How to Balance Pitta Dosha in Hindi: पित्त शरीर में बनने वाले हार्मोन और एंजाइम्स को नियंत्रित करता है। इसके अलावा पित्त शरीर के तापमान और पाचक अग्नि को भी नियंत्रित करने में मदद करता है। पित्त दोष अग्नि और जल दो तत्वों से मिलकर बना है। पित्त पेट और छोटी आंत में पाया जाता है। शरीर में पित्त बढ़ने पर त्वचा पर चकत्ते, कब्ज, अपच और एसिडिटी की समस्या का सामना करना पड़ सकता है। वैसे तो पित्त गर्म तासीर, खट्टे खाद्य पदार्थ खाने से बढ़ता है, लेकिन कई बार मौसम भी इसके लिए जिम्मेदार हो सकता है। मॉनसून के मौसम में पित्त बढ़ सकता है, इस स्थिति में पाचक अग्नि कमजोर पड़ सकती है। इसकी वजह से व्यक्ति को खाया हुआ पचता नहीं है और भूख नहीं लगती है। अगर मॉनसून के मौसम में आपका भी पित्त बढ़ जाता है, तो कुछ उपायों की मदद से इसे संतुलित किया जा सकता है।
पित्त को कम करने के लिए उपाय-How to Balance Pitta Dosha in Hindi
शरीर में पित्त बढ़ने पर कई तरह की समस्याएं जन्म लेने लगती हैं। इसलिए पित्त को संतुलन में रखना बहुत जरूरी होता है। इसके लिए आप ठंडी, कसैली, कड़वी और मीठे खाद्य पदार्थों का सेवन करना शुरू कर सकते हैं। साथ ही हल्के व्यायाम, योग और मेडिटेशन से भी बढ़े हुए पित्त को कम किया जा सकता है।
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योग
योग वात, पित्त और कफ तीनों दोषों को संतुलन में रखने में मदद करता है। अगर मॉनसून में आपका पित्त बढ़ गया है, तो आप शवासन, बालासन, भुजंगासन, अर्ध नौकासन और मार्जरीआसन का अभ्यास कर सकते हैं। रोजाना इन योगासनों को करने से पित्त को संतुलित करने में मदद मिल सकती है।
मेडिटेशन
पित्त बढ़ने पर आपका तनाव और गुस्सा बढ़ सकता है। ऐसे में मेडिटेशन करना एक अच्छा उपाय हो सकता है। मेडिटेशन या ध्यान लगाने से पित्त को संतुलित किया जा सकता है। मेडिटेशन करने से मन शांत होता है, तनाव और गुस्सा भी कम होता है। रोजाना मेडिटेशन करने से पित्त संतुलन में आने लगता है।
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प्रकृति के साथ समय बिताएं
कई लोग धूप, बारिश की वजह से घर पर ही रहना पसंद करते हैं। ठंड लगने पर वे हीटर आदि का यूज करते हैं, वहीं गर्मी लगने पर एसी चला देते हैं। इससे भी शरीर में पित्त बढ़ सकता है। ऐसे में पित्त को संतुलन में रखने के लिए प्रकृति के साथ समय बिताने की कोशिश करनी चाहिए। इसके लिए आप पार्क या छत पर जा सकते हैं। साथ ही हमेशा खुश रहने की कोशिश करें, इसके लिए अपने दोस्तों और परिवार के साथ समय बिताएं।
डाइट का रखें खास ख्याल
पित्त को संतुलित करने के लिए डाइट की अहम भूमिका होती है। अगर पित्त बढ़ जाए, तो इसे संतुलित करने के लिए ठंडी तासीर वाले खाद्य पदार्थों का सेवन करें। इसके अलावा कड़वी, कसैली और मीठी चीजें भी पित्त को संतुलित करती हैं। इसके लिए आप फलों, सब्जियों, घी, मक्खन और दूध का सेवन कर सकते हैं। इसके अलावा शहद भी पित्त को संतुलित कर सकता है।
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शरीर को आराम दें
बहुत अधिक काम करने से भी शरीर में पित्त बढ़ सकता है। इसके लिए आपको अपने शरीर को थोड़ा आराम भी देना चाहिए। बहुत ज्यादा काम, हैवी वर्कआउट और स्ट्रेस लेने से बचना चाहिए।
अगर आपका भी मॉनसून में पित्त बढ़ गया है, तो आप इन उपायों की मदद से इसे संतुलन में ला सकते हैं। साथ ही अगर आपको पित्त बढ़ने पर गंभीर लक्षण नजर आए, तो इन्हें नजरअंदाज न करें और तुरंत डॉक्टर से मिलें।