
सर्दियों का मौसम ठंडक और सुस्ती का एहसास लेकर आता है, लेकिन गर्भवती महिलाओं (Pregnant Women) के लिए यह समय शरीर और मन दोनों के लिए थोड़ी चुनौती भरा होता है। ठंडी हवाएं, बदलता तापमान और कमजोर इम्यून सिस्टम प्रेग्नेंट महिला को जल्दी थका या बीमार कर सकता है। ऐसे में जरूरी है कि महिलाएं इस मौसम में अपने आहार (Ayurvedic Diet) और विहार (Lifestyle) का विशेष ख्याल रखें। आयुर्वेदिक डॉक्टर श्रेय शर्मा बताते हैं कि सर्दियों में प्रेग्नेंट महिलाओं को अपने शरीर की प्राकृतिक गर्मी बनाए रखने और शिशु के स्वस्थ विकास के लिए कुछ खास आयुर्वेदिक सेल्फ केयर रिचुअल्स (Ayurvedic Self Care Rituals for Pregnant Women) अपनाने चाहिए। इस लेख में सिरसा के रामहंस चेरिटेबल हॉस्पिटल के आयुर्वेदिक डॉक्टर श्रेय शर्मा (Ayurvedic doctor Shrey Sharma from Ramhans Charitable Hospital) से जानिए, सर्दियों में प्रेग्नेंट महिलाओं को क्या-क्या सावधानियां रखनी चाहिए।
सर्दियों में प्रेग्नेंट महिलाओं के लिए आयुर्वेदिक सेल्फ-केयर रूटीन - Ayurvedic Self Care For Pregnant Women In Winter
आयुर्वेदिक डॉक्टर श्रेय शर्मा बताते हैं कि सर्दियों में वात और कफ दोष बढ़ने की संभावना होती है, जो थकान, सर्दी-जुकाम और जकड़न जैसी समस्याएं पैदा कर सकते हैं। इसलिए भोजन में सिर्फ गेहूं नहीं, बल्कि रागी (Ragi) और ज्वार (Jowar) जैसे मिलेट्स को मिलाकर आटा बनाना चाहिए। यह शरीर को अंदर से गर्म रखता है और एनर्जी देता है। वहीं, ठंडे मौसम में बहुत सुबह या देर रात टहलने की बजाय दिन में हल्की धूप में वॉक करना बेहतर होता है।
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डाइट में करें बदलाव
डॉ. श्रेय शर्मा के अनुसार, सर्दियों में सिर्फ गेहूं की रोटियां खाने के बजाय गेहूं के साथ रागी और ज्वार को मिलाकर आटा तैयार करना चाहिए। ये दोनों मिलेट्स शरीर को अंदर से गर्म रखते हैं और ठंड से बचाव करते हैं। रागी में कैल्शियम और आयरन प्रचुर मात्रा में होता है, जो हड्डियों को मजबूत बनाता है और प्रेग्नेंट महिला में खून की कमी नहीं होने देता। वहीं ज्वार फाइबर और प्रोटीन का अच्छा सोर्स है, जो पाचन को दुरुस्त रखता है। इस तरह का मिश्रित आटा न केवल ऊर्जा देता है, बल्कि सर्दियों की ठंडक से भी शरीर को संतुलित रखता है।
ठंड से बचाव के लिए विहार नियम
आयुर्वेद में ''विहार'' को स्वस्थ रहने की कुंजी माना गया है। डॉक्टर श्रेय शर्मा बताते हैं कि प्रेग्नेंट महिलाओं को बहुत सुबह या देर रात में टहलने से बचना चाहिए, क्योंकि इस समय हवा में ठंडक ज्यादा होती है, जिससे सर्दी या जकड़न का खतरा बढ़ जाता है। दिन में जब हल्की धूप हो, तभी वॉक करना चाहिए। तेज धूप में बाहर निकलने से भी बचना चाहिए ताकि शरीर में अत्यधिक गर्मी न बढ़े। महिलाओं को ठंडी जगह पर लंबे समय तक नहीं रहना चाहिए और सिर, पैर और छाती को हमेशा ढककर रखना चाहिए। यह तीनों हिस्से शरीर के तापमान को कंट्रोल रखते हैं। सिर में ठंडक लगने से सिरदर्द, सर्दी या तनाव बढ़ सकता है, इसलिए सिर पर हमेशा दुपट्टा या टोपी रखें।
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नहाने और आराम से जुड़ी सावधानियां
सर्दियों में कई महिलाएं ठंड से बचने के लिए बहुत गर्म पानी से नहाती हैं, लेकिन डॉ. शर्मा बताते हैं कि प्रेग्नेंट महिलाओं को इससे बचना चाहिए। बहुत गर्म पानी से नहाने पर शरीर का ब्लड प्रेशर अचानक बढ़ सकता है, जो गर्भस्थ शिशु के लिए हानिकारक हो सकता है। इसलिए हल्के गुनगुने पानी से नहाना सबसे बेहतर है। नहाने के बाद तुरंत ठंडी हवा में नहीं जाना चाहिए और शरीर को पूरी तरह सुखा लेना चाहिए। इसके अलावा, प्रेग्नेंट महिलाओं को 9 घंटे की नींद जरूर लेनी चाहिए। पर्याप्त नींद शरीर को आराम देती है, मानसिक तनाव कम करती है और गर्भस्थ शिशु के विकास में मदद करती है।
सर्दियों में प्रेग्नेंसी डाइट
डॉ. श्रेय शर्मा कहते हैं कि इस मौसम में ठंडी चीजों का सेवन बिलकुल नहीं करना चाहिए, जैसे खीरा, कोल्ड ड्रिंक या फ्रिज में रखे फलों से परहेज करें। इसके बजाय मूली और गाजर का सेवन करें, जो विटामिन और मिनरल्स से भरपूर होती हैं और शरीर को गर्म रखती हैं। फलों में सेब, केला और चीकू अच्छे विकल्प हैं क्योंकि ये एनर्जी देते हैं और पाचन को संतुलित रखते हैं। पपीता भी कम मात्रा में खाया जा सकता है, लेकिन बहुत अधिक सेवन से बचना चाहिए।
सर्दियों में अक्सर महिलाएं पानी कम पीती हैं, जो शरीर में एम्नियोटिक फ्लूइड (Amniotic Fluid) को प्रभावित कर सकता है। इसलिए दिनभर में पर्याप्त मात्रा में गुनगुना पानी पीना चाहिए। यह शरीर में नमी बनाए रखता है और टॉक्सिन्स को बाहर निकालने में मदद करता है।
निष्कर्ष
सर्दियों के मौसम में प्रेग्नेंट महिलाओं को अपने शरीर की प्राकृतिक लय के साथ तालमेल बनाकर चलना चाहिए। आयुर्वेद के अनुसार, यह मौसम गर्भस्थ शिशु के विकास के लिए अच्छा होता है, बशर्ते महिला अपने आहार और दिनचर्या में संतुलन रखे। रागी-ज्वार का आटा, गुनगुना पानी, हल्की धूप में वॉक, सिर-पैर ढककर रहना और पर्याप्त नींद, ये सभी आयुर्वेदिक सेल्फ केयर टिप्स सर्दियों में प्रेग्नेंट महिला और शिशु दोनों को स्वस्थ रखते हैं।
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FAQ
क्या प्रेग्नेंसी में रूम हीटर का इस्तेमाल किया जा सकता है?
प्रेग्नेंसी में रूम हीटर का इस्तेमाल सीमित समय के लिए किया जा सकता है, लेकिन कमरे में वेंटिलेशन होना जरूरी है। हीटर को बहुत पास न रखें और कमरे में एक बर्तन में पानी या ह्यूमिडिफायर रखें ताकि हवा ड्राई न हो जाए।सर्दियों में इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए क्या करें?
खानपान में आंवला, संतरा, नींबू, गर्म सूप और थोड़ी मात्रा में घी शामिल करें। हल्की धूप लें ताकि विटामिन D मिले और शरीर की इम्यूनिटी मजबूत बनी रहे।क्या सर्दियों में बाहर जाना गर्भवती महिलाओं के लिए सुरक्षित है?
हां, लेकिन सावधानी जरूरी है, ठंड से बचने के लिए गर्म कपड़े, टोपी, दस्ताने और आरामदायक जूते पहनें ताकि फिसलन से बचा जा सके। बहुत ज्यादा ठंड या हवा में देर तक रहना ठीक नहीं है।
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Oct 29, 2025 14:34 IST
Modified By : Akanksha TiwariOct 29, 2025 14:34 IST
Published By : Akanksha Tiwari