World Environment Day: सेहत के लिए हानिकारक है प्‍लास्टिक कचरा, सभी जीवों के लिए है जानलेवा

बाजारवाद कहें या लोगों की बढ़ती मांग ने प्‍लास्टिक कचरा पर्यावरण को दीमक की तरह खत्‍म कर रहा है, जिसका सबसे ज्‍यादा बुरा असर भूमंडल पर रहने वाले जीव और मनुष्‍यों पर पड़ रहा है। 
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World Environment Day: सेहत के लिए हानिकारक है प्‍लास्टिक कचरा, सभी जीवों के लिए है जानलेवा

World Environment Day 2020: जैसे-जैसे दुनिया की आबादी बढ़ती जा रही है, वैसे ही लोग कचरे की मात्रा भी पैदा करते हैं। कचरों में अगर सबसे ज्‍यादा कुछ है तो वह प्‍लास्टिक है। बाजारवाद कहें या लोगों की बढ़ती मांग ने प्‍लास्टिक कचरा पर्यावरण को दीमक की तरह खत्‍म कर रहा है, जिसका सबसे ज्‍यादा बुरा असर भूमंडल पर रहने वाले जीव और मनुष्‍यों पर पड़ रहा है। पानी की बोतले, पॉलीथीन जैसे डिस्‍पोजल जहर घोल रहे हैं। इन उत्पादों के संचय ने दुनिया भर में प्लास्टिक प्रदूषण की मात्रा में वृद्धि की है। चूंकि प्लास्टिक कई विषाक्त प्रदूषकों से बना है, इसलिए यह वायु, जल और भूमि प्रदूषण के रूप में पर्यावरण को भारी नुकसान पहुंचाने की क्षमता रखते हैं। हम आपको इस लेख में बताएंगे कि प्‍लास्टिक कचरा हमारे स्‍वास्‍थ्‍य को किस तरह से प्रभावित कर रहे हैं और इससे कैसे बचा जा सकता है।

जानलेवा बीमारियों का है कारण

प्लास्टिक मुख्य रूप से पेट्रोकेमिकल्स से बने होते हैं। इसलिए, यह मानव स्वास्थ्य के लिए अच्छे नहीं हैं और विभिन्न तरीकों से समस्याएं पैदा कर सकते हैं। जब प्लास्टिक जल में मिलते हैं तो विषाक्त पदार्थों को छोड़ते जो कैंसर संबंधी बीमारियों का कारण बन सकते हैं। कई स्वास्थ्य चिकित्सक प्लास्टिक का उपयोग करने में साव‍धानी बरतने की सलाह देते हैं। उनका मानना है कि प्‍लास्टिक के बर्तनों में गर्म सामाग्री का उपभोग नहीं करना चाहिए। यह स्‍वास्‍थ्‍य के लिए हानिकारक होते हैं। प्लास्टिक कचरा उन बीमारियों का कारण बन सकता है जिनका इलाज काफी मंहगा और लाइलाज भी है। बच्चे प्लास्टिक से बनी वस्‍तुओं को निगल सकते हैं जो जानलेवा है, इससे बच्‍चों की दूरी बनाए।

भूमि को करते हैं प्रदूषित

जगह-जगह फेके गए प्‍लास्टिक को लोग नजरअंदाज कर के आगे बढ़ जाते हैं जबकि इससे गंदगी तो फैलती ही है साथ में वह हानिकारक भी होते हैं। प्‍लास्टिक जमीन पर पड़े-पड़े सड़ने लगते हैं और वह हानिकारक रसायन छोड़ते हैं जो जमीन में मिल जाता है। जो पौधों और सूक्ष्‍म जीवों के साथ जमीन की उत्‍पादकता को भी प्रभावित करते हैं और यह कहीं न कहीं हमारे स्‍वास्‍थ्‍य को भी प्रभावित करता है। ऐसा इसलिए कहा जा सकता है क्‍योंकि जमीन से घुलने वाले रसायन पीने वाले पानी में मिल जाते हैं जो शरीर में बीमारियों का कारण बनते हैं।

एयर पॉल्‍यूशन

खुली हवा में जलता प्लास्टिक जहरीले रसायनों को छोड़ता है जो पर्यावरण को प्रदूषित करता है। प्रदूषित हवा मनुष्यों और जानवरों को प्रभावित करती है। जब यही जहरीली हवाएं श्‍वास नली द्वारा शरीर में प्रवेश करती हैं तो श्‍वसन नली में समस्‍याएं पैदा होती हैं। यह अस्‍थमा का कारण बनती है और अस्‍थमा रोगियों के लिए जानलेवा भी साबित हो सकती हैं।

पशुओं के लिए है खतरनाक

प्लास्टिक बैग खाने की बात आती है तब मवेशी इस मामले सबसे ऊपर दिखाई देते हैं। अक्‍सर सड़क के किनारे कचरे के ढेर में मवेशी पॉलीथीन खाते नजर आते हैं। जबकि ये सामग्री पेट से पचाने योग्य नहीं हैं, इसलिए वे प्लास्टिक के घटकों से जारी रसायनों के कारण पेट में परेशानियों और जहर पैदा कर सकते हैं। यह तब होता है जब हम प्लास्टिक को सही ढंग से निपटाने में विफल रहते हैं और उन्हें कहीं भी फेक देते हैं। ऐसे मवेशियों का अगर दूध भी कोई पीता है तो यह हानिकारक हो सकता है।

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प्‍लास्टिक कचरा है जहरीला

मनुष्य कृत्रिम रूप से कई जहरीले रसायनों का उपयोग करके प्लास्टिक बनाता है। इसलिए, प्लास्टिक के उपयोग और जोखिम को दुनिया भर के लोगों को प्रभावित करने वाली कई स्वास्थ्य चिंताओं से जुड़ा हुआ है। बनाने, भंडारण, निपटान, और प्लास्टिक के आसपास होने की प्रक्रिया जीवित चीजों के लिए बेहद हानिकारक हो सकती है।

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प्‍लास्टिक कचरों से कैसे निपटें

लोग प्‍लास्टिक के प्रयोग पर बैन लगाने की बात करते हैं लेकिन कोई इसे इस्‍तेमाल न करने का प्रण नहीं लेता है। जरूरी है कि प्‍लास्टिक बैग के बजाए कागज के थैलों का प्रयोग किया जाए। प्‍लास्टिक कचरों को पानी में या सड़क पर इधर-उधर फेंकने के बजाए वहां रखें जहां से इसे रिसाइकिल किया जा सके। प्‍लास्टिक के बर्तन में गर्म चीजों का सेवन न करें यह स्‍वास्‍थ्‍य के लिए हानिकारक हो सकता है।

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