भारतीय चिकित्सा प्रणाली आयुर्वेद में सिर्फ बीमारी और समस्याओं का समाधान ही नहीं होता है बल्कि बीमारी की जड़ को जानने की कोशिश की जाती है और उसके अनुसार इलाज किया जाता है। आयुर्वेद में किसी भी बीमारी और समस्याओं को पूरी तरह से खत्म करने की कोशिश की जाती है। वर्तमान समय में भारतीय आयुर्वेदिक चिकित्सा प्रणाली के प्रति विदेशी लोगों का रुझान भी बढ़ रहा है। आयुर्वेद में शरीर के तीन दोषों - वात, पित्त और कफ की पहचान की जाती है और उसके अनुसार ही समस्याओं का इलाज होता है। इन दोषों के संतुलन और असंतुलन का हमारे शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य पर असर पड़ता है। त्वचा के प्रकार भी इन दोषों पर आधारित होते हैं। इस लेख में रामहंस चेरिटेबल हॉस्पिटल के आयुर्वेदिक डॉक्टर श्रेय शर्मा (Ayurvedic doctor Shrey Sharma from Ramhans Charitable Hospital) वात प्रधान प्रकृति के लोगों की त्वचा कैसी होती है और इसकी देखभाल कैसे करें इसके बारे में बता रहे हैं।
वात प्रधान प्रकृति के लोगों की त्वचा कैसी होती है? - What Are The Characteristics Of Vata Skin
1. डॉक्टर श्रेय शर्मा ने बताया कि वात प्रधान लोगों की त्वचा आमतौर पर ड्राई और बेजान नजर आती है।
2. वात प्रधान लोगों की त्वचा पतली और नाजुक होती है, जिससे इस पर झुर्रियों की शिकायत उम्र से पहले नजर आने लगती है।
3. अक्सर ऐसा देखा गया है कि वात प्रधान लोगों की त्वचा बेजान और फिकी दिखती है।
4. बदलते मौसम, ठंडी हवाओं और केमिकल युक्त ब्यूटी प्रोडक्ट्स के इस्तेमाल से वात प्रधान लोगों की त्वचा पर समस्याएं हो सकती हैं।
5. बढ़ती उम्र के साथ होने वाले लक्षण वात प्रधान लोगों की त्वचा पर जल्दी नजर आने लगते हैं।
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वात प्रधान प्रकृति के लोग त्वचा की देखभाल कैसे करें? - How To Take Care Of Vata Skin
डॉक्टर श्रेय शर्मा का कहना है कि वात प्रधान लोगों के लिए अभ्यंग बहुत लाभदायक होता है। इससे त्वचा को नमी मिलती है, जिससे त्वचा नेचुरली ग्लोइंग नजर आती है। डॉक्टर की सलाह है कि वात प्रधान लोगों को सिर से लेकर पैर तक की मालिश तेल से करनी चाहिए। इससे त्वचा बेहतर नजर आएगी और कई तरह की समस्याएं भी दूर होंगी। डॉक्टर की सलाह है कि अगर वात प्रधान लोगों के पास समय की कमी है और वो रोजाना अभ्यंग नहीं कर सकते तो दिन में 2 बार चेहरे पर ऑयल या किसी ऐसी चीज से मसाज जरूर करें, जिससे हाइड्रेशन बना रहे और त्वचा को पोषण मिले।
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1. वात प्रधान लोगों को केमिकल फ्री सौम्य क्लींजर का उपयोग करना चाहिए, जिससे त्वचा हाइड्रेटेड भी हो।
2. त्वचा पर ज्यादा स्क्रब का इस्तेमाल करने से बचें और डेड स्किन हटाने के लिए तिल से बने स्क्रब का इस्तेमाल करें।
3. वात प्रधान लोगों को त्वचा पर मलाई, दूध, ऑलिव ऑयल और बादाम के तेलों को लगाना चाहिए। जिससे त्वचा को पोषण मिले और हाइड्रेशन बना रहे।
4. इसके साथ ही वात प्रधान लोगों को घी, तेल, ड्राई फ्रूट्स और सीड्स का सेवन करना चाहिए, जिससे कि शरीर को अंदर से पोषण मिले और त्वचा पर नेचुरल निखार आए।
वात प्रधान त्वचा की देखभाल के लिए नियमित मॉइश्चराइजिंग, हाइड्रेशन और पौष्टिक आहार जरूरी है।
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