सेहतमंद रहने के लिए आजकल डॉक्टर और हेल्थ एक्सपर्ट लोगों को मिलेट्स खाने की सलाह दे रहे हैं। वहीं भारत सरकार भी हेल्दी मिलेट्स का दुनियाभर में प्रचार कर रही है। यही कारण है कि लोग मिलेट्स को लेकर जागरुक हो रहे हैं और डाइट में इसे शामिल कर रहे हैं। खासकर जो लोग अपनी हेल्थ को लेकर काफी सतर्क रहते हैं, वह अपनी डाइट में मिलेट्स को जरूर शामिल करते हैं। मिलेट्स यानी मोटा अनाज पोषक तत्वों का खजाना होता है। इससे शरीर को विटामिन, खनिज और फाइबर अच्छी मात्रा में मिलते हैं, जिससे शरीर का ब्लड शुगर लेवल कंट्रोल रहता है। इस लेख में रामहंस चेरिटेबल हॉस्पिटल के आयुर्वेदिक डॉक्टर श्रेय शर्मा (Ayurvedic doctor Shrey Sharma from Ramhans Charitable Hospital) शरीर की प्रकृति के अनुसार आयुर्वेदिक सुपरफूड मिलेट्स यानी मोटे अनाज का सेवन बता रहे हैं।
शरीर की प्रकृति के अनुसार खाएं मिलेट्स - Millets According To Vata, Pitta And Kapha Doshas
आयुर्वेदिक डॉक्टर श्रेय शर्मा ने बताया कि बीते कुछ समय में लोग अपनी सेहत को लेकर काफी सतर्क हुए हैं और डाइट में हेल्दी चीजों को शामिल कर रहे हैं। खासकर, जब से भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत में आयोजित जी 20 समिट में दुनियाभर से आए प्रतिनिधियों को मिलेट्स से बने फूड आइटम्स खिलाए थे और इनकी खासियतों के बारे में बताया था तब से लोगों ने अपनी डाइट में मिलेट्स यानी बाजरा, रागी और ज्वार को डाइट में शामिल कर शुरू कर दिया है। डॉक्टर ने बताया कि मिलेट्स सेहत के लिए लाभकारी होते हैं लेकिन इनका सेवन शरीर की प्रकृति के अनुसार करने पर आपको ज्यादा लाभ हो सकता है। यहां जानिए, शरीर में होने वाले तीनों दोषों यानी वात, पित्त और कफ में कौन-कौन से मिलेट खाने चाहिए?
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1. वात प्रकृति में कौन सा मिलेट खाएं? - Which Millet Is Best For Vata Dosha
डॉक्टर ने बताया कि जिन लोगों के शरीर में वात प्रकृति होती है या जिन्हें ज्यादा ठंड लगती है उन्हें डाइट में बाजरा शामिल करना चाहिए। ऐसा इसलिए, क्योंकि बाजरा गर्म तासीर का मिलेट है, जिससे आपके शरीर का वात दोष कंट्रोल हो सकता है और कई अन्य समस्याएं भी कम हो सकती हैं। बाजरा ग्लूटन फ्री होता है और वजन कंट्रोल करने में भी सहायक हो सकता है। इसके अलावा डायबिटीज के मरीजों के लिए भी बाजरे का सेवन लाभदायक होता है, इससे शरीर की ब्लड शुगर कंट्रोल हो सकती है।
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2. पित्त प्रकृति में कौन सा मिलेट खाएं? - Which Millet Is Good For Pitta Dosha
जिन लोगों के शरीर की पित्त प्रकृति होती है या जिनके शरीर में ज्यादा गर्मी रहती है उन्हें ज्वार का सेवन करना चाहिए। ऐसा इसलिए, क्योंकि ज्वार की तासीर ठंडी होती है। ज्वार शरीर में पित्त को शांत करता है और वात को बढ़ाता है, इसके सेवन से शरीर को कैल्शियम के साथ फॉस्फोरस, आयरन और पोटेशियम मिलता है। इसके साथ ही ज्वार में विटामिन बी-कॉम्पलेक्स और प्रोटीन भी पाया जाता है।
3. कफ प्रकृति में कौन सा मिलेट खाएं? - Which Millet Is Good For Kapha Dosha
रागी का सेवन तीनों यानी कफ, वात और पित्त प्रकृति के लोग कर सकते हैं। ऐसा इसलिए, क्योंकि रागी की तासीर न तो ठंडी होती है और न ही गर्म, ऐसे में इसका सेवन सभी के लिए फायदेमंद होता है। इन मिलेट्स को आप की तरीकों से अपनी डाइट में शामिल कर सकते हैं और इनका भरपूर लाभ पा सकते हैं।
ध्यान रखें कि ज्यादातर मिलेट्स में रूखापन होता है, ऐसे में जब भी आप इसकी रोटी खाएं तो गाय का घी लगाकर ही खाएं। ऐसा करने से पेट से जुड़ी समस्याएं दूर हो सकती हैं।
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