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वात, पित्त और कफ में क्या खाना चाहिए? जानें सभी दोषों के लिए सही आहार

आयुर्वेद के मुताबिक मनुष्य के शरीर की वात, पित्त और कफ केवल तीन प्रकृति होती है। जानें किस प्रकृति वाले के लिए क्या सही आहार होता है।
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वात, पित्त और कफ में क्या खाना चाहिए? जानें सभी दोषों के लिए सही आहार


Which Is the Strongest Dosha: आयुर्वेद के अनुसार स्वस्थ रहने के लिए शरीर की प्रकृति के मुताबिक ही आहार चुनना चाहिए। मनुष्य के शरीर की तीन तरह की प्रकृति मानी जाती है। जिनमें वात, पित्त और कफ शामिल है। अगर आप शरीर की प्रकृति से अलग आहार लेते हैं, तो ये शरीर के लिए विरूद्ध आहार होगा। उदाहरण के लिए, अगर किसी व्यक्ति की पित्त प्रकृति है तो उसे पित्तशामक आहार लेना चाहिए। लेकिन अगर उसकी डाइट में कफशामक या वातशामक आहार शामिल है, तो इससे शरीर को नुकसान हो सकता है। अक्सर लोगों को जानकारी नहीं होती कि किस प्रकृति में कौन-से आहार लेने चाहिए। शरीर की किस प्रकृति के लिए कौन-से आहार सर्वोतम है या कौन-से आहार नहीं लेने चाहिए। इस बारे में जानने के लिए हमने हरियाणा स्थित सिरसा जिले के आयुर्वेदिक डॉ श्रेय शर्मा से बात की। आइए लेख में एक्सपर्ट से विस्तार से जानें इस बारे में।

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वात प्रकृति के लोगों को क्या खाना चाहिए? Best Food For Vata Dosha

वात प्रकृति वालों को वातशामक आहार का सेवन करना चाहिए। ऐसे में लघु और रूषक यानी बॉडी को ड्राई करने वाले आहार नहीं खाने चाहिए। वात प्रकृति वालों के लिए गुरू आहार का सेवन करना फायदेमंद होता है। ऐसे में दूध से बने आहार वातशामक होते हैं। वात प्रकृति वालों को कच्चा जैसे सलाद या ठंडी चीजों का सेवन नहीं करना चाहिए। ऐसे में तेल से अभ्यंग करना यानी रोज सुबह मालिश करना फायदेमंद होता है। इन प्रकृति वालों के लिए प्राकृतिक तेल फायदेमंद बहुत फायदेमंद होते हैं। मांस और अंडे का सेवन करना भी वातशामक होते हैं। अजवाइन को वातशामक माना जाता है।

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कफ प्रकृति वालों को क्या खाना चाहिए? Best Food For Kapha Dosha

कफ प्रकृति वालों कफशामक आहार का सेवन करना चाहिए। सर्वोतम कफशामक शहद माना जाता है। छाछ को वात और कफशामक माना जाता है। कफवर्धक वाली चीजें शरीर का बल बढ़ाने वाली होती हैं। ऐसे में मांस और सोयाबीन का सेवन करना फायदेमंद होता है। इसके अलावा, भारी आटा जैसे मकई, रागी या बाजरे के आटे भी कफवर्धक माना जाता है।

खजूर को कफवर्धक माना जाता है। आंवला त्रिदोषशामक माना जाता है, केला कफवर्धक होता है, सीताफल और मिश्री त्रिदोषशामक होता है। दही को कफवर्धक और लस्सी को वातशामक माना जाता है। अमरूद त्रिदोषहर होता है, तरबूज को वात-पित्तशामक माना जाता है। पालक, स्वांगना, बैंगन को पित्तवर्धक माना जाता है।

तोरई और मेथी को वातवर्धक की सब्जी को पित्तशामक माना जाता है। काली मिर्च को पित्तवर्धक माना जाता है, गाजर पित्तवर्धक होती है, मूली त्रिदोषहर, लहसुन पित्तवर्धक होता है।

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कौन सा भोजन पित्त को कम करता है? Which Foods Reduce Pitta Dosha

तली-भूनी और मसालेदार चीजे, पराठों के सेवन से शरीर में पित्त बढ़ जाता है। ऐसे में उन चीजों का सेवन ज्यादा करना चाहिए, जो शरीर को ठंडा रखती हैं। पित्त प्रकृति वालों को गर्मी ज्यादा लगती है इसलिए इनके लिए गर्म तासीर वाली चीजें नुकसानदायक होती हैं। पित्त प्रकृति वालों के लिए पित्तशामक आहार लेना फायदेमंद होता है।

पित्तशामक आहार में गेंहू, पुराना चावल और जौ शामिल किया जाता है। ऐसे में नाशपाती, बाबूोगशा, नारियल को भी फायदेमंद माना जाता है। इसके अलावा, गाय का दूध, घी और बकरी का दूध भी पित्तशामक आहार में शामिल है। सर्वोतम पित्तशामक देसी घी माना जाता है। घी और छाछ को बेहतरीन पित्तनाशक माना जाता है

अगर दूध का सेवन ठंडा किया जाए, तो यह पित्तनाशक हो जाता है। लेकिन अगर इसका सेवन गर्म किया जाए, तो ये पित्तवर्धक हो जाता है। धनिये, सौंफ, गुलकंद को पित्तशामक माना जाता है। वहीं, चीकू, लीची, अखरोट और आम को पित्तवर्धक माना जाता है। को पित्तवर्धक माना जाता है। सेब को वात और पित्तशामक माना जाता है। जामुन को वात और पित्तशामक माना जाता है। पिस्ता, काजू जैसे ड्राई फ्रूट्स पित्तवर्धक हो जाते हैं। पनीर और खोया को पित्तवर्धक माना जाता है। मछली, अंडा या किसी भी प्रकार का मांस वाला आहार पित्तवर्धक माना जाता है।

FAQ

  • कफ के लिए कौन से खाद्य पदार्थ सर्वोत्तम हैं? 

    कफ प्रकृति वालों के लिए शहद को सर्वोत्तम आहार माना जाता है। ऐसे में मांस और सोयाबीन का सेवन करना फायदेमंद होता है। 
  • कौन सा भोजन पित्त को कम करता है?

    सर्वोतम पित्तशामक देसी घी माना जाता है। पित्तशामक आहार में गेंहू, पुराना चावल और जौ शामिल किया जाता है। ऐसे में नाशपाती, बाबूोगशा, नारियल को भी फायदेमंद माना जाता है। इसके अलावा, गाय का दूध, घी और बकरी का दूध भी पित्तशामक आहार में शामिल है। 
  • पित्त का रामबाण इलाज क्या है?

    पित्त को कंट्रोल रखने के लिए ठंडी तासीर वाली चीजों का सेवन ज्यादा करना चाहिए। ऐसे में उन फूड्स को अवॉइड करना चाहिए जिनकी तासीर गर्म होती है। ऐसे में तले-भूने और मसालेदार चीजों का सेवन कम करना चाहिए। 

 

 

 

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