इंसान के जीवन में भावनाएं यानी फीलिंग्स न हों तो उसका जीवन बोरिंग और तनावभरा हो सकता है। धरती पर मौजूद प्राणियों में इंसान को सबसे अलग उसका सोचने का नजरिया और उसकी भावनाएं बनाती हैं। हम सभी के जीवन मैं कई ऐसी घटनाएं जरूर हुई होंगी जिनसे बाहर निकलना बड़ा मुश्किल हो जाता है। अक्सर यह देखा गया है कि कुछ लोगों की जिंदगी में कई घटनाओं ने बड़ी छाप छोड़ी है जिसकी वजह से लोगों की जिंदगी में बदलाव भी देखने को मिले हैं। लेकिन बीते दिनों की यादें या पास्ट में हुई इन घटनाओं का बोझ ढोना हर इंसान के लिए न सिर्फ मानसिक रूप से नुकसानदायक होता है बल्कि इसका असर शारीरिक स्वास्थ्य पर भी पड़ता है। जब आप अपने जीवन के बीते हुए दिनों की बातें या घटनाओं को गिल्ट और पछतावे की तरह याद रखने लगते हैं तो इससे बाहर निकलना बड़ा मुश्किल हो जाता है। इस समस्या को मनोविज्ञान की भाषा में इमोशनल बैगेज (Emotional Baggage) कहते हैं। एक्सपर्ट्स का मानना है कि जब आप पास्ट की चीजों को गिल्ट के रूप नें ढो रहे होते हैं तो इसकी वजह से आपका वर्तमान और आने वाला कल भी प्रभावित होता है। इमोशनल बैगेज की वजह से अगर आपको भी दिक्कत हो रही है तो आइये जानते हैं इस समस्या के बारे में।
क्या है इमोशनल बैगेज? (What is Emotional Baggage?)
इमोशनल या मनोवैज्ञानिक बैगेज बचपन या पास्ट की कुछ ऐसी यादें या अनुभव हो सकते हैं जिनकी वजह से आपको परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। बचपन के आघात, दुर्व्यवहार, या अतीत के किसी भी नकारात्मक अनुभव के कारण जब आप भावनात्मक रूप से परेशान होते हैं या उसकी वजह से आपके मानसिक स्वास्थ्य और कामकाज पर असर पड़ता है तो इस स्थिति को इमोशनल बैगेज कहा जाता है। जीवन में सही ढंग से आगे बढ़ने के लिए हमें पास्ट के अनुभवों की आवश्यकता तो पड़ती है लेकिन पास्ट की ऐसी यादों को ढोना जो आपके मानसिक सेहत के लिए ठीक नहीं है, फायदेमंद नहीं माना जाता है। इसका असर आपके मानसिक स्वास्थ्य पर तो पड़ता ही है बल्कि यह आपके कामकाज और करियर को भी बुरी तरह से प्रभावित कर सकता है। यदि आप चिंतित, उदास, लंबे समय से क्रोधित, एकाकी, एकाग्र जैसी स्थितियों में रहकर अपनी जिंदगी गुजार रहे हैं तो ये इमोशनल बैगेज के कारण भी हो सकता है। यह समस्या काफी गंभीर मानी जाती है और समय पर इसका इलाज न कराने से आपको आगे चलकर कई दिक्कतें हो सकती हैं।
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इमोशनल बैगेज के कारण (What Causes Emotional Baggage?)
किसी भी व्यक्ति में इमोशनल बैगेज का कारण उसके जीवन में हुई कुछ दर्दनाक घटनाएं या आघात आदि हो सकता है। यह समस्या किसी एक कारण की वजह से नहीं होती है। हम सभी के जीवन में तमाम घटनाएं होती हैं जिनसे प्रेरणा लेकर हम आगे बढ़ने की सीख ले सकते हैं। लेकिन जिंदगी हमेशा एक समान नहीं रहती है यही कारण है कि अतीत में हुईं कुछ ऐसी घटनाएं हमारे जीवन को बुरी तरह से प्रभावित करती हैं। इन घटनाओं से प्रभावित होने की जगह अगर आप इनसे बाहर निकलने का प्रयास करते हैं तो यह आपके लिए बेहतर माना जाता है। अतीत में हुईं घटनाएं जैसे आघात, किसी का आपके जीवन से चले जाना आदि इमोशनल बैगेज का कारण बनती हैं। मुख्य रूप रूप से इस समस्या के कारण ये हो सकते हैं।
- अतीत की घटनाएं।
- किसी करीबी को खो देना।
- बचपन में हुआ कोई मानसिक आघात।
- अतीत में हुआ कोई दुर्व्यवहार।
- बीते दिनों में आपकी कोई हरकत जिसकी वजह से गिल्ट हो रहा हो।
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इमोशनल बैगेज के लक्षण (Emotional Baggage Symptoms)
अतीत की घटनाओं और अनुभवों की वजह से होने वाली परेशानी या दुःख की स्थिति को इमोशनल बैगेज की स्थिति कहा जाता है। इस परिस्थिति में व्यक्ति को कई मानसिक समस्याओं से गुजरना पड़ सकता है। इमोशनल बैगेज का शिकार व्यक्ति खुद को भूतकाल में हुई किसी घटना के लिए दोषी मानकर उसे जीवन भर ढोने लगता है जिसकी वजह से कई दिक्कतें पैदा होती हैं। जीवन के अतीत में हुई किसी घटना या अनुभव की वजह से खुद को दोषी मानना या उसका अफसोस करते रहना भावनात्मक बैगेज का संकेत माना जाता है। ऐसी परिस्थिति में इंसान पास्ट में हुई चीजों का भोझ लेकर चलता है जिसकी वजह से उसका वर्तमान और भविष्य खराब हो सकता है। इमोशनल बैगेज के शिकार व्यक्तियों में ये लक्षण देखे जा सकते हैं।
- पास्ट की किसी घटना के लिए खुद को दोषी मानना।
- भूतकाल के किसी अनुभव का हमेशा पछतावा करना।
- हमेशा ऐसी घटनाओं की वजह से चिंता में रहना।
- उदास या दबा हुआ महसूस करना।
- पास्ट के अनुभवों की वजह से गुस्सा और लड़ाई के मूड में रहना।
- खुद को हर चीज का दोष देना।
- इन घटनाओं की वजह से नशे की लत लगना।
- सार्वजानिक स्थल या कार्यस्थल पर इन घटनाओं को याद कर रोना।
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इन 6 तरह की हो सकती हैं इमोशनल बैगेज की समस्या (6 Types of Emotional Baggage)
पास्ट की कडवी यादों और घटनाओं को अपने दिल में रख कर उसका दोष खुद को देना या ऐसी घटना या अनुभव की वजह से गिल्ट में रहना आपके मानसिक स्वास्थ्य को बुरी तरह से प्रभावित करता है। इन आदतों की वजह से आपके कामकाज और करियर पर भी नकरात्मक असर पड़ता है। यही नहीं इमोशनल बैगेज ढोने की वजह से आपका मानसिक स्वास्थ्य शरीर स्वास्थ्य को भी प्रभावित करता है। इन भावनाओं का बोझ ढोने के बजाय ऐसी बुरी यादों को दिल और दिमाग दोनों से निकाल देना चाहिए। इमोशनल बैगेज की समस्या इस 6 तरह की हो सकती है।
1. परिवार की वजह से इमोशनल बैगेज
बहुत से लोग ऐसे भी होते हैं जिनके जीवन में पारिवारिक समस्याएं अधिक होती हैं। कई लोगों को बचपन से ही परिवार से जुड़ी समस्याओं का अनुभव करना पड़ता है जिसके कारण उनके मन और दिल में ये घटनाएं बैठ जाती हैं। आगे चलकर अगर व्यक्ति इन घटनाओं को याद करता है तो इसकी वजह से उसे परेशानियां होती हैं।
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2. डर की वजह से इमोशनल बैगेज
डर एक मौलिक मानवीय भावना है जो हर व्यक्ति में होती हैं। हमारे जीवन, करियर, कामकाज और रिश्तों को प्रभावित करने में डर का बड़ा हाथ है। जीवन के किसी दर्दनाक अनुभव का डर मन में बैठ जाए तो आपको मानसिक रूप से परेशान कर सकता है। फियर ऑफ़ लूसिंग या जीवन को लेकर किया गया डर भी आपको इमोशनल बैगेज का शिकार बनाता है।
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3. अपराधबोध या गिल्ट
डर के समान ही अपराधबोध या गिल्ट एक भावना है जिसे मनोविज्ञान की भाषा में नैतिक कम्पास भी कहते हैं। यह भावना आपको आगे जीवन में सुधारने का काम भी कर सकती है लेकिन अगर आप पर अपराधबोध हावी हो गया तो इसकी वजह से आपको मानसिक समस्याओं का सामना भी करना पड़ सकता है। कोई भी व्यक्ति जो पास्ट के अनुभव या घटना को गिल्ट के रूप में याद करता रहता है उसे तमाम समस्याएं होती हैं।
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4. खेद या पछतावा
अतीत की घटनाओं और अनुभवों की वजह से खेद या पछतावा होना आम बात है। लेकिन अगर ये भावनाएं आप पर हावी हो गयी तो आपको जीवन में आगे बढ़ने से रोकने का काम करती हैं। इसलिए हमेशा अतीत की घटनाओं या अनुभवों से सीख लेकर आगे बढ़ने का प्रयास करना चाहिए। उन घटनाओं को पछतावा या खेद के रूप में याद रखना हानिकारक माना जाता है।
5. गुस्सा या क्रोध
अतीत की किसी घटना या अनुभव की वजह से हमेशा क्रोधित रहना या गुस्से में रहना आदमी का स्वभाव बन जाता है। ऐसे व्यक्तियों को जीवन में आगे चलकर कई समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।
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6. नकारात्मकता (नेगेटिविटी)
पास्ट के अनुभवों या घटनाओं की वजह से हमेशा नकारात्मक दृष्टिकोण बना लेना इंसान के लिए घातक होता है। कई लोग पास्ट में हुई किसी घटना के कारण पूरी दुनिया को ही नकारात्मक नजरिये से देखने लगते हैं। यह आपके मानसिक स्वास्थ्य और जीवन में आगे बढ़ने की यात्रा को बुरी तरह प्रभावित करता है।
इमोशनल बैगेज से छुटकारा पाने के टिप्स (Tips to Overcome Emotional Baggage)
इमोशनल बैगेज भूतकाल या बीते समय में हुई घटना, अनुभव या आघात की वजह से इंसान के मानसिक स्वास्थ्य पर प्रभाव डालता है। इस समस्या से ग्रसित व्यक्ति को आगे चलकर गंभीर मानसिक समस्याएं भी हो सकती हैं। इमोशनल बैगेज से छुटकारा पाने के लिए आप ये टिप्स अपना सकते हैं।
- अपने दिमाग को नियंत्रित करें और अपने पसंदीदा कामों में खुद को व्यस्त रखने की कोशिश करें। नकारात्मकता से दूर रहकर आप अपनी जिंदगी की राह में आगे बढ़ें।
- जिंदगी में दोस्तों का होना बहुत जरूरी होता है लेकिन ऐसे दोस्तों से दूरी जरूर बनाएं जो आपको पास्ट में हुई घटनाओं या अनुभवों को याद दिलाते हैं।
- अगर पास्ट में हुई कोई घटना जिसमें किसी व्यक्ति ने आपको धोखा दिया है या बुरा बर्ताव किया है उसे माफ करें और खुद को उस इमोशनल पेन से आगे निकालें।
- सच को मानें और पास्ट में हुई घटना, अनुभव या आघात की सच्चाई को स्वीकार करें। कई बार लोगों को ये घटनाएं सिर्फ इसलिए परेशान करती हैं कि वे उसकी सच्चाई को स्वीकार नहीं करते हैं।
- अपनी बातों को दूसरों यानी दोस्त, परिवार या पति-पत्नी आपस में शेयर करें। ऐसा करने से आपके मन में उठ रहे सवालों का जवाब भी मिल सकता है और आपका मन भी हल्का होगा।
- अपनी रोजमर्रा की जिंदगी से एक ब्रेक लें और खुद को समय दें। इस दौरान अआप अपनी पसंदीदा जगहों पर घूमने जा सकते हैं या अपने पसंदीदा व्यंजनों का स्वाद ले सकते हैं।
- परेशानी ज्यादा बढ़ने पर आप किसी एक्सपर्ट या पेशेवर चिकित्सक की सलाह लें। इन मानसिक समस्याओं में मनोवैज्ञानिक आपको कुछ दवाएं और थेरेपी दे सकते हैं जो आपको इस समस्या से छुटकारा देने में बहुत महत्वपूर्ण मानी जाती हैं।
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मानसिक रूप से स्वस्थ और फिट रहने के लिए आप नियमित रूप से संतुलित और पौष्टिक भोजन का सेवन करें और योग या व्यायाम जरूर करें। पास्ट में हुई घटनाओं या अनुभवों को याद करके उनसे परेशान होने की बजाय सच को समझते हुए अपनी जिंदगी में आगे बढ़ना बेहतर होता है।
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