सर्दियों का मौसम आते ही शरीर में वात दोष बढ़ने की संभावना बढ़ जाती है। आयुर्वेद के अनुसार, जब वातावरण ठंडा और शुष्क होता है, तो वात दोष भी ज्यादा सक्रिय हो जाता है। सर्दियों में ठंडी हवाओं और कम तापमान के कारण शरीर में वात दोष का असंतुलन हो सकता है। इसका प्रभाव जोड़ों में दर्द, त्वचा पर ड्राईनेस, शरीर में अकड़न, नींद में समस्या, पाचन तंत्र से संबंधित समस्याएं और मानसिक तनाव के रूप में दिखाई देता है। इस मौसम में वात को संतुलित करने के लिए आयुर्वेदिक उपायों का पालन करना चाहिए। आयुर्वेद में वात को कंट्रोल करने के लिए नेचुरल तरीके बताए गए हैं, जिनका पालन करके सर्दियों में शरीर को स्वस्थ और संतुलित रखा जा सकता है। आज ‘आरोग्य विद आयुर्वेद’ सीरीज के इस लेख में रामहंस चेरिटेबल हॉस्पिटल, सिरसा के आयुर्वेदिक डॉ. श्रेय शर्मा से जानिए, सर्दियों में वात संतुलन के आयुर्वेदिक उपाय क्या हैं।
वात संतुलन के आयुर्वेदिक उपाय
1. ठंडी चीजों से दूर रहें
आयुर्वेद के अनुसार, सर्दियों में शरीर में शीत गुण बढ़ता है, जो वात को बढ़ाने का कारण बन सकता है। इसलिए इस मौसम में आइसक्रीम, जूस और अन्य ठंडी चीजों से परहेज करना चाहिए। यह शरीर को और अधिक ठंडा कर सकता है, जिससे वात बढ़ सकता है। इसके बजाय गर्म चीजों का सेवन करना लाभकारी होता है, जैसे गर्म सूप और ताजा गर्म भोजन।
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2. गुनगुने पानी से नहाना और गर्म कपड़े पहनना
सर्दियों में ठंडी और शीतलता को दूर करने के लिए गुनगुने पानी से नहाना और गर्म कपड़े पहनना बहुत जरूरी है। आयुर्वेद में शीत और ऊष्ण (गर्म) के गुणों का विशेष उल्लेख है। शीत गुण वात को बढ़ाता है, जबकि ऊष्ण गुण वात को शांत करता है। गुनगुने पानी से नहाने से शरीर में गर्माहट बनी रहती है, जो वात दोष को संतुलित करने में मदद करता है। इसके अलावा, सर्दियों में गर्म कपड़े पहनना भी वात दोष को कंट्रोल करने में सहायक होता है।
3. ताजे और गर्म सूप का सेवन करें
सर्दियों में अपने आहार में गर्म और ताजे सूप को शामिल करना एक अच्छा उपाय है। चना सूप, टमाटर का सूप और सब्जियों का सूप आयुर्वेदिक नजरिए से वात को शांत करने वाले होते हैं। ये न केवल शरीर को गर्मी प्रदान करते हैं, बल्कि पाचन को भी मजबूत करते हैं, जो सर्दियों में अक्सर कमजोर हो जाता है।
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4. गर्म तासीर वाले अनाज का सेवन करें
आयुर्वेद के अनुसार, सर्दियों में गर्म तासीर वाले अनाज का सेवन करना बेहद फायदेमंद होता है। बाजरा, मक्का, रागी और ज्वार जैसे अनाज सर्दियों में शरीर को गर्मी प्रदान करते हैं और वात को कंट्रोल करते हैं। इन अनाजों का सेवन शरीर में सर्दी को कम करने और पाचन तंत्र को सुधारने में मदद करता है।
5. लहसुन और अदरक का सेवन
लहसुन और अदरक वात को कंट्रोल करने के लिए आदिकाल से आयुर्वेद में उपयोग किए जाते हैं। ये दोनों ही शरीर में ब्लड सर्कुलेशन को बेहतर करते हैं और शरीर को अंदर से गर्म रखते हैं। सर्दियों में इनका सेवन करने से वात कम होता है और शरीर में जरूरी एनर्जी भी बनी रहती है। आप अदरक और लहसुन का सेवन गर्म सूप, चाय या खाने में कर सकते हैं।
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6. आयुर्वेदिक काढ़ा का सेवन
सर्दियों में वात दोष को शांत करने के लिए आयुर्वेदिक काढ़ा बहुत प्रभावी उपाय है। काढ़ा बनाने के लिए थोड़ा सा काला नमक, सेंधा नमक और समुद्री नमक डालकर अजवाइन, हींग और अदरक को गर्म पानी में मिलाकर पेय तैयार करें। यह काढ़ा शरीर में गर्मी पैदा करता है, पाचन को बेहतर करता है और वात को कंट्रोल करता है। इस काढ़े का सेवन दिन में किसी भी समय किया जा सकता है और यह शरीर को डिटॉक्स करने का काम भी करता है।
7. तिल के तेल से अभ्यंग (मालिश)
सर्दियों में तिल के तेल से नियमित रूप से अभ्यंग करना वात दोष को कंट्रोल करने के लिए बेहद फायदेमंद है। तिल का तेल गर्म और तासीर वाला होता है, जो वात को शांत करता है और शरीर को गर्म रखता है। यह मालिश मांसपेशियों की सूजन को कम करती है और रक्त संचार को बेहतर बनाती है। तिल के तेल से अभ्यंग करने से शरीर में ऊर्जा बनी रहती है।
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8. नियमित व्यायाम और योग
सर्दियों में वात दोष को संतुलित रखने के लिए नियमित रूप से हल्का व्यायाम और योग करना जरूरी है। नाड़ी शोधन प्राणायाम, सूर्य नमस्कार और वॉक जैसे व्यायाम वात को संतुलित करने में मदद करते हैं। इन अभ्यासों से शरीर में गर्मी बनी रहती है और वात दोष पर कंट्रोल पाया जा सकता है।
9. पर्याप्त नींद और मानसिक शांति
आयुर्वेद में मानसिक शांति को भी शारीरिक स्वास्थ्य से जोड़ा गया है। मानसिक तनाव और चिंता से भी वात दोष का असंतुलन होता है। इसलिए, सर्दियों में पर्याप्त नींद लेना और मानसिक शांति बनाए रखना जरूरी है। ध्यान, प्राणायाम और योग का अभ्यास करने से मानसिक शांति मिलती है, जिससे वात दोष को कंट्रोल करने में मदद मिलती है।
निष्कर्ष
सर्दियों में वात दोष को संतुलित रखने के लिए आयुर्वेदिक उपायों का पालन करना बेहद फायदेमंद है। गुनगुने पानी से नहाना, गर्म कपड़े पहनना, ताजे सूप का सेवन करना और गर्म तासीर वाले अनाज का सेवन करना जैसे उपायों से न केवल वात को शांत किया जा सकता है, बल्कि शरीर को गर्म और स्वस्थ भी रखा जा सकता है। इसके अलावा, तिल के तेल से अभ्यंग और आयुर्वेदिक काढ़ा जैसे उपाय वात को कंट्रोल करने में मदद करते हैं। इस सर्दी में इन आयुर्वेदिक उपायों को अपनाकर आप अपनी सेहत को बेहतर बना सकते हैं।