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Vata Dosha: मानसून में वात दोष क्यों बढ़ जाता है? जानें इससे होने वाली स्वास्थ्य समस्याएं

Vata Dosha Increasing in Monsoon: जब शरीर में वात बढ़ जाता है, तो कई तरह की स्वास्थ्य समस्याएं होनी शुरू हो जाती हैं। वात असंतुलन की वजह से हड्डियों में दर्द हो सकता है।
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Vata Dosha: मानसून में वात दोष क्यों बढ़ जाता है? जानें इससे होने वाली स्वास्थ्य समस्याएं


Causes of Increasing Vata Dosha in Monsoon: वात दोष, वायु और आकाश, दो तत्वों से मिलकर बना है। आपको बता दें कि वात दोष को, तीनों दोषों में सबसे अहम माना गया है। दरअसल, शरीर में गति से जुड़ी प्रक्रिया वात की वजह से ही हो पाता है। वात का प्रमुख स्थान पेट और आंत में है। वैसे तो हर व्यक्ति के अंदर वात पाया जाता है। लेकिन, कुछ लोग वात प्रकृति के होते हैं। यानी इनके शरीर में वात अधिक होता है। जब शरीर में वात बढ़ जाता है, तो कई तरह की स्वास्थ्य समस्याएं होनी शुरू हो जाती हैं। वात असंतुलन होने की वजह से हड्डियों में दर्द (Bones Pain in Hindi) हो सकता है। साथ ही, शरीर में जकड़न और सुई के चुभने जैसा दर्द भी महसूस हो सकता है। रामहंस चेरिटेबल हॉस्पिटल, सिरसा के आयुर्वेद डॉ. श्रेया शर्मा बताते हैं कि मानसून में वात दोष बढ़ जाता है। आइए, जानते हैं कि मानसून में वात दोष क्यों बढ़ जाता है? साथ ही, मानसून में वात दोष बढ़ने से कौन-सी समस्याएं (Problems Due to Vata Dosha) होती हैं, इनके बारे में भी जानेंगे-

मानसून में वात दोष क्यों बढ़ जाता है?- Causes of Increasing Vata Dosha in Monsoon in Hindi

मानसून में वात दोष बढ़ने के कई कारण हो सकते हैं। इनमें शामिल हैं-

1. फिजिकल एक्टिविटी ज्यादा करना

अगर मानसून में कोई फिजिकल एक्टिविटी ज्यादा करता है, तो उसमें वात दोष बढ़ सकता है। ग्रीष्म या वर्षा ऋतु में शारीरिक रूप से सक्रिय रहने की वजह से वात दोष बढ़ सकता है। अगर आप इस मौसम में व्यायाम, एक्सरसाइज या योग ज्यादा करेंगे, तो इससे भी वात दोष बढ़ता है। इसलिए वात दोष तो संतुलन में रखने के लिए आप ज्यादा फिजिकल एक्टिविटी करने से बचना चाहिए।

2. ट्रेवल करने पर

इस मौसम में ट्रेवल करने वाले लोगों में वात दोष बढ़ सकता है। जो लोग ज्यादा यात्रा या ट्रेवल करते हैं, उनमें वात दोष बढ़ने के लक्षण महसूस हो सकते हैं। खासकर, जो लोग दो पहिया वाहन में यात्रा करते हैं, उन्हें ज्यादा दिक्कत हो सकती है। 

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3. ड्राई फूड्स का सेवन

जो लोग मानसून में ड्राई फूड्स जैसे- बर्गर, पिज्जा आदि का सेवन करते हैं, तो उनमें भी वात दोष बढ़ सकता है। इसके अलावा, अगर मानसून में फास्ट फूड्स या जंक फूड्स का सेवन करेंगे, तो भी वात दोष से जुड़ी समस्याएं हो सकती हैं।

आयुर्वेद के अनुसार मानसून में पित्त दोष ज्यादा बढ़ता है। इस मौसम में लहसुन या आम खाने से दाने निकल सकते हैं। इस मौसम में ठंडे फल खाने चाहिए। डॉ. श्रेया बताते हैं कि वात दोष शरद ऋतु में ज्यादा बढ़ता है। 

leg pain

मानसून में वात दोष बढ़ने से होने वाली समस्याएं

  • मानसून में वात दोष बढ़ने पर आपको शरीर में दर्द हो सकता है।
  • शरीर के अलग-अलग हिस्सों पर दर्द का अनुभव हो सकता है। 
  • इस मौसम में वात दोष बढ़ने पर कमजोरी और थकान का अनुभव ज्यादा होती है।

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वात दोष बढ़ने की वजह से आपको कई तरह स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ता है। अगर आपको इस दौरान वात दोष बढ़ने के लक्षणों का अनुभव हो रहा है, तो डॉक्टर से जरूर कंसल्ट करें। 

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