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इरिटेबल बॉवेल सिंड्रोम से छुटकारा पाने के लिए डाइट में शामिल करें खसखस, मिलेगा फायदा

इरिटेबल बॉवेल सिंड्रोम की समस्या होने पर लोगों का उठना-बैठना भी दूभर हो जाता है। यहां जानिए, इरिटेबल बॉवेल सिंड्रोम में क्या खाना चाहिए?
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इरिटेबल बॉवेल सिंड्रोम से छुटकारा पाने के लिए डाइट में शामिल करें खसखस, मिलेगा फायदा

बिगड़ी खानपान की आदतों का बुरा असर लोगों की गट हेल्थ पर पड़ता है, जिसके कारण कम उम्र से ही लोगों को कई तरह की पेट से जुड़ी समस्याएं बनी रहती हैं। समय पर रोजाना भोजन न करने और बाजार में मिलने वाले जंक और ऑयली फूड्स का सेवन करने से पेट की समस्याएं होती हैं। जिनसे छुटकारा पाने के लिए अक्सर लोग तरह-तरह की दवाएं लेना शुरू कर देते हैं। यहां तक कि कुछ दवाओं का सेवन लोग बिना डॉक्टर की सलाह के ही कर लेते हैं, जो कि बिल्कुल गलत है। पाचन तंत्र के कमजोर होने के कारण कुछ लोगों को इरिटेबल बॉवेल सिंड्रोम भी हो जाता है, जिसमें व्यक्ति को पेट में ऐंठन के साथ कब्ज या दस्त की समस्या होती है। इस समस्या से छुटकारा पाने के लिए आप आयुर्वेद का सहारा ले सकते हैं। इरिटेबल बॉवेल सिंड्रोम के इलाज के लिए आयुर्वेद में अनेक औषधियां बताई गई हैं। इस लेख में रामहंस चेरिटेबल हॉस्पिटल के आयुर्वेदिक डॉक्टर श्रेय शर्मा (Ayurvedic doctor Shrey Sharma from Ramhans Charitable Hospital) इरिटेबल बॉवेल की समस्या में खसखस के बीजों का सेवन और इसके फायदे बता रहे हैं।

इरिटेबल बॉवेल सिंड्रोम की समस्या का आयुर्वेदिक उपाय

डॉक्टर ने बताया खसखस के बीजों का सेवन इरिटेबल बॉवेल सिंड्रोम की समस्या में लाभदायक साबित होता है। आयुर्वेद में खसखस के बीजों को वातशामक, मीठा, ग्राही और पोषण देने वाला बताया गया है। डॉक्टर का कहना है कि जिन लोगों को आंतों में ऐंठन के साथ कुछ भी खाने या पीने के बाद मल त्याग जैसा बार-बार महसूस होता है, उनके लिए खसखस के बीजों का सेवन लाभकारी हो सकता है। डॉक्टर ने बताया कि खसखस के बीजों को कई तरीकों से डाइट में शामिल किया जा सकता है, जिससे सेहत को भरपूर लाभ मिलेगा।

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खसखस के बीजों का सेवन कैसे करें?

1. छाछ के साथ खसखस

खसखस के बीजों और छाछ का मिश्रण IBS के लक्षणों को कम करने के लिए प्रभावी माना जाता है। एक चम्मच खसखस के बीजों को भिगोकर पीस लें और इसे एक गिलास छाछ में मिलाकर पिएं। यह मिश्रण पेट की सूजन को कम करता है और पाचन तंत्र को बेहतर बनाने में सहायक होता है। जिन लोगों को इरिटेबल बॉवेल की समस्या रहती है उन्हें इस तरह से डाइट में खसखस के बीजों को शामिल करना चाहिए।

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2. खसखस की चटनी

खसखस के बीजों को पीसकर इसकी चटनी तैयार करें और दिन में दो बार इसका सेवन करें। खसखस के बीजों से बनी चटनी पेट के दर्द को कम करती है और गैस्ट्रिक समस्याओं से राहत दिलाने में सहायक साबित हो सकती है।

3. मिश्री के साथ खसखस

एक चम्मच खसखस को पीसकर उसमें मिश्री मिलाकर एक पेस्ट बनाएं और इसका सेवन गुनगुने पानी के साथ करें। हालांकि, खसखस और मिश्री दोनों का सेवन सीमित मात्रा में ही करना चाहिए। 

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खसखस के बीजों के फायदे

1. खसखस के बीज हड्डियों को मजबूत बनाने में मदद करते हैं। इसका नियमित सेवन हड्डियों के स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद होता है।

2. खसखस के बीजों के सेवन से त्वचा की नमी बनी रहती है, जिससे त्वचा सॉफ्ट ग्लोइंग नजर आती है।

3. खसखस के बीजों में ओमेगा-6 फैटी एसिड होते हैं, जो हार्ट हेल्थ को बेहतर करने में सहायक होते हैं और कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कंट्रोल कर सकते हैं। 

4. खसखस के बीज पाचन तंत्र को सुधारने में सहायक होते हैं। यह अपच, गैस और कब्ज की समस्याओं को दूर करने में मदद करते हैं।

आयुर्वेद में खसखस का उपयोग विभिन्न स्वास्थ्य समस्याओं के उपचार में किया जाता है। इरिटेबल बाउल सिंड्रोम (IBS) के लक्षणों को कम करने में खसखस के बीज प्रभावी हो सकते हैं। लेकिन किसी भी नई चीज को अपनी डाइट में शामिल करने से पहले डॉक्टर से सलाह जरूर लें।

All Images Credit- Freepik

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