Pitta Dosha in Monsoon in Hindi: पित्त दोष, अग्नि और जल, दो तत्वों से मिलकर बना है। यह शरीर में बनने वाले हार्मोन और एंजाइम को नियंत्रित करता है। इसके अलावा, पित्त शरीर के तापमान और पाचक अग्नि को भी नियंत्रित करता है। आपको बता दें कि पित्त, छोटी आंत और पेट में प्रमुखता से पाया जाता है। स्वस्थ रहने के लिए पित्त का संतुलन में होना बहुत जरूरी होता है। जब शरीर में पित्त बढ़ता है, तो इसकी वजह से कई दिक्कतें होनी शुरू हो जाती हैं। आयुर्वेद के अनुसार, मानसून में पित्त दोष बढ़ जाता है। शरीर में पित्त बढ़ने की वजह से पाचन और त्वचा संबंधी कई समस्याएं हो सकती हैं। आइए, रामहंस चेरिटेबल हॉस्पिटल, सिरसा के आयुर्वेदिक डॉ. श्रेय शर्मा से जानते हैं मानसून में पित्त दोष बढ़ने के कारण और इससे होने वाली समस्याएं-
मानसून में पित्त दोष क्यों बढ़ जाता है?
गर्मी और चिपचिलाती धूप के बाद, बारिश का मौसम आता है, तो राहत की सांस लेने को मिलती है। लेकिन इस मौसम में शरीर में गर्मी (पित्त) बढ़ जाती है। मानसून में पित्त बढ़ने के कई कारण हो सकते हैं-
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अधिक मसालेदार भोजन
मानसून में अधिक मसालेदार भोजन खाने की इच्छा होती है। इस मौसम में मसालेदार सूप, फास्ट फूड्स खाने की इच्छा होती है। जब अधिक मात्रा में मसालेदार खाना खाया जाता है, तो इससे पित्त दोष बढ़ सकता है।
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चाय या कॉफी का अधिक सेवन
मानसून में ठंड से बचने और मौसम का लुत्फ उठाने के लिए अक्सर लोग चाय या कॉफी का सेवन करते हैं। लेकिन कुछ लोग अधिक मात्रा में चाय-कॉफी का सेवन कर लेते हैं, जिससे पित्त दोष बढ़ जाता है।
ज्यादा एक्सरसाइज करना
इस मौसम में ज्यादा एक्सरसाइज या योग करने से भी बचना चाहिए। दरअसल, अगर आप मानसून में शारीरिक रूप से ज्यादा मेहनत करेंगे, तो इससे पित्त दोष असंतुलित हो सकता है।
नॉनवेज खाने से
अगर आप नॉन-वेजिटेरियन हैं, तो इस मौसम में ज्यादा मांस खाने से बचें। नॉनवेज, शरीर में पित्त को बढ़ा सकता है। इससे आपको त्वचा या पाचन से जुड़ी समस्याएं हो सकती हैं।
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अचार या लहसुन का सेवन
मानसून में अचार या लहसुन का अधिक सेवन करने से भी पित्त दोष बढ़ सकता है।
मानसून में पित्त दोष बढ़ने से होने वाली समस्याएं
- मानसून में पित्त दोष बढ़ने से त्वचा पर फोड़े-फुंसियां निकल सकती हैं।
- पित्त दोष बढ़ने की वजह से त्वचा पर रेडनेस और जलन हो सकती है।
- बढ़ा हुआ पित्त दोष त्चचा पर खुजली का कारण भी बन सकता है।
- इस मौसम में पित्त दोष बढ़ने से पेट या सीने में भी जलन की समस्या हो सकती है।
मानसून में पित्त दोष बढ़ सकता है। ऐसे में पित्त को संतुलित रखने के लिए डाइट और जीवनशैली का खास ख्याल रखना बहुत जरूरी होता है।