
National Safe Motherhood Day 2023: प्रेग्नेंसी हर महिला के लिए एक नया एहसास होता है। इस दौरान महिलाओं को अपने खानपान, फिजिकल एक्टिविटी और सेहत का खास ध्यान रखने की सलाह दी जाती है। प्रेग्नेंसी के फेज में सलाह की लिस्ट तो लंबी होती है, लेकिन आज भी महिलाओं के प्रति समाज में जो दोहरा रवैया अपनाया जाता है, वो एक चिंता का विषय है। यही कारण है कि आज भी भारत जैसे विकासशील देश में बच्चे के जन्म के दौरान महिलाओं की मौत का आंकड़ा बहुत बड़ा है। मातृ स्वास्थ्य सेवाओं के बारे में जागरूकता लाने और प्रेग्नेंसी के दौरान महिलाओं को सही स्वास्थ्य मिल सके इसके लिए हर साल भारत में 11 अप्रैल को राष्ट्रीय सुरक्षित मातृत्व दिवस (National Safe Motherhood Day) मनाया जाता है।
राष्ट्रीय सुरक्षित मातृत्व दिवस मनाना सिर्फ एक दिन के लिए नहीं है, बल्कि मातृ स्वास्थ्य में सुधार और मातृ मृत्यु दर को कम करने की एक पहल है। राष्ट्रीय सुरक्षित मातृत्व दिवस के खास मौके पर ओनली माई हेल्थ आपको बताने जा रहे है डॉक्टर की वो 10 बातें, जो प्रेग्नेंसी के दौरान महिलाओं को जरूर फॉलो करनी चाहिए। गुरुग्राम के सीके बिरला हॉस्पिटल में ऑब्सटेट्रिक्स एंड गायनेकोलॉजी विभाग की डायरेक्टर डॉक्टर अंजलि कुमार का कहना है कि प्रेग्नेंसी के दौरान महिलाएं कुछ बातों को फॉलो करें, तो इससे मां और शिशु दोनों ही स्वस्थ रह सकते हैं।
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प्रेग्नेंसी के दौरान जच्चा और बच्चा के हेल्दी रहने के टिप्स - Doctor Tips for Complications From Pregnancy
डॉक्टर अंजलि कुमार का कहना है कि प्रेग्नेंसी के दौरान महिलाओं को कुछ बातें फॉलो करनी चाहिए, ताकि वह डिलीवरी के बाद भी सेहतमंद रह सकें।
1. डॉक्टर का कहना है कि सिर्फ प्रेगेंसी के दौरान ही नहीं बल्कि इसकी प्लानिंग करने से पहले भी डॉक्टर से चेकअप करना बहुत जरूरी है। ऐसा करने से होने वाली मां और बच्चे को हेल्दी बनाने में मदद मिलती है। साथ ही, महिलाओं को इस बात की जानकारी मिल जाती है वो शारीरिक तौर पर मां बनने के लिए तैयार हैं या नहीं
2. डॉक्टर के मुताबिक, प्रेग्नेंसी के दौरान महिलाओं अपने रेगुलर खाने पर पूरी तरह से निर्भर नहीं रहना चाहिए। इस दौरान आपको अतिरिक्त आहार की जरूरत होती है। उदाहरण के लिए अगर आप आम दिनों में 2 से 3 बार खाना खाते हैं, तो प्रेग्नेंसी के दौरान आपको 6 से 7 छोटे-छोटे मील्स की जरूरत पड़ेगी।
3. प्रेग्नेंसी के दौरान महिलाओं को अपनी डाइट में कैल्शियम, विटामिन और मिनरल्स जैसे पोषक तत्वों से भरपूर चीजों को शामिल करना चाहिए। इसके लिए महिलाओं को दही, छाछ, पनीर और दूध जैसी चीजों को डाइट का हिस्सा बनानी चाहिए।
4. डॉक्टर का कहना है कि प्रेग्नेंसी के दौरान और डिलीवरी के बाद महिलाओं को एक्स्ट्रा प्रोटीन की जरूरत पड़ती है। इसके लिए उन्हें अपनी डाइट में अनाज, खाद्य पदार्थ, बीन्स और दाल का सेवन करना चाहिए। उन्होंने कहा कि जो महिलाएं शाकाहारी हैं, उन्हें मुट्ठी भर (45 ग्राम) मेवे और दाल की कम से कम दो सर्विंग्स प्रतिदिन खानी चाहिए। वही, जो महिलाओं नॉन वेज खाती हैं उन्हें डाइट में अंडा, मीट और पोल्ट्री जैसी चीजों को शामिल करना चाहिए।
5. हेल्दी और फिट प्रेग्नेंसी के लिए महिलाओं का शारीरिक रूप से एक्टिव रहना बहुत जरूरी है। इसके लिए प्रतिदिन 20 से 30 मिनट एक्सरसाइज करें। अगर संभव हो तो सुबह योग करें। ऐसा करने से आपके शरीर का ब्लड सर्कुलेशन सही रहेगा और डिलीवरी के दौरान होने वाली तकलीफें कम होंगी।
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6. डॉक्टर के मुताबिक प्रेगेंसी के दौरान महिलाओं को महीने में एक बार डॉक्टर से अपना चेकअप जरूर करना चाहिए। हर महीने चेकअप करवाने से महिलाओं को अपनी सेहत के साथ-साथ गर्भ में पलने वाले बच्चे का सही विकास हो रहा है या नहीं इसकी सही जानकारी मिल जाएगी।
7. प्रेग्नेंसी के दौरान महिलाओं को 2 से 3 बार अल्ट्रासाउंड करवाना चाहिए। प्रेग्नेंसी में पहला अल्ट्रासाउंड गर्भधारण के 6 से 9 सप्ताह में करवाने की सलाह दी जाती है। वहीं, दूसरा अल्ट्रासाउंड गर्भधारण के 11वें से 13वें सप्ताह के बीच करना चाहिए।
8. प्रेग्नेंसी के 10वें सप्ताह के बाद अगर आपको कमर में दर्द, सिर में दर्द या किसी तरह की परेशानी हो रही है, तो डॉक्टर से संपर्क कर इसकी जानकारी लेनी चाहिए। कई बार दवाओं का सेवन करने की वजह से इस तरह की समस्या हो सकती है और वक्त के साथ बढ़ भी सकती है।
9. प्रेग्नेंसी के दौरान शरीर को हाइड्रेट रखना बहुत जरूरी है। एक्सपर्ट का मानना है कि प्रेग्नेंट महिलाओं को थोड़ी-थोड़ी देर पर पानी पीते रहना चाहिए। इस दौरान शरीर को पर्याप्त मात्रा में पानी मिलने से कब्ज और पाचन संबंधी समस्याएं नहीं होती है।
10. प्रेग्नेंसी के दौरान महिलाओं के शरीर में खून की कमी होने की वजह से एनीमिया नामक बीमारी हो जाती है। इससे बचाव के लि उन्हें डाइट में आयरन से भरपूर चीजों का सेवन करना चाहिए।
डॉक्टर अंजलि कुमार ने बताया, "प्रेग्नेंसी के दौरान हार्मोन में बदलाव की वजह से महिलाओं की मानसिक स्थिति पर बहुत बुरा प्रभाव पड़ता है। इनकी वजह से डिप्रेशन, मूड स्विंग, स्ट्रेस और गुस्सा आना लाजमी है। इस स्थिति में महिलाओं को ज्यादा देखभाल करने की जरूरत पड़ती है।" डॉक्टर का कहना है कि प्रेग्नेंसी के दौरान और डिलीवरी के बाद महिलाओं को पोषण युक्त खाना, दवाई, पर्याप्त नींद और सबसे ज्यादा स्ट्रेस फ्री रहने की जरूरत होती है।
With Inputs: Dr. Anjali Kumar, Director of the Department of Obstetrics and Gynecology at CK Birla Hospital, Gurugram
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