आयुर्वेद में त्रिफला का सेवन सेहत के लिए बेहद फायदेमंद माना जाता है। त्रिफला तीन फलों- आंवला, हरड़ और बहेड़ा को मिलाकर बनाया जाता है। इस त्रिफला का सेवन कई स्वास्थ्य समस्याओं को दूर करने में बेहद लाभकारी है। आयुर्वेद में त्रिफला को एक केमिकल माना गया है, जो शरीर के संपूर्ण स्वास्थ्य को संतुलित करता है। इता ही नहीं इसके नियमित सेवन से शरीर के त्रिदोष वात, पित्त और कफ को संतुलित करने में भी मदद मिलती है। लेकिन, हर व्यक्ति के शरीर में अलग-अलग दोष की प्रधानता होती है। इसलिए, त्रिफला का सेवन शरीर के दोष के अनुसार करना जरूरी और फायदेमंद होता है। लेकिन हर व्यक्ति में किसी न किसी दोष की प्रधानता होती है, इसलिए त्रिफला का सेवन उस अनुसार करना चाहिए। आइए रामहंस चेरिटेबल हॉस्पिटल के आयुर्वेदिक डॉक्टर श्रेय शर्मा से जानते हैं कि त्रिदोषों के अनुसार त्रिफला खाने का सही तरीका क्या है?
त्रिदोष के अनुसार त्रिफला का सेवन कैसे करें?
शरीर के दोष के अनुसार त्रिफला कैसे और किसके साथ खा रहे हैं, ये बात बहुत मायने रखती हैं, आइए जानते हैं शरीर दोष के अनुसार त्रिफला खाने का सही तरीका-
1. वात दोष
शरीर में वात दोष होने पर गैस बनने, हाथ-पैरों में कपकपी, जोड़ों में दर्द, कब्ज, एंग्जाइटी और अनिद्रा की समस्या होती है। ऐसे में वात दोष को संतुलित रखने के लिए आप अपनी डाइट में त्रिफला शामिल कर सकती हैं। त्रिफला का सेवन वास दोष को संतुलित करने के लिए आप गुनगुने घी या गुनगुने पानी के साथ ले सकते हैं। रात को सोने से पहले 1 चम्मच त्रिफलला चूर्ण को आधा चम्मच धी या शहद के साथ लें। इससे मल साफ होता है और वात शांत होता है। इतना ही नहीं त्रिफला का सेवन आप दूध में उबालकर भी पी सकते हैं और अदरक या सौंथ के साथ भी ले सकते हैं, जो आपके शरीर में वात दोष के बढ़ने के कारण होने वाली समस्याओं से राहत दिला सकता है।
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2. पित्त दोष
शरीर में पित्त दोष बढ़ने पर पेट में जलन, एसिडिटी, चिड़चिड़ापन, बाल झड़ने और मुंह में छाले की समस्या हो सकती है। ऐसे में अपने शरीर में पित्त दोष को संतुलित करने के लिए त्रिफला का सेवन ठंडे पानी या गुलाब जल के साथ कर सकते हैं। इसके लिए 1 चम्मच त्रिफला चूर्ण को रात में भिगोकर सुबह छानकर खाली पेट पिएं। त्रिफला में मौजूद आंवला की मात्रा पित्त वालों के लिए ज्यादा फायदेमंद होती है। त्रिफला को मिश्री या ठंडी चीजों के साथ मिलाकर खाया जा सकता है और आप इसे नारियल पानी या बेल के शरबत के साथ भी खा सकते हैं।
3. कफ दोष
शरीर में कफ दोष बढ़ने पर बलगम की समस्या, पेट में भारीपन, मोटापा, सुस्ती और एलर्जी की परेशानी बढ़ सकती है। कफ दोष के कारण होने वाली इन समस्याओं से राहत पाने के लिए आप अपनी डाइट में त्रिफला शामिल कर सकते हैं। कफ दोष को संतुलित करने के लिए त्रिफला का सेवन आप गुनगुने पानी या शहद के साथ सुबह खाली पेट या रात को खाने के 1 घंटे बाद सेवन कर सकते हैं। कफ दोष में त्रिफला में मौजूद हरड़ की मात्रा इसके कारण होने वाली समस्याओं से राहत दिलाने में ज्यादा फायदेमंद होती है। कफ शमन के लिए त्रिफला का सेवनआप सौंठ, हल्दी या काली मिर्च के साथ मिलाकर कर सकते हैं। शहद के साथ त्रिफला का सेवन आपके शरीर से बलगम निकालने में मदद करता है।
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त्रिफला का सेवन कितनी मात्रा में करना चाहिए?
त्रिफला का नियमित सेवन बच्चों से लेकर घर के बड़े-बुजुर्ग हर उम्र के लोगों के लिए फायदेमंद होता है। लेकिन, इसकी मात्रा का खास ध्यान रखना बहुत जरूरी है। इसलिए, अगर कोई 18 साल या उससे ज्यादा उम्र का व्यक्ति त्रिफला का सेवन करता है तो वो 1 चम्मच यानी 3 से 5 ग्राम त्रिफला का सेवन एक दिन में कर सकता है, जबति 5 से 12 साल के बच्चे को दिन में ¼ से ½ चम्मच डॉक्टर की सलाह से दिया जा सकता है। मात्रा ज्यादा होने पर ये आपके शरीर में कई समस्याओं का कारण बन सकता है, इसलिए मात्रा का ध्यान दें।
निष्कर्ष
त्रिफला एक बेहतरीन आयुर्वेदिक औषधि है, जो त्रिदोषों को संतुलित करने में काफी फायदेमंद होती है। लेकिन, अगर इसे अपने दोषों के अनुसार सही तरीके से खाया जाए तो इसके फायदे और ज्यादा बढ़ जाते हैं। वात वाले लोगों को त्रिफला गर्म चीजों के साथ, पित्त वालों को ठंडी चीजों के साथ औरकफ वालों को शहद या गर्म पानी के साथ लेना चाहिए। लेकिन, अगर आपको किसी तरह की कंफ्यूजन हो तो आप किसी आयुर्वेदिक डॉक्टर या एक्सपर्ट से सलाह ले सकते हैं।
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FAQ
त्रिफला खाने से क्या फायदा होता है?
त्रिफला का सेवन हमारे पाचन क्रिया को बेहतर रखने, कब्ज की समस्या को दूर करने, स्किन और आंखों को स्वस्थ रखने में बहुत फायदेमंद होता है। यह एक आयुर्वेदिक औषधि है, जो तीन फलों- आंवला, हरड़ और बहेड़ा को मिलकर तैयार किया जाता है।त्रिफला का साइड इफेक्ट क्या है?
त्रिफला का ज्यादा मात्रा में सेवन करने से कुछ लोगों को दस्त, पेट दर्द, गैस, एलर्जी और स्किन से जुड़ी समस्याएं हो सकती हैं, अगर व्यक्ति को इससे एलर्जी हो या वो ज्यादा मात्रा या गलत तरीके से इसका सेवन कर ले।आयुर्वेद के अनुसार त्रिदोष कौन से हैं?
आयुर्वेद के अनुसार, त्रिदोष हमारे शरीर में मौजूद तीन ऊर्जाएं हैं जो शरीर के सभी कामों को कंट्रोल करती हैं। ये त्रिदोष वात, पित्त, और कफ हैं।