर्फ सतहों पर जमने वाली धूल ही प्रदूषण का कारण होती है बल्कि जिन घरों में धूम्रपान किया जाता है उन घरों में भी प्रदूषण का स्तर बहुत ज्यादा होता है। जो एक खतरनाक और जहरीले प्रदूषण के स्तर को दिखाता है। इसके अलावा किचन यानी रसोई में खाना बनाने के दौरान भी प्रदूषण का खतरा बढ़ता है अगर आप तेज मसालों के साथ छोंक लगाते हैं, ये उन लोगों के लिए खतरनाक स्थिति को पैदा कर सकता है जो गंभीर अस्थमा की स्थिति का सामना कर रहे हैं। ऐसे में उनमें लक्षण बढ़ जाते हैं और वो खुद को अस्वस्थ महसूस करते हैं।
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किन बीमारियों का होता है खतरा
घर में होने वाले प्रदूषण से आप कई गंभीर स्थिति या बीमारियों का सामना करना पड़ सकता है, जिसमें अस्थमा, काला दमा, क्रोनिक डिजीज और फेफड़ों से संबंधित संक्रमण हो सकता है। इसके अलावा कुछ लोगों में आम संक्रमण भी हो सकता है जैसे बहुत ज्यादा खासी, सांस लेने में परेशानी, कफ और कुछ मामलों में बुखार भी। इन लक्षणों के साथ आप खुद को अस्वस्थ महसूस कर सकते हैं। इस स्थिति में आपको अपने डॉक्टर से तुरंत सलाह लेने और जांच कराने की जरूरत होती है। खासकर ये सुझाव उन लोगों के लिए जरूरी है जो पहले से ही किसी क्रोनिक डिजीज या अस्थमा से पीड़ित हैं।
कोरोना काल में कितना खतरनाक है प्रदूषण का बढ़ना
प्रदूषण कणों से सहारे बढ़ता है जिसमें बैक्टीरिया और वायरस को एक सतह मिल जाती है जिसमें वो लंबे समय तक टिके रह सकते हैं। जिसके कारण ये वातावरण में देर तक रहेगा और कई लोग इसकी चपेट में आ सकते हैं। इसलिए माना जा रहा है कि सर्दी के दौरान कोरोना का खतरा बढ़ सकता है और इससे बचाव करना जरूरी है। इसके लिए एक्सपर्ट का कहना है कि हमे हमेशा मास्क और सामाजिक दूरी का पालन करना जरूरी है तभी हम इस स्थिति से बच सकते हैं।
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कैसे करें बचाव
- इनडोर स्मोकिंग न करें।
- कारपेट को नियमित रूप से साफ रखें या अच्छी तरह से धो लें।
- घर की साफ-सफाई के दौरान घर के दरवाजें और खिड़कियां खोल कर रखें।
- बहुत ज्यादा धूल को न जमने दें।
- रोजाना घर के कठोर सतहों को गीले कपड़े के साथ साफ करें।
- जिन लोगों को गंभीर समस्याएं हैं वो अपनी दवाएं बिलकुल बंद न करें।
- साफ-सफाई के दौरान मास्क का इस्तेमाल कर सकते हैं।
- इसके अलावा आप सुबह 8 से 11 बजे और शाम 4 बजे से 8 बजे तक बाहर एक्सरसाइज करने से बचें।
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