भारत में कई हजार वर्षों से आयुर्वेद के द्वारा कई रोगों का इलाज किया जा रहा है। आयुर्वेद में तीन तरह के दोषों को अधिकतर रोगों का मुख्य कारण माना जाता है। आयुर्वेद में वात, कफ और पित्त दोषों को शांत कर रोगों को दूर करने के प्रयास किया जाता है। आयुर्वेदाचार्यों के अनुसार जब व्यक्ति के शरीर में वायु, कफ या पित्त कुपित हो जाता है, तो उनको पाचन संबंधी या अन्य समस्याएं होने लगती है। अग्नि और जल के गुणों से युक्त पित्त दोष शरीर में पाचन, मेटाबॉलिज्म और एनर्जी को नियंत्रित करने का कार्य करता है। पित्त दोष के अंसुतलन (Pitta dosha) से व्यक्ति में सूजन, अपच, चिड़चिड़ापन और स्किन से जुड़ी समस्याएं हो सकती हैं। हालांकि, डाइट और लाइफस्टाइल में आवश्यक बदलाव से आप पित्त दोष को शांत कर सकते हैं। इस लेख में आगे जानते हैं कि पित्त दोष को शांत (how to balance pitta dosha) करने के लिए आप क्या उपाय अपना सकते हैं।
पित्त दोष को किस तरह करें शांत - Diet Changes To Balance Pitta Dosha Expert Explains in Hindi
पित्त दोष को संतुलित कर आप बुद्धि और पाचन अग्नि को बेहतर कर सकते हैं। पित्त बनने से आपको हाइपरएसिडिटी, सूजन व पाचन संबंधी गड़बड़ी हो सकती है। ऐसे में मध्यप्रदेश के सरकारी अस्पताल की मेडिकल ऑफिसर डॉ. सोनल गर्ग से जानते हैं कि पित्त दोष को शांत करने के लिए डाइट में क्या बदलाव करें।
ठंडे खाद्य पदार्थों का सेवन करें
पित्त की स्वाभाविक प्रकृति गर्म होती है, ऐसे में आप अपनी डाइट में ठंडे खाद्य पदार्थों को शामिल कर सकते हैं। इससे शरीर की गर्मी को शांत करने में मदद मिलती है। पित्त को शांत करने के लिए आप खरबूजे, जामुन और अनार को शामिल कर सकते हैं। इसके अलावा पत्तेदार सब्जियां जैसे सलाद, पालक, धनिया, पुदिना और सीताफल का सेवन कर सकते हैं।
कम मात्रा में मसाले और खट्टी चीजों का सेवन
अधिक मसालेदार और खट्टे खाद्य पदार्थ अपनी गर्मी और अम्लीय प्रकृति के कारण पित्त दोष को बढ़ा सकते हैं। जबकि, हल्के मसाले आपके पाचन क्रिया को बूस्ट कर सकते हैं। ऐसे में आप बेहद कम मात्रा में हरी मिर्च, लहसुन और प्याज का सेवन कर सकते हैं। खाने में लाल मिर्च और गर्म मसालों का सेवन न करें। इसी तरह टमाटर, सिरके या खट्टी चीजों का सेवन कम मात्रा में करें।
जौ, क्विनोआ व जई का सेवन करें
पित दोष को शांत करने के लिए आप पौष्टिक अनाज को डाइट में शामिल कर सकते हैं। पाचन अग्नि को प्रभावित किए बिना आप पोषण प्रदान करने के लिए बासमती चावल, जौ, क्विनोआ और जई जैसे साबुत अनाज को अपने भोजन में शामिल करें। ब्राउन राइस और बाजरा जैसे अत्यधिक गर्म अनाज से बचें, यह पित्त असंतुलन को बढ़ा सकते हैं।
गर्मियों में पिएं कद्दू का सूप - How To Make Pumpkin Soup For Balance Pitta Dosha In Hindi
- इसे बनाने के लिए आप सफेद कद्दू करीब आधा किलो लेकर काट लें।
- इसके बाद आप एक पैन में कद्दू और करीब आधा कप बीन्स को काटकर उबाल लें।
- जब यह हल्की पक जाए तो इसमें मूंग दाल और जीरा करीब आधा चम्मच, अदरक थोड़ा सा कूटा हुआ, हल्दी एक चुटकी, एक चौथाई चम्मच काली मिर्च और धनिया पीसा हुआ मिला दें।
- सभी चीजों को करीब 10 से 15 मिनट मध्यम आंच पर पकने दें।
- इसके बाद सभी चीजों को मैश कर लें।
- आपका सूप बनकर तैयार है। आप इसे सप्ताह में दो बार पी सकते हैं।
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How To Balance Pitta Dosha: डाइट और लाइफस्टाइल में बदलाव कर आप पित्त दोष को शांत कर सकते हैं। साथ ही, आप आलस और कमजोरी को भी कम कर सकते हैं। इससे एसिडिटी बनने की संभावना कम होती है, और पाचन क्रिया बेहतर होती है। अगर, आपको समस्या अधिक हो तो ऐसे में आप आयुर्वेदाचार्य से मिल सकते हैं।