आयुर्वेद के अनुसार हमारे शरीर को संतुलित करने में वात, पित्त और कफ का संतुलन बनाए रखने में मदद करता है। किसी भी व्यक्ति के स्वास्थ्य रहने के लिए शरीर में त्रिदोषों का संतुलित रहना बहुत जरूरी है। जब हमारे शरीर में इनमें से कोई भी दोष असंतुलित होता है तो शरीर में कई तरह की समस्याएं हो सकती है। इसी तरह शरीर में पित्त दोष संतुलित रहना भी आपके संपूर्ण स्वास्थ्य के लिए जरूरी है। पित्त दोष शरीर में अग्नि तत्व और जल तत्व का मिश्रण होता है। यह शरीर में पाचन, तापमान कंट्रोल करने, दिमाग, गुस्सा, भूख-प्यास आदि से जुड़ा होता है। ऐसे में जब आपके शरीर में पित्त दोष असंतुलित होता है तो आपको कई समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। ऐसे में आइए रामहंस चेरिटेबल हॉस्पिटल के आयुर्वेदिक डॉक्टर श्रेय शर्मा से जानते हैं कि शरीर में पित्त दोष बढ़ने पर क्या लक्षण नजर आते हैं?
पित्त दोष बढ़ने के लक्षण क्या हैं? - What Are The Symptoms Of High Pitta in Hindi?
1. आंखों का लाल होना
पित्त दोष बढ़ने पर शरीर में गर्मी बढ़ जाती है, जिसका असर सीधा हमारी आंखों पर पड़ता है। आंखों में रेडनेस जलन और कभी-कभी खुजली होने की समस्या हो जाती है। लंबे समय तक यह स्थिति बनी रहे तो आंखों के कमजोर होने की समस्या भी हो सकती है।
इसे भी पढ़ें: क्या पित्त दोष में दूध पीना सही होता है? एक्सपर्ट से जानें इसके फायदे-नुकसान
2. हाथ-पैर में जलन
शरीर में पित्त दोष बढ़ने पर आपके शरीर में अग्नि बढ़ जाती है, जिससे हाथों और पैरों में जलन की समस्या होने लगती है। खासकर रात के समय या गर्म मौसम में यह स्थिति और भी ज्यादा बढ़ जाती है।
3. चक्कर आना और घबराहट होना
शरीर में पित्त का संतुलन बिगड़ने से नर्व सिस्टम पर भी असर पड़ता है। इससे व्यक्ति को बार-बार चक्कर आना, बेचैनी, घबराहट और असुविधा का अनुभव हो सकता है। यह मानसिक असंतुलन और शरीर का तापमान बढ़ने का संकेत हो सकता है।
4. प्यास ज्यादा लगना
पित्त दोष शरीर में गर्मी और अग्नि तत्व से जुड़ा होता है, इसलिए जब शरीर में पित्त बढ़ता है तो शरीर को ज्यादा पानी की जरूरत महसूस होती है। व्यक्ति को बार-बार प्यास लगती है और बिना पानी पिएं शरीर ड्राई महसूस होती है।
5. शरीर का तापमान बढ़ना
पित्त दोष बढ़ने के कारण शरीर के अंदर का तापमान बढ़ने लगता है, जिससे व्यक्ति को हमेशा गर्मी महसूस होती है, भले ही मौसम ठंडा क्यों न हो। शरीर के अंदर जलन, पसीना ज्यादा आना और सिर में भारीपन जैसी समस्याएं बढ़ सकती है।
6. गुस्सा ज्यादा आना और चिड़चिड़ापन
मानसिक स्तर पर पित्त दोष बढ़ने से व्यक्ति बहुत ज्यादा गुस्सैल और चिड़चिड़ा हो जाता है। छोटी-छोटी बातों पर नाराज हो जाना, दूसरों से कड़वा बोलना और किसी भी काम में धैर्य न होना ये सभी शरीर में पित्त बढ़ने के मानसिक लक्षण है।
इसे भी पढ़ें: क्या पित्त दोष के कारण कब्ज की समस्या हो सकती है? आयुर्वेदाचार्य से जानें मैनेज करने का तरीका
शरीर में पित्त दोष को कैसे संतुलित करें? - How To Balance Pitta Dosha Naturally in Hindi?
शरीर में पित्त दोष के लक्षणों को संतुलित करने के लिए जरूरी है कि आप अपने लाइफस्टाइल में ये बदलाव करें-
- खीरा, तरबूज, नारियल पानी, सत्तू, दूध और इलायची जैसे ठंडी और ताजगी देने वाले फूड्स का सेवन करें।
- तेज मसालों और तले हुए खाद्य पदार्थों के सेवन से बचें।
- शांत और ठंडे वातावरण में रहने की कोशिश करें और गर्मी या धूप में जाने से बचें।
- मेडिटेशन, प्राणायाम और योग के मदद से मन को शांत रखें।
- त्रिफला, एलोवेरा, नीम और आंवला जैसे औषधीय चीजों का सेवन करें।
- भरपूर मात्रा में पानी पिएं, ताकि आपके शरीर का तापमान बना रहे।
निष्कर्ष
पित्त दोष बढ़ने पर शरीर और मन दोनों पर प्रभाव पड़ता है। शरीर में पित्त दोष बढ़ने पर आंखों में जलन, रेडनेस, चक्कर आना, प्यास लगना और गुस्स आने जैसे संकेत मिलते हैं। इसलिए, अगर आपके शरीर में इस तरह के लक्षण नजर आए तो नजरअंदाज न करें, क्योंकि ये शरीर में पित्त बढ़ने के संकेत होते हैं।
Image Credit: Freepik
FAQ
पित्त बढ़ने से क्या परेशानी होती है?
पित्त बढ़ने से शरीर में गर्मी, जलन, और बेचैनी की समस्या महसूस हो सकती है। इसके अलावा, पाचन से जुड़ी समस्याएं, स्किन पर रैशेज और चिड़चिड़ापन भी हो सकता है।पेट में बहुत ज्यादा पित्त होने का क्या कारण है?
पेट में बहुत ज्यादा पित्त होने के पीछे कई कारण हो सकते हैं, जिसमें डाइट, लाइफस्टाइल और कुछ स्वास्थ्य से जुड़ी स्थितियां शामिल हैं।पित्त को जड़ से खत्म कैसे करें?
पित्त को जड़ से खत्म करने के लिए आप अपनी डाइट में लाइफस्टाइल में कुछ जरूरी बदलाव करें। जिसमें ठंडी तासीर की चीजों का सेवन, मेडिटेशन और ज्यादा पानी पीना चाहिए।