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इन रोगों के इलाज करने में कारगर है 'बस्ती थेरेपी', आयुर्वेदाचार्य से जानें इसे करने का तरीका

आयुर्वेद में बस्ती थेरेपी का इस्तेमाल कर आप कई रोगों का इलाज कर सकते हैं। डॉक्टर से जानते हैं इसके फायदे और करने का तरीका   
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इन रोगों के इलाज करने में कारगर है 'बस्ती थेरेपी', आयुर्वेदाचार्य से जानें इसे करने का तरीका


Basti Treatment In Ayurveda: आज के समय में हमारी लाइफस्टाइल में हुए बदलाव की वजह से कई तरह के रोग होने का खतरा अधिक होता है। बाहर का जंक फूड खाने और शारीरिक गतिविधियों में कमी के कारण सबसे पहले पाचन क्रिया प्रभावित होती है, जिसके बाद कब्ज, सूजन, गैस, अपच, शरीर में दर्द और सूजन की समस्या हो सकती है। इन सभी से बचने के लिए आयुर्वेद में कई थेरेपी का जिक्र मिलता है। आयुर्वेद की पंचकर्म थेरेपी में बस्ती को भी शामिल किया जाता है, जो वात दोषों को दूर करने में सहायक होती है।  

ओनलीमायहेल्थ अपने पाठकों को रोगों के प्रति जागरूक करने के लिए एक विशेष सीरीज ‘आरोग्य विद आयुर्वेद’ लेकर आया है। इस सीरीज में अनुभवी डॉक्टरों से बात कर विभिन्न रोगों के कारण, लक्षण और इलाज के बारे में बताया जाता है। आज इस सीरीज में हम आपको बस्ती थेरेपी के बारे में बताने जा रहें हैं। इस थेरेपी के बारे में जानने के लिए हमने मध्यप्रदेश में कार्यरत सरकारी आयुर्वेद मेडिकल ऑफिसर डॉ. सोनल गर्ग (BAMS, DNHE, YIC) से बात की। उन्होंने बताया कि किन रोगों को दूर करने के लिए बस्ती कर्म का इस्तेमाल किया जाता है।

आयुर्वेद मेडिकल ऑफिसर डॉ. सोनल गर्ग (Instagram-Vaidik_era_ayurveda) ने बताया कि बस्ती कर्म आयुर्वेदिक पंचकर्म की पांच प्रक्रियाओं में से एक अत्यंत महत्वपूर्ण क्रिया है। बस्ती कर्म वात रोगों को कम करने की एक श्रेष्ठ चिकित्सा पद्धति है। आयुर्वेद के अनुसार शरीर में अधिकतर रोग वात दोषों के असंतुलन की वजह से होते हैं। बस्ती कर्म को अर्ध चिकित्सा भी कहा जाता है। बस्ती क्रिया काफी हद तक एनिमा (Enema) की तरह होती है।

बस्ती कर्म क्या है? What is Basti Karma In Hindi

आयुर्वेद के अनुसार बस्ती पंचकर्म चिकित्सा पद्धति का ही एक हिस्सा होती है। पंचकर्म थेरेपी में व्यक्ति के शरीर के विषाक्त पदार्थों को बाहर कर संबंधित रोगों को दूर किया जाता है। इस थेरेपी में गुदा मार्ग से कुछ औषधियों को आंतों के निचले हिस्से तक पहुंचाया जाता है। इससे रेक्टल एरिया से जुड़ी समस्याओं में आराम मिलता है। आयुर्वेदाचार्य के अनुसार बस्ती में औषधि तुरंत रोग का इलाज करती है, जबकि, खाने वाली औषधि पाचन क्रिया के बाद असर दिखाती है। लेकिन, बस्ती में औषधी के प्रभाव तेजी से दिखाई देते हैं।  

Basti ayurvedic treatment

बस्ती थेरेपी कैसे की जाती है? Procedure Of Basti Therapy in Hindi

जैसा कि आपको पहले बताया गया है कि बस्ती थेरेपी में व्यक्ति को गुदा मार्ग, मूत्रमार्ग और योनि मार्ग के द्वारा औषधि दी जाती है।

  • इसमें सबसे पहले रोगी को करवट लेकर लिटाया जाता है।
  • इसके बाद कैथेटर (एक छोटी नली) के द्वारा औषधि को मलाशय से शरीर के अंदर पहुंचाया जाता है।
  • बस्ती थेरेपी के सेशन्स को रोग के आधार पर तय किया जा सकता है।
  • यह रोग की स्थिति और औषधियों के प्रभाव पर भी निर्भर करता है।

बस्ती थेरेपी के प्रकार - Type Of Basti Therapy In Hindi

बस्ती थेरेपी कितने प्रकार की होती है।

  • अनुवासन वस्ति- इसमें औषधियों से सिद्ध तेल/ घी की बस्ती दी जाती है। यह शरीर को पोषण प्रदान करने का कार्य करती है।
  • निरूह/आस्थापन - निरुह का अर्थ है शोधन व आस्थापन का अर्थ होता है, आयु को स्थिर रखना। बस्ती थेरेपी शरीर का शोधन कर आयु को स्थिर रखती है। इसमें क्वाथ की बस्ती दी जाती है।

बस्ती थेरेपी किन रोगों में फायदेमंद हो सकती है? - Basti Treatment Benefits In Hindi

आयुर्वेद के अनुसार वर्षा ऋतु में स्वस्थ व्यक्ति भी बस्ती थेरेपी को ले सकते हैं। बस्ती थेरेपी से पाचन क्रिया बेहतर होती है। जिससे पेट फूलना, कब्ज, मासिक धर्म की अनियमितता, आर्थराइटिस, स्लिप डिस्क, स्पोंडीलोसिस, पार्किंसोनिस्म, न्यूरोलॉजिकल डिसऑर्डर , पैरालिसिस, कुपोषण, मोटापा आदि रोगों को दूर करने में मदद मिलती है। इसके साथ ही शरीर के वात दोषों को दूर करने के लिए भी बस्ती थेरेपी प्रभावी मानी जाती है।

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पाचन संबंधी समस्याओं को अनदेखा करने से आपको कई अन्य समस्याएं हो सकती हैं। दरअसल, पाचन क्रिया की समस्याओं का समय पर इलाज न किया जाए तो इससे आपको गैस, एसिडिटी व आंतों से जुड़े अन्य गंभीर रोग होने का खतरा बढ़ जाता है। ऐसे में आप आयुर्वेदिक उपायों का उपयोग कर सकते हैं।  इस सीरीज में आपको आयुर्वेद से जुड़ी अन्य उपयोगी जानकारी प्रदान करते रहेंगे। आयुर्वेद के माध्यम से अन्य रोगों के इलाज को जानने के लिए आप हमारी वेबसाइट https://www.onlymyhealth.com के साथ जरूर जुड़ें। साथ ही, हमारे लेखों को अपने दोस्तों और परिचितों के साथ शेयर करें, ताकि वह भी आयुर्वेदिक उपचारों के विषय में जागरूक हों और उनको भी इसका लाभ मिलें। 

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