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जीभ के रंग और बनावट से शरीर की प्रकृति का लग सकता है पता, जानें वात, पित्त और कफ दोष की पहचान करने का तरीका

जीभ के रंग और आकार के माध्यान से आप अपने शरीर में त्रिदोष के असंतुलन का पता लगा सकते हैं। आइए जानते हैं कैसे- 
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जीभ के रंग और बनावट से शरीर की प्रकृति का लग सकता है पता, जानें वात, पित्त और कफ दोष की पहचान करने का तरीका


आयुर्वेद के अनुसार हमारा शरीर त्रिदोष यानी वात, पित्त और कफ पर निर्भर करता है। यह तीनों दोष अगर आपके शरीर में संतुलित हैं, तो आप एक हेल्दी व्यक्ति की कैटेगरी में आते हैं, लेकिन अगर इनमें से कोई भी एक दोष असंतुलित है तो आपका स्वास्थ्य बिगड़ सकता है। पित्त दोष अग्नि से संबंधित है, और कफ जल से संबंधित है, जबकि वात सभी गतिविधियों जैसे सांस का फ्लो, हार्ट रेट, और पूरे मन को संतुलित करने का काम करता है। इसलिए त्रिदोषों पर नजर रखने और इसका समय पर इलाज करना जरूरी है। बता दें कि शरीर में दोषों का असंतुलन आप अपनी जीभ के रंग और आकार से पता लगा सकते हैं। आयुर्वेदिक डॉ नीरव जोशी से जानते हैं जीभ से त्रिदोषों का पता लगाने का तरीका क्या है? 

जीभ देखकर दोष का पता कैसे चलता है?

1. वात जीभ कैसी दिखती है

वात असंतुलन वाले व्यक्तियों की जीभ आमतौर पर संकरी होती है, जिसकी सतह पर दरारें दिखाई देती हैं। इन व्यक्तियों की जीभ अक्सर पीली दिखाई देती है और उस पर असमान भूरे रंग की परत नजर आती है। जीभ पर नजर आने वाले ये संकेत ड्राईनेस को दिखाता है, जो वात से जुड़े लक्षण होते हैं। वात असंतुलन अक्सर कब्ज, चिंता और खराब सर्कुलेशन जैसी समस्याओं को बढ़ा सकता है। जीभ पर नजर आने वाली ये दरारें निर्जलीकरण का कारण होता है, जो वात दोष बढ़ने पर आम होता है। 

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2. जीभ से पित्त की पहचान 

पित्त असंतुलन वाले व्यक्ति की जीभ अक्सर मध्यम आकार की और लाल रंग की होती है। जीभ पर रेडनेस पित्त से जुड़ी गर्मी और सूजन को दिखाती है। कई मामलों में, कुछ लोगों के जीभ पर हरे रंग की कोटिंग नजर आती है, जो शरीर में अतिरिक्त पित्त या अम्लता का संकेत हो सकती है। पित्त असंतुलन पाचन संबंधी समस्याओं, सूजन की समस्या और शरीर में ज्यादा गर्मी बढ़ने से जुड़ी है। 

3. कफ दोष की पहचान 

कफ दोष असंतुलित व्यक्तियों की जीभ आमतौर पर बड़ी होती है और सूजी हुई नजर आती है। इसमें अक्सर एक मोटी सफेद रंग की कोटिंग होती है, जो शरीर में अतिरिक्त बलगम या जमाव का संकेत देती है। जीभ पर सफेद रंग नमी का संकेत होती है, जो कफ प्रकृति वाले व्यक्तियों की खासियत होती है। कफ दोष वाले लोगों को सुस्त पाचन, वजन बढ़ना और सांस से जुड़ी समस्याएं होती है, जो जीभ पर इन संकेतों के माध्यान से नजर आ सकते हैं।

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निष्कर्ष

आयुर्वेद में जीभ के माध्यान से वात, पित्त और कफ के संतुलन के आकलन के लिए इ जीभ का निदान वात, पित्त और कफ के संतुलन का आकलन करने का एक आम तरीका है। आप जीभ के रंग, आकार और कोटिंग के दिखने के तरीके से अपने स्वास्थ्य के बारे में पता लगा सकते हैं। 

 
 
 
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Image Credit: Freepik 

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