Emotional Pain: हम सभी अपनी जिंदगी में कभी न कभी गहरे दुख की भावना से गुजरते हैं। लेकिन इस दुख या अनजानी भावना से निपटने के बारे में हम अक्सर नहीं सोचते। हम शारीरिक पीड़ा पर तो ध्यान देते हैं जबकि इमोशनल पेन यानी भावनात्मक दर्द के बारे में बात नहीं करते। दरअसल, भावनात्मक पीड़ा एक ऐसा दर्द है जिसे देखा नहीं जा सकता, लेकिन हर पल महसूस किया जा सकता है। यह पीड़ा तब होती है जब कोई गहरा नुकसान हुआ हो, जैसे ब्रेकअप, असफलता मिलना या किसी अपने को खोना। इन घटनाओं का मन पर गहरा असर पड़ता है, जिससे मानसिक स्वास्थ्य पर प्रभाव पड़ता है। लेकिन अच्छी बात ये है कि आज के दौर में इमोशनल पेन से निपटा जा सकता है। हमने इस विषय पर बेंगलुरु की एस्टर व्हाइटफील्ड अस्पताल की मनोचिकित्सक कंसल्टेंट डॉ. प्रीति दुग्गर गुप्ता (Dr. Pretty Duggar Gupta, Consultant–Psychiatrist, Aster Whitefield Hospital, Bengaluru) से बात की। आइए जानते हैं विस्तार से
क्या है इमोशनल पेन-what is emotional pain?
इमोशनल पेन एक गहरी और नेगेटिव भावना है जो शारीरिक दर्द से बिल्कुल अलग है। यह पैर या सिर में चोट लगी जैसा नहीं होता बल्कि यह दर्द अंदर ही अंदर आपको परेशान करता है। इस तरह की पीड़ा तब महसूस होती है जब आपकी जिंदगी में कोई अप्रत्याशित घटना हो गई है। जैसे आपका किसी से बहुत लगाव हो और वो दूर हो जाए, कोई नुकसान आपने झेला हो, किसी अपने का निधन हो गया हो। हालांकि सभी का इस दर्द से निकलने का तरीका अलग-अलग हो सकता है। लेकिन मानसिक रूप से स्वस्थ रहने के लिए इस पीड़ा से बाहर निकलना जरूरी है।
इसे भी पढ़ें- क्यों कुछ लोग खुद को चोट पहुंचाते हैं? एक्सपर्ट से जानें Self Harming Behaviour का कारण और बचाव टिप्स
भावनात्मक दर्द क्यों होता है-Why does emotional pain occur?
जैसे आप कभी बीमार पड़ते हैं या कभी आपको चोट लग जाती है, तो आपको शारीरिक दर्द होता है। इसी तरह हम सब के भीतर उदासी, तनाव और गुस्से की भावना भी कभी-न-कभी आती है और फिर हर व्यक्ति भावनात्मक पीड़ा महसूस करता है। लेकिन कभी-कभी भावनात्मक दर्द अंदर-ही-अंदर हमें काफी परेशान करता रहता है और हमारी रोजमर्रा की जिंदगी को प्रभावित करता है। लोग कई कारणों से भावनात्मक पीड़ा महसूस करते हैं जैसे कि रिश्तों में चुनौतियां, अपने दुख से डील न कर पाना और अपनी या अपनों की बीमारियां आदि।
इमोशनल पेन के लक्षण-Signs of emotional pain
- समाज से दूरी बना लेना और अकेले रहना।
- सेल्फ हार्मिंग बिहेवियर।
- मानसिक रूप से थक जाना।
- नकारात्मक विचार आना।
- भूख और वजन में बदलाव।

इमोशनल पेन से होने वाली शारीरिक समस्याएं-Physical problems caused by emotional pain
इमोशनल पेन हमारी मेंटल हेल्थ पर तो असर डालता ही है, लेकिन यह शारीरिक स्वास्थ्य को भी प्रभावित करता है।
- पाचन संबंधी समस्याएं
- नींद न आना
- मांसपेशियों में दर्द या तनाव
- दिल संबंधी परेशानियां
- त्वचा संबंधी समस्याएं
इमोशनल पेन से निपटने के 8 तरीके-8 ways to deal with emotional pain
इमोशनल पेन से निपटने के कई तरीके हैं, इन्हें आप अपनी डेली लाइफ में अपनाकर आसानी से अपने दर्द से उभर सकते हैं।
1. अपनी भावनाओं को समझें
इमोशनल पेन से निपटने का पहला कदम यही है कि अपने भावनात्मक दर्द को समझें और उसे स्वीकार करें। अपने दुख या गुस्से को दबाने की कोशिश न करें, बल्कि यह भावना अपने परिवार या दोस्तों से शेयर करें।
2. अपनी बात को शेयर करें
अपने मन की बात अपने परिवार, दोस्त या किसी प्रोफेशनल से कहें। अपनी बात कह देना जरूरी है, क्योंकि कह देने से मन में किसी तरह का बोझ नहीं रह जाता। जब शेयर करते हैं, तो आप जिस स्थिति से जूझ रहे हैं, उसके बारे में बेहतर पता भी चल पाता है।
3. डेली रूटीन बनाए रखें
एक सही रूटीन बनाएं और उसे फॉलो करें। क्योंकि भावनात्मक उथल-पुथल के चलते आप किसी एक काम पर टिक नहीं पाते। इसलिए जरूरी है अपने लक्ष्य को पहचानें और उस पर काम करें। जिससे जीवन अर्थपूर्ण लगे।
इसे भी पढ़ें- 20s में अपनी मेंटल हेल्थ पर ध्यान देना क्यों जरूरी है? जानें एक्सपर्ट से
4. व्यायाम या एक्सरसाइज करें
रोज एक्सरसाइज करना हमारे शारीरिक और मानसिक हेल्थ दोनों के लिए अच्छा है। जब आप कोई फिजिकल एक्टिविटी करते हैं जैसे दौड़ना, साइकिलिंग और वॉक करना तो इससे आपका दिमाग एंडोर्फिन और सेरोटोनिन जैसे 'खुशी हार्मोन' रिलीज करता है। ये हार्मोन तनाव और चिंता कम करने में मदद करते हैं।
5. रचनात्मक कार्य करें और जर्नलिंग करें
इमोशनल पेन से निपटने के लिए क्रिएटिविटी एक कमाल की थेरेपी है, जैसे- लिखना, पेंटिंग करना, संगीत आदि। साथ ही रोज 5-10 मिनट जर्नलिंग करें। क्योंकि लिखना जरूरी है। आपके मन में जो भी कुछ चल रहा है उन बातों को तब तक लिखें, जब तक कि वो बातें निकल न जाएं। इससे आपके मन का बोझ हल्का होगा।
6. हेल्दी लाइफस्टाइल अपनाएं
अच्छा खाना और अच्छी नींद इमोशनल पेन से निपटने का बेहतर तरीका है। जब आप अच्छी नींद लेंगे और आपके शरीर को जरूरी पोषक तत्व मिलेंगे तो आपको अपने नेगेटिव विचारों से लड़ने की ऊर्जा मिलेगी।
7. मेडिटेशन करें
हर रोज 10-15 मिनट ध्यान करें। मेडिटेशन आपको वर्तमान में रखता है और आपके मन की बैचेनी कम करता है।
8. प्रोफेशनल की मदद लें
अगर आप अपनी पीड़ा को सह नहीं पा रहे हैं या किसी से कह नहीं पा रहे हैं। तो जरूरी है किसी साइकोलोजिस्ट की सलाह लें।
निष्कर्ष
इमोशनल पेन नजर आने वाला कोई घाव नहीं है, बल्कि यह एक गहरा भाव है। जो व्यक्ति को भीतर ही भीतर बहुत परेशान करता है। इसलिए जरूरी है कि अपने दर्द को समझें और स्वीकार करें। इस पेन से निपटने के लिए ऊपर बताए सुझावों को अपनाएं और अगर दर्द ज्यादा गहरा हो तो किसी प्रोफेशनल की मदद लें। अपने दर्द को अकेले न ढोए, मदद लेने से संकोच न करें।
FAQ
भावनात्मक दर्द को कैसे कम करें?
भावनात्मक दर्द को कम करने के लिए योग, मेडिटेशन या जर्नलिंग कर सकते हैं।भावनाएं दर्दनाक क्यों होती हैं?
जब आपके शरीर को चोट लगती है तो आपको दर्द होता है, लेकिन वह दर्द दिखता है। इसी तरह जब आपको किसी बात का दुख या तनाव होता है, तो आप भावनात्मक दर्द महसूस करते हैं। क्योंकि हमारा मन और शरीर एक दूसरे से जुड़े हुए हैं।भावनात्मक विचार को कैसे नियंत्रित करें?
अपनी सांसों पर ध्यान देकर अपनी भावनाओं को नियंत्रित किया जा सकता है।