शरीर में कोई भी समस्या होने पर उसके लक्षण बाहरी रूप से नजर आने लगते हैं। लेकिन कई समस्याएं ऐसी होती है जिसके लक्षण बाहरी रूप से नजर नहीं आते। ऐसे में समस्या को समझना मुश्किल हो सकता है, जैसे की वात दोष की समस्या। शरीर के सभी कार्य वात पित्त के जरिये नियंत्रित होते हैं। वहीं अगर हमारा वात पित्त असंतुलित हो जाए, तो इससे अत्यधिक गैस बनना, पेट फूलना, बेचैनी होना या नींद न आने जैसी समस्याएं हो सकती हैं। इस समस्या पर कंट्रोल करने के लिए जरूरी है इसके लक्षणों को समझना। वात पित्त असंतुलित होने के संकेतों पर बात करते हुए आयुर्वेदिक एक्सपर्ट डॉ रेखा राधामोनी ने एक अपने इंस्टाग्राम पर एक वीडियो शेयर किया है, जिसे हम इस लेख के माध्यम से आपसे साझा करेंगे।
शरीर में वात दोष होने पर ये खास संकेत नजर आ सकते हैं -
वात दोष के लक्षण- Vata Dosha Symptoms In Hindi
रूखी त्वचा और बाल
अक्सर मौसम में बदलाव और देखभाल न करने के कारण त्वचा और बालों में ड्राईनेस आने लगती है। लेकिन अगर आपको अक्सर यह समस्या रहती है, तो यह वात पित्त असंतुलित होने का संकेत हो सकता है। इसके लिए दिनचर्या में जरूरी बदलाव फायदेमंद साबित हो सकते हैं।
जल्दी खांसी-जुखाम होना
मौसम में अचानक बदलाव आने या खानपान का ध्यान न रखने के कारण खांसी-जुखाम होना आम बात है। लेकिन अगर आपको बार-बार यह समस्या होती रहती है, तो यह वात पित्त असंतुलित होने का कारण हो सकता है।
कब्ज की समस्या होना
अस्वस्थ खानपान और तरल पदार्थो का कम सेवन करने के कारण कब्ज की समस्या हो सकती है। लेकिन जिन लोगों को अक्सर कब्ज की समस्या रहती है, उनका वात असंतुलित होने की संभावना हो सकती है। ऐसे में पर्याप्त सब्जियों और फलों का सेवन करने से समस्या पर कंट्रोल किया जा सकता है।
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मन में बेचैनी रहना
अक्सर मन में बैचेनी रहना, कंफ्यूजन होना भी वात असंतुलित होने का कारण हो सकता है। ऐसे में मन में हमेशा विचार चलते रहते हैं या व्यक्ति हर चीज की जल्दबाजी में रहता है।
चीजों से जल्दी बोर हो जाना
अगर आप दिनचर्या से जल्दी बोर हो जाते हैं, तो यह वात असंतुलित होने का कारण हो सकता है। वात पित्त से ग्रस्त व्यक्ति हर चीज से जल्दी बोर हो जाते हैं। ऐसे लोगों का किसी एक चीज पर ध्यान लगा पाना मुश्किल होता है।
वात दोष को संतुलित कैसे करें- How To Balance Vata Dosha Naturally
तिल का तेल से मसाज
एक्सपर्ट के मुताबिक वात असंतुलित होने का असर पूरे शरीर पर पड़ता है। ऐसे में मांस पेशियों पर बुरा प्रभाव पड़ता है। इसके लिए रोज तिल का तेल से मसाज करना काफी फायदेमंद हो सकता है।
हेल्दी फैट्स का सेवन बढ़ाएं
हेल्दी फैट्स का सेवन त्वचा और बालों की ड्राईनेस कम करने में मदद कर सकता है। इसके लिए घी, नारियल तेल, तिल का तेल का सेवन किया जा सकता है।
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जरूरत से ज्यादा एक्सरसाइज
जरूरत से ज्यादा एक्सरसाइज करना भी वात पित्त की समस्या को बढ़ा सकता है। इसलिए अपनी एनर्जी के मुताबिक की एक्सरसाइज करना शुरु करें।
बॉडी को रिलैक्स रखें
भागदौड़ बड़ी जिंदगी के कारण अक्सर लोग अपने शरीर पर जोर डालने लगते हैं, जो वात पित्त होने का सबसे बड़ा कारण होता है। इसके लिए योगा और ध्यान करना शुरु करें।