Tips To Control Vata And Pitta Dosha- आयुर्वेद के अनुसार पित्त और वात असंतुलित होने से पीरियड के समय महिलाओं को कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। पित्त बढ़ने से शरीर में गरमी बढ़ सकती है, जो पीरियड्स के समय पेट में जलन, हाई ब्लड प्रेशर और तनाव की समस्या को बढ़ा सकता है। जबकि वात में गड़बड़ी होने के कारण अत्याधिक दर्द होना, ठंड लगना और अनियमित पीरियड की समस्या हो सकती है। पीरियड्स को नियमित करने और वात, पित्त को संतुलित करने के लिए आयुर्वेद में कई तरह के उपाय बताए गए हैं, जो इन्हें कंट्रोल करके स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याओं से राहत दिला सकते हैं। आयुर्वेदिक गायनेकोलॉजी डॉ. सीमा ए एन के अनुसार ऋतुचर्या के बारे में जागरूकता की कमी के कारण हेल्दी खान-पान करने वाली महिलाओं में भी गर्मियों में पीरियड से जुड़ी परेशानियां बढ़ सकती हैं। ऐसे में आप पेट में पित्त और वात को प्रभावी ढंग से नियंत्रित करके पीरियड्स से जुड़ी समस्यों को होने से रोक सकते हैं और मासिक धर्म को आसान बना सकते हैं।
वात और पित्त को कैसे ठीक करें? - How To Reduce Vata And Pitta in Hindi?
1. पित्त दोष को कंट्रोल करने के लिए खाली पेट गर्म पेय पदार्थों को पीने से बचें। आयुर्वेद के अनुसार पित्त दोष में शरीर का तापमान बहुत ज्यादा बढ़ जाता है। ऐसे में गर्म पानी या गर्म तासीर वाला कोई भी ड्रिंक पीने से यह दोष बढ़ सकता है।
2. वात और पित्त को संतुलित करने के लिए सुबह खस की जड़ों और किशमिश जैसी ठंडी तासीर की जड़ी-बूटियों से तैयार ड्रिंक का सेवन करें, जो आपके पित्त दोष को संतुलित करने में मदद करेगा।
3. चावल आधारित हल्का नाश्ता अपनी डाइट में शामिल करें, खासकर पीरियड्स शुरू होने के 1 हफ्ते पहले, क्योंकि यह आपके शरीर में ब्लड फ्लो को बढ़ाने के लिए पित्त को कम करने में मदद कर सकता है, जिससे वात और पित्त के कारण पीरियड से जुड़ी समस्याओं (Painful Or Irregular Periods) को रोका जा सकता है।
4. दोपहर के खाने से पहले तरबूज जैसे ठंडी तासीर वाले फलों का सेवन करें, जो आपके पित्त दोष को कम करने में मदद करेंगे।
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6. पीरियड्स को आसन बनाने के लिए जरूरी है कि आप अपने खाने में हल्के मसालों को शामिल करें, क्योंकि तेज मसालों के सेवन से पित्त शरीर में गर्मी पैदा कर सकता है, जो पेट में जलन और दर्द का कारण बन सकता है।
7. दिन के पहले हिस्से के बाद आराम जरूर करें। इसमें दोपहर के खाने से पहले 30 मिनट की झपकी लेना या काम से ब्रेक लेना शामिल है, जिसमें आप अपने दिमाग को पूरी तरह आराम दें।
8. अपनी चाय/कॉफी के सेवन की आदत को किसी ठंडे फलों के जूस या नारियल पानी के साथ बदलें। ताकि पेट में गर्मी बढ़ने के कारण पित्त की समस्या न बढ़ पाए।
9. आयुर्वेद के अनुसार वात और पित्त को संतुलित करने के लिए रात का खाना जल्दी खा लेना चाहिए। ऐसा करने से खाना आसानी से पच जाता है और सोने में समस्या या ब्लोटिंग की समस्या नहीं होती है।
10. रात को जल्दी सोने की कोशिश करें, ताकि आपके शरीर को वात और पित्त को नियंत्रित करने के लिए पर्याप्त आराम और समय मिल सके, जो गर्म मौसम के प्रभाव के कारण बढ़ जाते हैं।
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वात और पित्त को संतुलित करके आप अपने पीरियड्स को आसान बना सकते हैं, इसलिए गर्मी के मौसम में अपनी डाइट में उन चीजों को शामिल करने की कोशिश करें जिसकी तासीर गर्म हो।
Image Credit- Freepik
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