आयुर्वेद एक प्राकृतिक इलाज है, जिसमें औषधियों और जड़ी-बूटियों की मदद से किसी भी बीमारी का उपचार किया जाता है। आयुर्वेद में कफ, पित्त और वात पर आधारित ही किसी बीमारी का इलाज किया जाता है। अगर आपके शरीर में ये तीनों दोष संतुलित होते हैं, तो यह आपके स्वस्थ रहने की निशानी है। अगर आपके शरीर में वात, पित्त और कफ में से कोई एक भी असंतुलित हो जाए, तो आपके स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ सकता है। तो आइए आयुर्वेद एक्सपर्ट और योग गुरु सृष्टि कौशिक से जानते हैं शरीर में पित्त, कफ और वात के असंतुलित होने के लक्षणों और इन्हें सही करने के तरीकों के बारे में।
शरीर में पित्त के असंतुलित होने के क्या लक्षण है? - What Are The Symptoms Of High Pitta in Hindi?
- पाचन संबंधी समस्याएं होना
- त्वचा से जुड़ी समस्याएं होना
- चिड़चिड़ापन होना और बहुत ज्यादा गुस्सा आना
शरीर में कफ के असंतुलित होने के क्या लक्षण है? - What Are The Symptoms Of Kapha in Hindi?
- वजन बढ़ना
- खराब पाचन
- वॉटर रिटेंशन (शरीर के अंदर पानी भरना)
शरीर में वात के असंतुलित होने के लक्षण क्या है? - What Are The Symptoms Of Vata in Hindi?
- जोड़ों में दर्द होना
- त्वचा का फटना
- कोल्ड इनटॉलरेंस यानी जब कोई व्यक्ति ठंडे तापमान के लिए बहुत ज्यादा सेंसेटिव हो जाते है।
पित्त को संतुलित करने के लिए क्या करें? - How Do You Balance Pitta in Your Body in Hindi?
- बहुत ज्यादा गर्म तापमान में रहने से बचें।
- ज्यादा तेल वाले खाद्य पदार्थों के सेवन से परहेज करें।
- स्टिम बाथ जैसी गतिविधियों से बचें।
- नमक का सेवन सीमित मात्रा में करें।
- ठंडा, बिना मसाले वाला खाना खाएं।
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कफ को संतुलित करने के लिए क्या करें? - How Do You Balance Kapha Dosha in Hindi?
- पर्याप्त मात्रा में व्यायाम करें।
- अत्यधिक खाना खाने से बचें।
- डेयरी उत्पादों के सेवन से बचें।
- बर्फ वाले खाद्य पदार्थ या पेय का सेवन करने से परहेज करें।
- फैट या ऑयली फूड्स से बचें।
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वात संतुलन करने के लिए क्या करें? - What To Do To Balance Vata Dosha in Hindi?
- खुद को गर्म रखने की कोशिश करें।
- ठंडे, जमे हुए और कच्चे खाद्य पदार्थों का सेवन करने से बचें।
- अत्यधिक ठंडे मौसम या कमरे में रहने से बचें।
- गर्मा-गर्म खाना खाएं।
- मसालेदार भोजन का सेवन करें।
- नियमित रूटन को फॉलो करें।
- ज्यादा से ज्यादा आराम करने की कोशिश करें।
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