
Constipation Due To Pitta Dosha In Hindi: आयुर्वेद के अनुसार त्रिदोष होते हैं। इनमें से एक पित्त दोष है। पित्त अग्नि और जल तत्वों से मिलकर बनता है। यह शरीर के कई कार्यप्रणाली को प्रभावित करती है, इसमें मेटाबॉलिज्म, पाचन क्षमता, एनर्जी का उत्पादन आदि शामिल हैं। यही नहीं, आयुर्वेद एक्सपर्ट की मानें, तो पित्त ही हमारे शरीर में हार्मोन और एंजाइम को कंट्रोल करते हैं। बहरहाल, आयुर्वेद की मानें, तो तीनों दोषों का संतुलित होना बहुत जरूरी है। अगर ऐसा न हो, तो सेहत पर इसका प्रतिकूल असर पड़ता है। जैसे कि माना जाता है कि पित्त दोष के कारण कब्ज की समस्या हो सकती है। यहां सवाल उठता है कि क्या वाकई ऐसा होता है? क्या वाकई पित्त दोष के कारण कब्ज से संबंधित समस्या हो सकती है? इस बारे में रामहंस चैरिटेबल अस्पताल में प्रैक्टिस कर रहे आयुर्वेदचार्य डॉ. श्रेय शर्मा (Dr. Shrey Sharma, Ayurvedacharya, Sirsa) से जानते हैं।
क्या पित्त दोष के कारण कब्ज की समस्या हो सकती है?- Does High Pitta Cause Constipation In Hindi
आयुर्वेद में पित्त दोष का संतुलित होना बहुत जरूरी होता है। हमने पहले भी जिक्र किया है कि जब पित्त दोष संतुलित नहीं होता है, तो ऐसी स्थिति में पाचन संबंधित समस्या हो सकती है। आयुर्वेदाचार्य इसे और विस्तार से समझाते हुए बताते हैं, "शरीर में पेट और छोटी आंत में पित्त प्रमुखता से मौजूद होता है। अगर इनमें संतुलिन न हो, तो पेट संबंधी समस्या ट्रिगर होने लगती है। इसमें अपच, एसिडिटी और कब्ज शामिल है। इससे स्पष्ट है कि पित्त दोष के कारण कब्ज की परेशानी हो सकती है।" सवाल है, ऐसा क्यों होता है? एक्सपर्ट की मानें, "ऐसा इसलिए होता है, क्योंकि पित्त दोष के असंतुलित होन के कारण अग्नि कमजोर हो जाती है, जिससे खाया हुआ भोजन सही से पचता नहीं है। इसके अलावा, पित्त दोष के कारण शरीर में गर्मी, जलन और सूजन जैसी समस्या पैदा होती है। ये सभी कारक कब्ज के लिए जिम्मेदार होते हैं।"
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पित्त दोष को कैसे संतुलित रखें- How To Control Pitta Dosha In Hindi
पित्त दोष को संतुलित (Pitta Dosha Kaise Thik Kare) रखने के लिए अपने जीवनशैली में कुछ बदलावों को करना होगा, जैसे-
- आहार में जरूरी बदलाव करें। जैसे ऐसी चीजें अधिक खाएं, जिससे शरीर की गर्मी शांत हो सके। जैसे घी, मक्खन, दूध को डाइट का हिस्सा बनाएं।
- हर तरह की सब्जी और दालों को अपनी संतुलित डाइट में जरूर शामिल करें। यह भी त्रिदोष को संतुलित बनाए रखने में मददगार साबित होती है।
- डाइट में तला-भुना, मिर्च और मसालेदार वाली चीजों को शामिल नहीं करना चाहिए।
- जीवनशैली में ऐसी आदतों को अपनाएं, जिससे एनर्जी प्रोड्यूस हो सके।
- जितना संभव हो, तनाव कम करें। अपने मन को शांत करने के लिए मेडिटेशन यानी योग करें।
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