Vata Dosha in Monsoon in Hindi: आयुर्वेद के अनुसार, मानसून में शरीर में पित्त दोष का प्रकोप बढ़ जाता है। यानी इस मौसम में शरीर में गर्मी बढ़ जाती है, जिसकी वजह से त्वचा पर फोड़े-फुंसियां और रेडनेस होने लगती है। हालांकि, जो लोग मानसून में ज्यादा फिजिकल एक्टिविटी या ट्रेवल करते हैं, उनमें वात दोष बढ़ सकता है। इस मौसम में ड्राई फूड्स जैसे-बर्गर या पिज्जा का सेवन करने पर भी वात बढ़ सकता है। वात दोष बढ़ने की वजह से शरीर में दर्द बढ़ सकता है। साथ ही, थकान और कमजोरी भी हो सकती है। ऐसे में वात दोष को संतुलन में रखना बहुत जरूरी होता है। आइए, आरोग्य डाइट और न्यूट्रिशन क्लीनिक की डॉ. सुगीता मुटरेजा से जानते हैं मानसून में वात दोष संतुलित करने के उपाय (Monsoon me Vata Dosha ko Balance me Rakhne ke Upay)-
मानसून में वात दोष को संतुलन में कैसे रखें?
1. ज्यादा फिजिकल एक्टिविटी से बचें
मानसून में ज्यादा फिजिकल एक्टिविटी करने से वात दोष बढ़ सकता है। दरअसल, गर्मी और मानसून में जब ज्यादा जिम या एक्सरसाइज की जाती है, तो इससे वात दोष बढ़ जाता है। वहीं, सर्दियों में एक्सरसाइज करने से शरीर में चुस्ती आती है। इसलिए मानसून में वात दोष को संतुलन में रखने के लिए आपको शारीरिक गतिविधियों से बचना चाहिए। आपको ज्यादा पसीना बहाने से बचना चाहिए। आप चाहें तो घर पर ही हल्के व्यायाम का अभ्यास कर सकते हैं।
2. शरीर की मालिश करें
मानसून में शरीर की मालिश करने से न सिर्फ त्वचा को लाभ होता है, बल्कि सेहत से जुड़ी कई समस्याओं से भी छुटकारा मिलता है। इस मौसम में वात दोष को संतुलन में रखने के लिए आप शरीर की मालिश कर सकते हैं। इस मौसम में सरसों या तिल के तेल से मालिश करना ज्यादा फायदेमंद होता है। आप चाहें, तो सरसों के तेल और लहसुन को एक साथ मिलाकर भी शरीर की मालिश कर सकते हैं। इससे शरीर में ब्लड सर्कुलेशन बेहतर होता है। साथ ही, शारीरिक दर्द और थकान से भी राहत मिलती है।
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3. गर्म पानी से नहाना
मानसून में ठंडे पानी से नहाने से बचना चाहिए। इस मौसम में वात दोष को संतुलित रखने के लिए आपको गर्म पानी से नहाना चाहिए। गर्म पानी से नहाने से वात को संतुलित करने में मदद मिलती है। इससे गठिया और जोड़ों के दर्द से राहत मिलेगी। अगर आप गठिया रोगी हैं, तो ठंडे के बजाय गर्म पानी का इस्तेमाल करें।
4. लंच के बाद सोएं नहीं
मानसून में लंच के बाद सोने से बचना चाहिए। इससे शरीर में वात दोष संतुलित रहेगा। दोपहर में खाना खाने के तुरंत बाद सोने से अपच की समस्या बढ़ सकती है। यह वात की वजह से होने वाली समस्याओं का कारण भी बन सकता है।
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5. अदरक का सेवन करें
मानसून में अदरक का सेवन करना फायदेमंद हो सकता है। इस मौसम में वात दोष को संतुलन में रखने के लिए अदरक का सेवन जरूर करें। अदरक खाने से शरीर में गर्माहट आती है। यह शरीर के दर्द और थकान को भी कम करने में मदद करता है। इसके अलावा, इस मौसम में लहसुन और गुड़ से बनी चीजों का सेवन करना भी फायदेमंद हो सकता है।