
Stresslaxing: स्ट्रेस। आज की दौड़ती-भागती जिंदगी में शायद ही कोई ऐसा व्यक्ति है, जिसे स्ट्रेस न हो। हर दूसरा व्यक्ति किसी न किसी वजह से स्ट्रेस में है। कोई अपनी नौकरी को लेकर परेशान है, कोई अपने करियर से दुखी है, तो किसी मैरीड लाइफ सही नहीं चल रही है। इन्हीं सब कारणों व्यक्ति स्ट्रेस की चपेट में रहने लगता है। हालांकि, मौजूदा समय में हर कोई स्ट्रेस को लेकर काफी जागरूक है। इसलिए, खुद को स्ट्रेस फ्री रखने के लिए कई तरह के उपाय अपनाते हैं। जैसे मेडिटेशन करना, दोस्तों से बातचीत करना, मी-टाइम देना और कहीं घूम आना। अक्सर इस तरह के उपायों से खुद को स्ट्रेस रखा जा सकता है। लेकिन, क्या आप जानते हैं कि आजकल लोग खुद को स्ट्रेस फ्री रखने की चाहत में अधिक स्ट्रेस में रहने लगते हैं। जीं, हां! ऐसा हो रहा है। इसी स्थिति को स्ट्रेलैक्सिंग कहा जाता है। इसका मतलब है कि स्ट्रेस फ्री रहने की चाहत में अधिक स्ट्रेस ले लेना। वास्तव में स्ट्रेसलैक्सिंग क्या चीज है और इससे कैसे छुटकारा पा सकते हैं? जानने के लिए, इस बारे में हमने क्लीनिकल साइकोलॉजिस्ट और सुकून साइकोथैरेपी सेंटर की फाउंडर दीपाली बेदी से बात की।
क्या है स्ट्रेसलैक्सिंग

स्ट्रेस दूर करने के लिए आमतौर पर हम सभी अपने-अपने काम से छुट्टी लेते हैं। कुछ मेंटल एक्टिविटी करते हैं, कुछ स्पोर्ट्स का हिस्सा बनते हैं या फिर किसी प्रोग्राम में एनरोल कर लेते हैं। स्ट्रेस फ्री रहने की चाहत में हम खुद को काफी ज्यादा बिजी कर लेते हैं। लेकिन, वहीं जब हम स्ट्रेस फ्री होने के लिए कुछ मन को कर रहे होते हैं, तभी मन में बार-बार अपने रोजमर्रा के कामकाज न करना या ऑफिस से बेवजह से छुट्टी लेने जैसे ख्याल आने लगते हैं। इस तरह की सोच व्यक्ति को स्ट्रेस फ्री होने की कोशिश में बाधा डालती है। यही नहीं, व्यक्ति अपने कामकाज न कर पाने के कारण या छुट्टी लेने के कारण अधिक स्ट्रेस में आ जाता है। इसी अवस्था को हम स्ट्रेसलैक्सिंग के नाम से जानते हैं। मौजूदा समय में हर दूसरा वर्किंग व्यक्ति स्ट्रेसलैक्सिंग से गुजर रहा है। असल में, कहीं समंदर के किनारे फ्री बैठने के दौरान भी काम के बारे में सोचना आपके स्ट्रेस को कम करने के बजाय बढ़ाता है। सवाल है, इस तरह की मनःस्थिति से कैसे बचा सकता है। जानने के लिए लेख आगे पढ़ें।
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रिलैक्स कैसे करें

लोग अक्सर स्ट्रेस फ्री रहने की कोशिश में स्ट्रेसलैक्सिंग का शिकार हो जाते हैं। इससे बचना मुश्किल नहीं है। व्यक्ति को चाहिए कि वे निम्न तरीक अपनाएं-
- अपनी पर्सनल और प्रोफेशनल लाइफ के बीच एक बैलेंस जरूर बनाए रखें। जब आप प्रोफेशनली खुद के लिए कुछ लिमिटेशन सेट कर देते हैं, तो पर्सनल स्पेस में किसी तरह का स्ट्रेस फील नहीं करते हैं।
- रिलैक्स रहने की कोशिश करें। जब भी खुद को स्ट्रेस फ्री रखने की कोशिश करें, तो कामकाज के बारे में न सोचें। स्ट्रेस फ्री रहना है, तो कुछ समय के लिए वही चीजें सोचें, जो आपको खुश रखती है।
- जब आप स्ट्रेस फ्री होने के लिए कहीं घूमने गए हैं या दोस्तों मिलने गए हैं, तो बेहतर होगा कि उससे पहले यह तय कर लें कि रोजमर्रा के सारे काम निपटा लेंगे। लेकिन, जो बहुत जरूरी न हो, उन्हें बाद के लिए टाल दें। ताकि आप अपने लिए पर्याप्त समय निकाल सकें।
- पूरे दिन में अपने लिए मेडिटेशन का समय जरूर निकालें। ध्यान करने से मन शांत रहता है और स्ट्रेस से निपटने में मदद मिलती है।
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