Doctor Verified

आयुर्वेद के अनुसार नाश्ते में शामिल करें ये 5 फूड्स, तीनों दोष रहेंगे संतुलित

आयुर्वेद में पित्त, कफ और वात दोष को संतुलित करने के लिए जरूरी है कि आप अपने ब्रेकफास्ट में इन फूड्स को शामिल करें। 
  • SHARE
  • FOLLOW
आयुर्वेद के अनुसार नाश्ते में शामिल करें ये 5 फूड्स, तीनों दोष रहेंगे संतुलित


आयुर्वेद के अनुसार, हमारे शरीर में तीन दोष गोते हैं, वात, पित्त और कफ। इन तीनों दोषों को त्रिदोष के नाम से भी जाना जाता है। यह तीनों दोष हमारे शरीर और मन को अलग-अलग तरह से संतुलित करने का काम करते हैं। हर व्यक्ति के शरीर में किसी भी दोष के बढ़ने से स्वास्थ्य से जुड़ी अलग-अलग समस्याएं होती है। ऐसे में जरूरी है कि आप अपने शरीर के दोष को पहचान कर उसके अनुसार ही अपने दिन के खाने की शुरुआत करें। दरअसल, आयुर्वेद में, आहार के माध्यम से दोषों (वात, पित्त और कफ) को संतुलित करने में मदद मिल सकती है। ऐसे में आइए आयुर्वेदिक डॉक्टर वरलक्ष्मी यनमन्द्र से जानते है कि दोष के अनुसार किस व्यक्ति को ब्रेकफास्ट में क्या शामिल करना चाहिए?

दोषों के अनुसार ब्रेकफास्ट ऑप्शन

1. वात दोष

वात दोष की प्रकृति ठंडी, शुष्क और अनियमित होती है। इसलिए इस दोष के व्यक्तियों के लिए नाश्ते के सबसे अच्छे विकल्प नमी और स्वस्थ वसा वाले गर्म खाद्य पदार्थ, ग्राउंडिंग और पौष्टिक खाद्य पदार्थ हैं। आप अपने ब्रेकफास्ट में घी और मसालों (जैसे दालचीनी) के साथ अमरनाथ दलिया, गर्म मसालों (जीरा, हल्दी) के साथ शकरकंद मैश, किशमिश, बादाम और थोड़ी मिठास (शहद या मेपल सिरप) के साथ चावल का दलिया का सेवन कर सकते हैं। यह खाद्य पदार्थ गर्मी, नमी और स्थिरता जोड़कर, वात एनर्जी को स्थिर करके और पाचन को बढ़ावा देकर ड्राई, हल्की और अनियमित प्रकृति का मुकाबला करने में मदद करते हैं।

इसे भी पढ़ें: मानसून में वात और पित्त प्रकृति के लोग एक्सरसाइज करते समय रखें इन बातों का ध्यान, नहीं बढ़ेगा दोष 

2. पित्त दोष

पित्त दोष की प्रकृति गर्म, तीखा और तीव्र होता है। इसे संतुलित करने के लिए आप अपने ब्रेकफास्ट में मीठे, ठंडे और ताजगी देने वाले खाद्य पदार्थ, कम तेल और मासले के शामिल कर सकते हैं। आप अपने ब्रेकफास्ट में मीठे, पके फलों (जैसे सेब, नाशपाती या खरबूजे) का सलाद, ठंडे मसालों (इलायची) और बादाम के दूध के साथ क्विनोआ दलिया, ठंडे साग (जैसे पालक) और खीरे के साथ हरी स्मूदी, नारियल पानी का सेवन कर सकते हैं। ये खाद्य पदार्थ पित्त की गर्मी और तीव्रता को शांत करने में मदद करते हैं, ठंडक और सुखदायक गुण देने का काम करते हैं।

इसे भी पढ़ें: मानसून में पित्त दोष क्यों बढ़ जाता है? जानें इससे होने वाली सामान्य समस्याएं 

3. कफ दोष 

कफ दोष की प्रकृति वाले लोग अपनी डाइट में हल्के, गर्म औऱ मसालेदार खाद्य पदार्थ शामिल कर सकते हैं, डो पचाने में आसान होते हैं और एनर्जी लेवल को बढ़ाते हैं। आप अपने ब्रेकफास्ट में गर्म मसाले (अदरक, काली मिर्च) के साथ हरी पत्तेदार सूप, दालचीनी और जायफल के साथ बाजरे का दलिया, शहद और घी के साथ कुट्टू के पैनकेक शामिल कर सकते हैं। ये खाद्य पदार्थ ऊर्जा को बढ़ावा देने और किसी भी सुस्ती को दूर करने में मदद करते हैं। 

 
 
 
View this post on Instagram

A post shared by Varalakshmi Yanamandra (@drvaraayurveda)

आयुर्वेद में पाचन की प्राकृतिक लय के साथ तालमेल बिठाने के लिए कुछ हल्के शारीरिक गतिविधियों के बाद और सुबह 9 बजे से पहले नाश्ता करने की सलाह देता है। इसके साथ आप अपने शरीर में दोष को पहचानकर उसके अनुसार ब्रेकफास्ट करके हेल्दी रह सकते हैं।

Image Credit: Freepik 

Read Next

छाती में दर्द से परेशान हैं? अपनाएं ये 5 आयुर्वेदिक उपाय

Disclaimer