आयुर्वेद के अनुसार हर व्यक्ति के शरीर की अपनी एक अलग प्रवृत्ति होती है। इस प्रवृत्ति को वात, कफ और पित्त के अनुसार अलग-अलग भागों में विभाजित किया जाता है। जब शरीर में वात, कफ और पित्त दोष उत्पन्न होने लगते हैं, तो इससे शरीर में कई तरह के रोग उत्पन्न होना शुरू हो जाते हैं। वहीं, इन दोषों को दूर कर कई बीमारियों से बचाव किया जा किया जा सकता है। आज इस लेख में आपको पित्त दोष से होने वाली समस्याओं के बारे में बताया गया है। साथ ही, आयुर्वेदाचार्य मिहिर खत्री से यह भी जानेंगे कि इन समस्याओं का इलाज कैसे किया जा सकता है।
शरीर में पित्त दोष क्यों उत्पन्न होता है? - Causes of Pitta Dosha In Hindi
पित्त दोष शरीर की अग्नि और जल तत्व से मिलकर बना होता है। जब इनका संतुलन खराब होता है, तो इससे आपको पित्त दोष की समस्या हो सकती है। शरीर में एनर्जी के फ्लो में बाधा, मेटाबॉलिज्म के कार्य में गड़बड़ी और गर्मी की वजह से होने वाली प्रतिक्रियाओं का सीधा संबंध पित्त दोष से होता है। पित्त दोष होने पर आपकी पाचन क्रिया प्रभावित होती है। जिससे आपको पाचन से जुड़ी समस्याएं हो सकती है।
पित्त दोष होने पर क्या लक्षण दिखाई देते हैं? Symptoms Of Pitta Dosh in Hindi
जैसा कि आपको पहले बताया जा चुका है कि पित्त दोष में गैस्ट्रोइंस्टेस्टाइनल ट्रैक्ट में समस्या हो सकती है। इसमें त्वचा, आंखें और लिवर की समस्या होने की संभावना भी बढ़ती है। आगे जानते है पित्त दोष में किस तरह के लक्षण महसूस होते हैं।
- ज्यादा गर्मी लगना
- स्किन में मुंहासे व फोड़े होना
- एसिटिडी
- बार-बार प्यास लगना
- उल्टी में पीला पानी निकलना
- जी मिचलाना
- दस्त की समस्या
- चिड़चिड़ापन और गुस्सा आना, आदि।
पित्त दोष को बढ़ाने वाले कारक क्या होते हैं? Factor To Increase Pitta Dosha in Hindi
- संतुलित आहार का सेवन न करना,
- ज्यादा तीखा, खट्टा या नमकीन भोजन खाना
- शराब का अधिक सेवन करना
- धूप में ज्यादा समय बिताना
- ज्यादा गर्म खाना खाने से भी पित्त प्रभावित हो सकता है।
पित्त दोष को कैसे करें शांत? How To Treat Pitta Dosha In Hindi
आयुर्वेदाचार्य मिहिर खत्री ने अपनी इंस्टाग्राम प्रोफाइल पर पित्त दोष को शांत करने के लिए उपाय पर एक पोस्ट शेयर की है। इस पोस्ट में पित्त दोष की समस्या को दूर करने का एक आसान घरेलू उपाय बताय गया है। आगे जानते हैं इस उपाय के बारे में।
आवश्यक सामग्री
- घी - आधा चम्मच (देसी गाय का)
- हरी इलायची - 5
- मिश्री - आधा चम्मच
कैसे इस्तेमाल करें
- एक बाउल में आप हरी इलायची का पाउडर, आधा चम्मच घी और मिश्री का आधा चम्मच पाउडर मिलाएं।
- सुबह व शाम को खाली पेट इन सभी का सेवन करें।
- इसके सेवन के बाद करीब 15 से 20 मिनट तक कुछ न खाएं।
- कुछ ही दिनों में आपको अम्ल पित्त, एसिडिटी में आराम मिलना शुरु हो जाएगा।
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आयुर्वेदाचार्य के अनुसार मौसम में बदलाव होने पर ज्यादा तला भुना खाने से पित्त की समस्या बढ़ सकती है। साथ ही अदरक वाली चाय से भी आपकी समस्या बढ़ सकती है। ऊपर बताए उपायो को सुबह व शाम अपना सकते हैं। साथ ही, संतुलित आहार का सेवन करें।